Wednesday, May 21, 2025
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थाइलैंड में 33 हजार केस, पर मौतें सबसे ज्यादा ब्रिटेन में: क्या है कोविड-19 का नया वेरिएंट JN.1 जिससे भारत भी नहीं अछूता, जानिए कितना गंभीर है खतरा?

भारत की बात की जाए तो ज्यादातर मामले भारत के दक्षिण राज्यों में मिले हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में फिलहाल कोरोना वायरस के 257 सक्रिय मामले हैं।

कोविड-19 के मामलों ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है। इस बार इसका एक नया वेरिएंट JN.1 एशिया में तेजी से फैल रहा है। हालाँकि कोरोना को लेकर देशभर के चिकित्सक और विशेषज्ञ पहले ही यह कह चुके हैं कि इससे अब डरने की आवश्यकता नहीं है।

कोविड-19 के प्रति हमारे शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी है। इसके बावजूद दुनिया में हजारों की संख्या में बढ़ रहे मामले चिंता का विषय बन रहे हैं।

सबसे ज्यादा मामले थाइलैंड में, सबसे अधिक मौतें ब्रिटेन में

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगापुर में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कोरोना के संक्रमण के मामले 11,100 थे जो मई 2025 की शुरुआत में 14,000 से भी अधिक हो गए।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट की मानें तो थाईलैंड के आपदा नियंत्रण विभाग ने बताया कि 11 मई से 17 मई के बीच देश में 33,030 मामले सामने आए थे। इनमें से सिर्फ बैंकॉक में ही कम से कम 6,000 मामले मिले थे।

इसी तरह हांगकांग में 6 अप्रैल के बाद महज चार हफ्तों में ही कोरोना से संक्रमित मामलों की संख्या 6.21% से बढ़कर 13.6% तक हो गई।

एशिया के अलावा ब्रिटेन में कोरोना के मामले सबसे अधिक डरा रहे हैं। ब्रिटेन सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि 2 मई को 101 लोगों की मौत कोविड-19 के कारण हुई। उससे पहले जनवरी में एक सप्ताह के अंदर 111 लोगों की मौत हुई।

भारत में मामले कम पर हुईं 2 मौतें

भारत की बात की जाए तो ज्यादातर मामले भारत के दक्षिण राज्यों में मिले हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में फिलहाल कोरोना वायरस के 257 सक्रिय मामले हैं। इनमें से 53 मामले मुंबई में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 मई 2025 तक 95 मामलों के साथ केरल में सबसे अधिक संक्रमण देखा गया है। इसके बाद तमिलनाडु में 66, महाराष्ट्र में 56 और कर्नाटक में 13 मामले मिले हैं। इन सब के साथ पुडुचेरी में 10, गुजरात में 7, दिल्ली में 5, और राजस्थान में 2 समेत हरियाणा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में एक-एक नए मामले सामने आए हैं।

मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल के एक अस्पताल में ही हाल ही में कोरोना से संक्रमित दो मरीजों की मौत हो चुकी है। हालाँकि डॉक्टरों का कहना है कि इन दोनों रोगियों को कोरोना के साथ कई गंभीर चिकित्सकीय परेशानियाँ थी जिसके कारण उनकी मौत हुई।

54 वर्षीय एक रोगी कैंसर का मरीज था तो वहीं 14 वर्षीय दूसरा मरीज नेफ्रोटिक सिंड्रोम यानी गुर्दे में परेशानी से ग्रस्त था। इन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ जिससे हालत और अधिक खराब हो गई और दोनों की मृत्यु हो गई।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा है कि मुंबई के एक हॉस्पिटल में कोरोना के दो मरीज भर्ती हैं लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है। हमारे शरीर में इसकी प्रतिकार शक्ति मौजूद है। फिर भी किसी तरह की परेशानी हो तो स्वास्थ्य विभाग या अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या है नया वैरिएंट

कोरोना के मामलों के तेजी से बढ़ने के पीछे नया वेरिएंट JN.1 जिम्मेदार है। असल में यह ओमिक्रोन वैरिएंट का ही सब-वेरिएंट है। एक दिलचस्प बात ये भी है कि JN.1 खुद एक सब-वेरिएंट है पर इसके भी उप-वेरिएंट के तौर पर LF.7 और NB.1.8 आ चुके हैं जिनके मामले सिंगापुर और हांगकांग में सबसे अधिक आए हैं। भारत में इसे जुड़े मामले अभी तक सामने नहीं आये हैं।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “मौजूदा समय में LF.7 और NB.1.8 ही सिंगापुर में तेजी से फैल रहे हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग किए गए मामलों में से दो तिहाई मामले इसी से जुड़े हैं। JN.1 वो वेरिएंट भी है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन के फॉर्मुलेशन में भी किया गया है।”

जानकारों का कहना है कि ये वेरिएंट पहले की अपेक्षा गंभीर नहीं है लेकिन इसके तेजी से फैलने से चिंता बढ़ रही है।

कोविड के नए वेरिएंट के लक्षण क्या हैं

कोरोना वायरस के इस वेरिएंट के लक्षण पहले के लक्षणों की तरह ही है। संक्रमित मरीजों को गला खराब, थकान, सिरदर्द और खाँसी जैसे लक्षण हो रहे हैं। हालाँकि, JN.1 के कुछ बड़े लक्षणों में डायरिया या सिरदर्द भी देखने को मिल रहे हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगापुर और हांगकांग में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों को देखते हुए भारत में सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई।

बैठक में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ डिविजन, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और केंद्र सरकार से जुड़े अस्पतालों के विशेषज्ञ शामिल रहे।

पीटीआई ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया, “बैठक में ये साफ तौर पर कहा गया है कि भारत में कोरोना-19 की मौजूदा स्थिति नियंत्रण में बनी हुई है। 19 मई 2025 तक कोविड-19 के 257 मामले हैं। देश की इतनी बड़ी आबादी को देखते हुए ये संख्या बहुत कम है। इनमें भी ज्यादातर मामले गंभीर नहीं हैं, ऐसे में परेशानी या गंभीर होने वाली कोई बात अब तक नहीं है।”

इन बातों का जरूर रखें खयाल

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर बचाव रखने का जरूरत आन पड़ी है। घर से बाहर निकने वालों के लिए जरूरी है कि वे बचाव करते चलें ताकि अपने साथ वे अपने परिजनों की सेहत बी सुरक्षित रह सकें।

जब भी किसी भीड़भाड़ वाले या मेट्रो, बस, ट्रेन जैसी बंद रहने वाले वातावरण में जाएँ तो मास्क जरूर पहनें। इसके अलावा कुछ और बातों जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए वो ये हैं:

  • जब सार्वजनिक क्षेत्रों में जाएँ ऐसा मास्क पहनें जो ठीक से फिट हो।
  • बार-बार मुँह को छूने से परहेज करें।
  • थोड़ी-थोड़ी देर पर हाथ धोएँ।
  • बीमार महसूस होने पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।
  • वैक्सीनेशन की बूस्टर खुराक अगर पहले से नहीं लिया है तो अब लें।
  • अगर कोरोना से संक्रमित पाए जाते हैं तो घर पर रहें और अलग-थलग रहें।
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रामांशी
रामांशी
Journalist with 8+ years of experience in investigative and soft stories. Always in search of learning new skills!

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