Saturday, July 27, 2024
Homeविविध विषयअन्यग्रेजुएशन करने काॅलेज गई हिंदू लड़की, मुस्लिम दोस्त पढ़ाने लगे 'इस्लामी पाठ': केरल की...

ग्रेजुएशन करने काॅलेज गई हिंदू लड़की, मुस्लिम दोस्त पढ़ाने लगे ‘इस्लामी पाठ’: केरल की श्रुति से सुनिए कैसे वह बनी रहमत

"इसमें (द केरल स्टोरी) लड़कियाँ जो कुछ बोल रही हैं, वो सब सही है। 10 साल पहले मेरा भी ब्रेन वॉश किया गया, जिसके चलते मैंने अपना धर्म बदल लिया था। ग्रेजुएशन में ज्यादातर क्लासमेट मुस्लिम थे। उन लोगों से मैं इस्लाम को लेकर प्रभावित हो गई थी।"

फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) 5 मई 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म की रिलीज रुकवाने को लेकर काॅन्ग्रेसी और वामपंथी गैंग ने तमाम हथकंडे अपनाए हैं। फिल्म को प्रोपेगेंडा बताकर खारिज करने की कोशिश की है। लेकिन इस फिल्म ने केरल की उन तमाम लड़कियों की कहानियों को चर्चा में ला दिया है, जिनका सुनियोजित तरीके से इस्लामी धर्मांतरण किया गया। कई को आतंकी संगठन आईएसआईएस में सेक्स स्लेव बना दिया गया।

केरल में चल रहे ‘कन्वर्जन फैक्ट्री’ का सच जानने के लिए ABP न्यूज ने कई पीड़िताओं से बात की है। इनमें से एक लड़की श्रुति भी है। वह कॉलेज पढ़ने के लिए गई थी। लेकिन वहाँ मुस्लिम साथियों ने उसका ब्रेन वॉश कर धर्म परिवर्तन करवा दिया। फिर वह रहमत के नाम से जानी जाने लगी। केरल के कासरगोड की रहने वाली श्रुति का कहना है कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के ट्रेलर में जो कुछ दिखाया गया है, वह सही है।

ABP न्यूज को श्रुति ने बताया, “इसमें (द केरल स्टोरी) लड़कियाँ जो कुछ बोल रही हैं, वो सब सही है। 10 साल पहले मेरा भी ब्रेन वॉश किया गया, जिसके चलते मैंने अपना धर्म बदल लिया था। मैं एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई। ग्रेजुएशन में ज्यादातर क्लासमेट मुस्लिम थे। उन लोगों से मैं इस्लाम को लेकर प्रभावित हो गई। वो मुझसे अपने मजहब के बारे में ज्यादा से ज्यादा बात करते थे। उन्होंने मेरे हिंदू धर्म पर सवाल भी खड़े किए। उन सवालों का जवाब मुझे मालूम नहीं होता था। मैं टीवी पर ओम नम: शिवाय और जय हनुमान जैसे सीरियल से कुछ-कुछ जानती थी। लेकिन उन लोगों के इतने सवाल थे कि मैं सबके जवाब नहीं दे सकती थी। इस चीज का मेरे क्लास के लोगों ने फायदा उठाया।”

श्रुति ने बताया कि मुस्लिम दोस्त हिंदू धर्म का मजाक उड़ाते थे। वे कहते थे कि हिंदू त्योहार ऐसे होते हैं जैसे लड़के और लड़की के मिलने के लिए हो रहा है। मंदिर में त्योहार मनाया जाता है, जहाँ पुरुष महिलाओं का फायदा उठाते हैं। बॉडी टच को त्योहार से वे लोग जोड़ते थे। गलत तरीके से हिंदू धर्म की व्याख्या करते थे। ऐसे में कई सवाल उठने लगे थे कि क्या सच में ऐसा है?

उसने बताया कि मुस्लिम दोस्त उससे कहते थे कि इस्लाम में ऐसा नहीं होता। लड़के और लड़कियों को अलग-अलग बैठाया जाता है। वे पर्दा प्रथा को लड़कियों की सुरक्षा की गारंटी बताते थे। अपने मजहब को सर्वोपरि रखते थे। उनके मुताबिक, इस्लाम ही सही विचारधारा है। वे अपनी बात को इस तरह से बताते थे कि सुनने वाले को भी यही लगता था कि ये सही बात है। बता दें कि फिल्म में भी शालिनी नाम की लड़की की कहानी दिखाई गई है, जो अपने दोस्तों से प्रभावित होकर इस्लाम कबूल कर लेती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -