Thursday, May 22, 2025
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‘बड़ी काशी’ में PM मोदी, ‘छोटी काशी’ में कंगना… पग-पग पर शिवधाम, 8 दिन मनता है शिवरात्रि का त्योहार; जानिए क्यों हिमाचल के मंडी को कहते हैं ‘छोटा काशी’

मात्र 3,950 वर्ग किलोमीटर में फैले इस छोटे से क्षेत्र में 81 प्राचीन मंदिर हैं। खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर भगवान शिव के धाम हैं। माना जाता है कि मंडी रियासत पर राज करने वाले सभी राजाओं की भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था थी। इसके कारण यहाँ के राजाओं ने कई शिव मंदिरों को निर्माण करवाया था।

लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जब से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को प्रत्याशी बनाकर मंडी से उतारा है, उसके बाद से ये क्षेत्र लगातार सुर्खियों में है। आज कंगना ने नामांकन दाखिल करने के बाद भी मंडी की महत्ता का जिक्र करते हुए इसे छोटा काशी कहा।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- “प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी काशी-वाराणसी से नामांकन पत्र दाखिल किया है जबकि मैंने छोटी काशी-मंडी से नामांकन किया है। ये बहुत महत्वपूर्ण दिन है।” उनकी इस टिप्पणी के बाद से मंडी की चर्चा तेज है। लोग जानने के इच्छुक हैं कि मंडी को आखिर क्यों ‘छोटी काशी’ कहा जाता है उसके आध्यात्मिक महत्व क्या हैं। तो आज चलिए आपको इस खास जगह से परिचय करवाते हैं।

हिमाचल प्रदेश एक पर्वतीय स्थल है लेकिन इस पर्वतीय स्थल पर बसा मंडी क्षेत्र ऐसा है जिसकी सुंदरता उसे अपनी ओर खींचती है। यहाँ से लोग सुंदर पहाड़ियों का आनंद लेते हैं और आध्यात्म की अनुभूति करते हैं। मात्र  3,950 वर्ग किलोमीटर में फैले इस छोटे से क्षेत्र में 81 प्राचीन मंदिर हैं। खास बात ये है कि इनमें से ज्यादातर भगवान शिव के धाम हैं।

माना जाता है कि मंडी रियासत पर राज करने वाले सभी राजाओं की भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था थी। इसके कारण यहाँ के राजाओं ने कई शिव मंदिरों को निर्माण करवाया था। इनमें सबसे खास मंदिर एकादश रूद्र, अर्धनारिश्वर, त्रिलोकीनाथ, पंचवक्त्र, नीलकंठ महादेव, बाबा भूतनाथ, महामृत्युंज्य मंदिर माने जाते हैंये मंदिर इतने भव्य हैं और इनकी इतनी मान्यता है कि इसके दर्शन के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं।

इतना ही नहीं शिवरात्रि के समय में हिमाचल प्रदेश का यह जिला यहाँ की सुंदरता देखने योग्य होती है। शिवरात्रि के समय बड़ी संख्या में शिवभक्त यहाँ आते हैं। सब मंदिरों में पूजा करते हैं और उस माहौल का आनंद उठाते हैं जो स्थानीयों की श्रद्धा के कारण चारों ओर दिखाई देता है। इस जगह शिवरात्रि का इतना महत्व है कि यहाँ किसी के एक दिन इस त्योहार का उत्साह नहीं दिखता बल्कि पूरे 8 दिन तक जब इस त्योहार को मनाते हैं। यहाँ निर्मित शिव मंदिर और उन शिव के लिए स्थानीयों की भक्ति देखकर ही इस जगह को छोटा काशी कहते हैं।

इसके अलावा मंडी का प्राचीन महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस जिले का नाम ऋषि मांडव के नाम पर पड़ा था। बताया जाता है कि तपस्वी मांडव ने मंडी में ही अपनी घोर तपस्या की थी और उन्हें आलौकिक शक्तियाँ मिली थीं। उन्होंने अपनी तपस्या कुल्लू के नजदीक कोलसरा नामक स्थान पर एक चट्टान पर बैठकर व्यास नदी के पास की थी। इसके बाद इस जगह का नाम उनके नाम पर पड़ा। यहाँ नमक की खानें होने की वजह से इस जिले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली और लोग यहाँ के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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