Thursday, May 9, 2024
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‘विवाद से विश्वास’: मोदी सरकार की योजना से सुलझा टैक्स का झमेला, खजाने में आए ₹72,480 करोड़

"मोदी सरकार की विवाद से विश्वास योजना विवादित कर, विवादित ब्याज, विवादित पेनाल्टी या फीस का निपटान करती है। यह बहुत बड़ी सफलता है, क्योंकि इसके जरिए अभी तक विवादित माँग के ख़िलाफ़ 72,480 करोड़ रुपए का टैक्स सीपीएसयू और करदाताओं द्वारा भुगतान किया जा चुका है।"

केंद्र की मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ के जरिए अब तक 72, 480 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस योजना के अंतर्गत 17 नवंबर 2020 तक 31,734 करोड़ की विवादित टैक्स डिमांड से संबंधित 45,855 घोषणाएँ हुई हैं।

बुधवार (नवंबर 18, 2020) को हुई मीटिंग में वित्त विभाग ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत अब तक कुल 1,00,195 करोड़ रुपए की विवादित रकम से जुड़े मामलों को सुलझाया गया है, जिनकी 72,480 करोड़ रुपए की समझौता टैक्स राशि 17 नवंबर तक जमा कराई जा चुकी थी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में बताया,

“मोदी सरकार की विवाद से विश्वास योजना विवादित कर, विवादित ब्याज, विवादित पेनाल्टी या फीस का निपटान करती है। यह बहुत बड़ी सफलता है, क्योंकि इसके जरिए अभी तक विवादित माँग के ख़िलाफ़ 72,480 करोड़ रुपए का टैक्स सीपीएसयू और करदाताओं द्वारा भुगतान किया जा चुका है।”

बता दें कि इस योजना के तहत करदाताओं को विवादित कर, विवादित ब्याज और विवादित जुर्माने या शुल्क का निपटान करने के लिए 100 प्रतिशत विवादित कर और 25 प्रतिशत विवादित जुर्माना, ब्याज या शुल्क अदा करना पड़ता है। 

प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून को 17 मार्च 2020 को लागू किया गया था। इसका उद्देश्य अपीलीय मंचों से बकाया प्रत्यक्ष कर विवादों का निपटान करना है। सरकार ने हाल ही में टैक्स से जुड़े विवाद सुलझाने के लिए शुरू की गई ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम की आखिरी तारीख  को तीसरी बार बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया था। हालाँकि इसके बारे में घोषणा दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले आयकर विभाग की एक उच्च स्तरीय मीटिंग में करदाताओं को स्कीम के बारे में सूचित करने के लिए ई-कैंपेन लॉन्च करने का निर्णय लिया गया था। इस योजना में उन्हें बताया जाना था कि करदाताओं को विवादित कर, विवादित ब्याज और विवादित जुर्माने या शुल्क का निपटान करने के लिए 100 फीसदी विवादित कर और 25 फीसदी विवादित जुर्माने, ब्याज या शुल्क अदा करना पड़ता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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