Wednesday, November 13, 2024
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चमका ParleG का धंधा: प्रॉफिट 15.2% बढ़ा, राजस्व बढ़कर ₹9030 करोड़,

पार्ले बिस्किट्स के कुल राजस्व की बात करें तो उसमें 6.4% की वृद्धि दर्ज की गई। इन आॅंकड़ों ने पार्ले जी के बहाने अर्थव्यवस्था को लेकर नकारात्मकता फैलाने वालों को निराश किया है। इनका दावा था कि जीएसटी रेट में इजाफे के कारण पार्ले जी हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है।

‘पार्ले जी’ बिस्किट बनाने वाली कम्पनी पार्ले के वार्षिक लाभांश में 15.2% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह आँकड़ा वित्तीय वर्ष 2018-19 का है। अर्थात, फाइनेंसियल ईयर 2018-19 में ‘पार्ले बिस्किट्स’ कम्पनी ने पिछले वित्तीय वर्ष के मुक़ाबले 15.2% ज्यादा लाभ कमाया है। पार्ले सहित कई बिस्किट कंपनियों ने सरकार से जीएसटी दर घटाने की भी माँग की थी। पार्ले बिस्किट ने इस वर्ष 410 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है, जबकि पिछले वर्ष यह आँकड़ा 355 करोड़ रुपए था। इसके आल्वा पार्ले के कुल राजस्व में भी वृद्धि दर्ज की गई है। यह सब मंदी की चर्चाओं के बावजूद हुआ।

अगर पार्ले बिस्किट्स के कुल राजस्व की बात करें तो इस वर्ष यह 6.4%की वृद्धि के साथ 9030 करोड़ रुपए रहा, इसमें केवल ऑपरेशन से आने वाले राजस्व की हिस्सेदारी 8780 करोड़ रुपए रही। अगर कम्पनी की अन्य आमदनी की बात करें तो यह भी 26% की बड़ी उछाल के साथ इस वर्ष 250 करोड़ रुपए रहा। इससे पहले काफ़ी ख़बरों में कहा गया था कि पार्ले जीएसटी रेट को 18% किए जाने से निराश है और इसके कारण हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने बिस्किट्स पर जीएसटी की दरें बढ़ा दी थीं। इसके बाद कई कथित बुद्धिजीवियों और मीडिया रिपोर्ट्स ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि गलत आर्थिक नीतियों से आई मंदी के कारण पार्ले ‘काफी बुरी स्थिति’ में है। इससे नौकरियाँ जा सकती है और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। पार्ले की ख़बर को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधा गया था। अब पार्ले के राजस्व और शुद्ध लाभ में उछाल के साथ इन चर्चाओं पर विराम लग गया है।

पार्ले के सीनियर केटेगरी हेड मयंक शाह ने इन रिपोर्ट्स को आधारहीन बताते हुए जानकारी दी कि पार्ले में कर्मचारियों की किसी भी प्रकार की छँटनी नहीं की गई है। उन्होंने बताया था कि चीजों को ग़लत तरीके से पेश कर नकारात्मकता फैलाई गई। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा था कि यह इंडस्ट्री के विकास दर और बिस्किट्स की बिक्री में बढ़ोतरी पर तय होता है कि कर्मचारियों की छँटनी की जाएगी या नहीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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