Saturday, April 20, 2024
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मोदी सरकार ने भारत के खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनलों को किया ब्लॉक, 114 करोड़ थे व्यूज और 85 लाख 73 हजार सब्सक्राइबर

ये चैनल केंद्र द्वारा धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने, धार्मिक त्योहारों के उत्सव पर प्रतिबंध लगाने, भारत में धार्मिक युद्ध की घोषणा जैसे झूठे दावे कर रहे थे।

मोदी सरकार ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत की नेशनल सिक्योरिटी, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था संबंधी फेक न्यूज़ फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है। इन चैनलों पर आईटी नियम, 2021 के तहत एक्शन लिया गया है। इसमें 7 भारतीय और एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल शामिल हैं।

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने बताया, “7 भारतीय और 1 पाकिस्तानी YouTube समाचार चैनल आईटी नियम, 2021 के तहत ब्लॉक किए गए हैं। इन YouTube चैनलों को 114 करोड़ से अधिक बार देखा गया था, और 85 लाख 73 हजार सब्सक्राइबर थे। ब्लॉक्ड YouTube चैनलों द्वारा भारत विरोधी कंटेंट के जरिए पैसे कमाए जा रहे थे।”

केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ये चैनल केंद्र द्वारा धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने, धार्मिक त्योहारों के उत्सव पर प्रतिबंध लगाने, भारत में धार्मिक युद्ध की घोषणा जैसे झूठे दावे कर रहे थे। बयान में आगे कहा गया कि इस तरह की सामग्री में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने जैसा कंटेंट पाया गया।

सरकार ने अपने बयान में कहा है कि इन यूट्यूब चैनलों पर भारत विरोधी फेक न्यूज चलाए जा रहे थे। ये यूट्यूब चैनल पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर को लेकर फेक न्यूज फैला रहे थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से इनके कंटेंट को पूरी तरह से गलत और संवेदनशील माना गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल अप्रैल महीने में भी कई यू ट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की गई थी। केंद्र की मोदी सरकार ने तब 22 यूट्यूब चैनलों को तत्काल प्रभाव से ब्लॉक कर दिया गया था। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आदेश पर यह कार्रवाई की गई थी। इन 22 चैनलों में 18 भारतीय YouTube समाचार चैनल के अलावा 4 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल थे। बता दें कि इससे पहले भी मोदी सरकार ने 78 यूट्यूब चैनल को ब्लाक किया था।

आईटी एक्ट 2000 की धारा 69A के उल्लंघन के आरोप में ये कार्रवाई की गई थी। इस मामले में सरकार का कहना था कि ये चैनल्स भारत में दहशत फैलाने, सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने के लिए झूठी जानकारी फैला रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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