Tuesday, March 19, 2024
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ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ चलाएगी रेलवे, उद्योगों की आपूर्ति पर रोक: टाटा स्टील जैसी कंपनियाँ भी आईं आगे

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया है कि दिल्ली के शकूरबस्ती स्टेशन पर 50 कोविड-19 आइसोलेशन कोच तैयार हैं, जिनमें 800 बिस्तरों की सुविधा है। आनंद विहार स्टेशन पर 25 कोच कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों की माँग पर रेलवे देशभर में 3 लाख से अधिक आइसोलेशन बेड्स का इंतजाम कर सकती है।

कोरोना की दूसरी लहर के लगातार गंभीर होने के बीच देश के कई राज्यों से ऑक्सीजन की कमी को लेकर खबरें आ रही है। इसे देखते हुए रेलवे ने ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ चलाने का फैसला किया है। कई स्टील कंपनियों ने भी अपने प्लांट से ऑक्सीजन आपूर्ति का ऐलान किया है। 22 अप्रैल से 9 सेक्टरों को छोड़कर अन्य उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने का भी फैसला किया गया है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार (अप्रैल 18, 2021) को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है कि अगर बहुत जरूरी ना हो तो औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई को रोकें। सिर्फ छूट प्राप्त सेवाओं के लिए ही सप्लाई को अनुमति दें। उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में मेडिकल ऑक्सीजन की माँग भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक डिमांड है। इन राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा गठित सशक्त समूह- II की समीक्षा की गई है, जिसके बाद ये फैसला लिया गया।

इस मुश्किल घड़ी में रेलवे ने ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ नाम से एक ट्रेन चलाने का ऐलान किया है। इन खास ट्रेनों की आवाजाही में देरी न हो इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का फैसला किया गया है। इससे ऑक्सीजन की सप्लाई तेज़ी से हो सकेगी। रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, “रेलवे तरल मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) और ऑक्सीजन सिलेंडर के ट्रांसपोर्ट के लिए पूरी तरह से तैयार है। रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की तैयारी में है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस की तेज़ आवाजाही के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाएगा।”

रेलवे ने बताया कि टेक्निकल ट्रायल्स के बाद खाली टैंकरों को कलमबोली/बोइसर से मुंबई भेजा जाएगा और फिर वहाँ से वाइजाग जमशेदपुर/राउरकेला/बोकारो भेजा जा रहा है। वहाँ इनमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों ने रेलवे से यह पता लगाने का अनुरोध किया था कि क्या रेलवे लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को ले जा सकती है। रेलवे ने तुरंत इस पर विचार किया और यह फैसला लिया। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को रोल ऑन रोल ऑफ सर्विस के जरिए ले जाया जा सकता है। इसके लिए रोड टैंकर्स को फ्लैट वैगंस पर रखना होगा। वेगन में 31-31 टन लिक्विड ऑक्सीजन के टैंकर की रैक होंगी। सबसे पहले महाराष्ट्र को स्टॉक पहुँचाया जा रहा है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि दिल्ली के शकूरबस्ती स्टेशन पर 50 कोविड-19 आइसोलेशन कोच तैयार हैं जिनमें 800 बिस्तरों की सुविधा है। इसी तरह आनंद विहार स्टेशन पर 25 कोच कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों की माँग पर रेलवे देश भर में 3 लाख से अधिक आइसोलेशन बेड्स का इंतजाम कर सकती है।

मंत्रालय ने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में भी 94 कोविड केयर कोच उपलब्ध कराए हैं, जहाँ अब तक 6 कोविड-19 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र ने भारतीय रेलवे से कोविड केयर कोच की माँग की, जिसके बाद रेलवे ने इन कोच को राज्य को आवंटित किया।

गौरतलब है कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी ऑक्सीजन सिलेंडर की देश में भारी किल्लत देखी जा रही है। इसे दूर करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी दोनों स्तर से प्रयास जारी हैं। उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज महाराष्ट्र को मुफ्त में ऑक्सीजन दे रही है। रिलायंस ने गुजरात के जामनगर स्थित अपनी रिफाइनरियों से 100 टन ऑक्सीजन की सप्लाई की है। 

इसके अलावा टाटा स्टील, सेल समेत कई इस्पात कंपनियों ने कोविड मरीजों के उपचार के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की घोषणा की है। टाटा स्टील ने रविवार को घोषणा की कि उसने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को दैनिक आधार पर 300 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।

टाटा स्टील ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, हम विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को रोजाना 200-300 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। हम कोरोना की रोकथाम के लिये जारी अभियान में साथ हैं और निश्चित रूप से इससे पार पाएँगे।’’

निजी क्षेत्र की जेएसपीएल ने भी कहा कि वह अपने अंगुल (ओडिशा) और रायगढ़ (छत्तीसगढ़) स्थित कारखानों से 50 से 100 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। इससे पहले, सार्वजनिक क्षेत्र की सेल ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा था, ‘‘सेल ने अपने एकीकृत इस्पात कारखाने बोकारो (झारखंड), भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओड़िशा), दुर्गापुर और बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) से कोविड मरीजों के उपचार के लिए 99.7 प्रतिशत शुद्धता वाले 33,300 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।’’ आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लि. (एएमएनएस इंडिया) ने कहा कि वह गुजरात में स्वास्थ्य केंद्रों को प्रतिदिन 200 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है।

वहीं बिहार के बेगूसराय में डीएम ने ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए बीते एक साल से बंद पड़ी फैक्ट्री को शुरू करने का निर्देश दिया। प्लांट चालू होने पर एक दिन में 450 ऑक्सीजन सिलेंडर भरा जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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