Saturday, April 5, 2025
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286 दिन, 7 मिनट का ब्लैकआउट, कल्पना चावला की आने लगी थी याद: पृथ्वी पर लौट आईं सुनीता विलियम्स, जानिए शारीरिक-मानसिक तौर पर क्या हो सकता है असर

वापस लौटते समय सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का 7 मिनट के लिए धरती से सम्पर्क टूट गया था। दरअसल, ऐसा तापमान बढ़ने के चलते होता है। अंतरिक्ष से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते समय ड्रैगन कैप्सूल का तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस हो गया था।

NASA की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर वापस लौट आईं। स्पेसएक्स का एक शटल उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से वापस लेकर लौटा है। उनके साथ में बुच वालमोर भी वापस धरती पर लौटे हैं। उनकी इस वापसी के लिए एक बार पहले भी प्रयास हो चुका था। हालाँकि, इस बार उन्हें वापस लाने में सफलता मिली है।

9 महीने बाद लौटीं सुनीता

सुनीता विलियम्स 5 जून, 2024 को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन गईं थी। बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के जरिए वह ISS तक गईं थी। उनका मिशन मात्र 8 दिनों का था लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते वह फंस गईं और 286 दिन उन्हें रुकना पड़ा। असल में उन्हें वापस लाने के फिर से बोईंग स्टारलाइनर का इस्तेमाल होना था। लेकिन इसमें हीलियम लीक समेत बाकी समस्याएँ हो गईं थी।

इसके बाद इसे यात्रा पर नहीं भेजा जा सकता था। वैज्ञानिकों ने बताया था कि यह विमान सुरक्षित नहीं है। इसके बाद उन्हें वापस लाने के लिए बाकी इंतजाम किए गए। इसमें एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स काम आई और वह उन्हें लेकर लौटी।

सुनीता विलियम्स और बच वालमोर मंगलवार देर रात 3:27 पर वापस धरती लौट आए। उनकी लैंडिंग फ्लोरिडा के समुद्र में हुई है। यह यात्रा 17 घंटे में पूरी हुई है। अंतरिक्ष से सुनीता विलियम्स पूरी तरह सुरक्षित वापस आ गईं हैं और वर्तमान में वह NASA वैज्ञानिकों की देखरेख में हैं।

7 मिनट के लिए टूटा कनेक्शन

वापस लौटते समय उनके स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का 7 मिनट के लिए धरती से सम्पर्क टूट गया था। दरअसल, ऐसा तापमान बढ़ने के चलते होता है। अंतरिक्ष से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते समय ड्रैगन कैप्सूल का तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस हो गया था। इसी के चलते धरती से उनका सम्पर्क टूटा।

NASA ने हालाँकि वापस कुछ देर में सम्पर्क स्थापित कर लिया। जिस कैप्सूल में यह यात्री वापस आए, उसका नाम ‘फ्रीडम’ है। इसके बाहर लगे पेंट और शील्ड ने इतने तेज तापमान से इसे बचाया। ऐसे में कोई दुर्घटना नहीं हुई। इस तेज तापमान से सम्पर्क टूटने की घटना ने लोगों को वापस 2003 में धकेल दिया।

2003 में कल्पना चावला की अंतरिक्ष से वापसी के दौरान ही एक बड़ी दुर्घटना हुई थी। इसमें उनकी मौत हो गई थी। वह अंतरिक्ष जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थीं। उनके साथ 6 और अंतरिक्षयात्रियों की मौत इस हादसे में हुई थी।

विमान जलने से हुआ था हादसा

कल्पना चावला 1 फरवरी, 2003 को वापस लौट रहीं थीं। उनको NASA का कोलंबिया शटल वापस ला रहा था। इस मामले में बाद में विशेषज्ञों ने जाँच की थी। उन्होंने बताया था कि इस कोलंबिया एयरक्राफ्ट में उड़ान के दौरान फ्यूल से निकला फोम पंख से टकराया था। यह फ्यूल टैंक विमान के बाहर पंख पर लगे हुए थे।

इसके चलते इस विमान के ऊपर लगीं शील्ड वाली प्लेटें उखड़ गईं थी। जब यह विमान धरती के वायुमंडल में घुसा तो इसका सामना तेज तापमान और गैसों से हुआ। सुरक्षा करने वाली शील्ड ना होने के चलते विमान जल गया और लुइसियाना के आसमान में इसमें धमाका होकर यह टूट गया।

इसे धरती पर उतरने में तब मात्र 16 मिनट शेष थे। इस हादसे में कल्पना चावला की मौत हो गई थी। उनके साथ 6 और अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे। मारे जाने वालों में इजरायल के पहले अंतरिक्ष यात्री इलान रामोन भी थे। इस हादसे के बाद 2011 में स्पेस शटल प्रोग्राम रद्द कर दिया गया था।

सुनीता विलियम्स पर लम्बे समय तक रहने का क्या असर

अंतरिक्ष में रहने वाले यात्रियों को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं है। ऐसे में शरीर को खड़ा रखने में मदद करने वाली हड्डियाँ और मांसपेशियाँ काम नहीं आती। इसके चलते वह कमजोर हो जाती हैं और उनमें फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। यहाँ तक कि उनका संतुलन भी बिगड़ता है।

यह भी पाया गया है कि अंतरिक्ष में रहने वाले यात्रियों को लम्बे से तक रुकने पर वहाँ के रेडिएशन का नुकसान होता है। यह इन यात्रियों का इम्युनिटी सिस्टम भी कमजोर करता है। यहाँ तक कि घावों को ठीक करने की क्षमता भी कम हो जाती है।

शारीरिक के अलावा मानसिक तौर पर भी अंतरिक्ष यात्रियों को समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं। उन्हें लम्बे समय तक अकेला रहना होता है और अपनों से दूर रहकर काम करना होता है। इसके चलते डिप्रेशन तक की समस्या हो सकती है। ऐसे में उन्हें पहले मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है।

अब सुनीता विलियम्स और वालमोर को NASA के ह्यूस्टन सेंटर में ले जाया जाएगा। यहाँ उनके कई मेडिकल चेकअप होंगे। कुछ दिन उन्हें यहीं पर रखा जाएगा। सारी चीजें सामान्य मिलने पर ही उन्हें वापस घर जाने के लिए फिट घोषित किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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