Saturday, April 20, 2024
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गणतंत्र दिवस दंगा: लाल किले पर ‘केसरी झंडा’ लगाने वाले जुगराज सिंह के परिवार को SGPC ने दिए ₹1 लाख

यह पहली बार नहीं है जब एसजीपीसी ने जुगराज सिंह के परिवार को 'सम्मान' दिया है। इसी साल मार्च में स्वर्ण मंदिर में दंगाई नवरीत सिंह की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), अमृतसर ने इस साल गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर ‘केसरी झंडा’ लगाने वाले जुगराज सिंह के परिवार को 30 जून 2021 को सम्मानित किया। राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को हुए किसानों के प्रदर्शन के दौरान दंगाइयों ने लाल किले पर कब्जा कर उस पर झंडा फहराया था। दंगाइयों ने पुलिस पर भी हमला किया था और ऐतिहासिक स्मारक में तोड़फोड़ की थी।

SGPC ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “SGPC ने लाल किले पर केसरी झंडा फहराने वाले सिख युवक भाई जुगराज सिंह के परिवार को 1 लाख रुपए से सम्मानित किया। SGPC सदस्य भाई मंजीत सिंह ने यह प्रशंसा राशि भाई जुगराज सिंह के परिवार को सौंपी।”

यह पहली बार नहीं है जब एसजीपीसी ने जुगराज सिंह के परिवार को ‘सम्मान’ दिया है। इसी साल मार्च में स्वर्ण मंदिर में दंगाई नवरीत सिंह की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। 26 जनवरी के दंगों के दौरान बैरिकेड तोड़ने की कोशिश में ट्रैक्टर पलटने से उसकी मौत हुई थी।

उस मौके पर 21 वर्षीय दंगाई के पिता जुगरत सिंह को समिति द्वारा सम्मानित किया गया। जुगराज सिंह पंजाब के तरनतारन जिले के वान तारा सिंह गाँव का रहने वाला है। गणतंत्र दिवस दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ दंगा और देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। 

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 29 जून को बूटा सिंह को तलवंडी साबो से गिरफ्तार किया था। 25 वर्षीय सिंह ने गणतंत्र दिवस दंगों के दौरान जुगराज सिंह को झंडा फहराने में मदद की थी। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम था। पुलिस को बूटा सिंह को गिरफ्तार करने से रोकने के लिए ग्रामीणों ने गाँव के अंदर की सड़कों को जाम कर दिया था। हालाँकि मौके पर मौजूद पंजाब पुलिस के अधिकारियों की मदद से दिल्ली पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकी। एक अन्य आरोपित गुरजोत सिंह को भी 28 जून को गिरफ्तार किया गया था।

गणतंत्र दिवस दंगा

26 जनवरी को कथित किसानों के समूह ट्रैक्टर रैली के बहाने दिल्ली में जबरदस्ती घुस आए। उन्होंने दंगे जैसी स्थिति पैदा कर दी जिसमें 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ। दंगों से सामने आए दृश्यों में देखा गया था कि कथित किसानों ने ट्रैक्टरों से पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की। उन पर तलवारों, डंडों और अन्य हथियारों से हमला किया और लाल किले में पुलिसकर्मियों पर बेरहमी से हमला किया। 

दीप सिद्धू, गुरजोत सिंह, जुगराज सिंह और अन्य सहित दंगाइयों का एक समूह लाल किले पर पहुँचा और पवित्र सिख चिह्न के साथ दो झंडे फहराए। दिलचस्प बात यह है कि यह झंडा आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के उकसावे में आकर फहराया गया था, जिसके संस्थापक ने लाल किले पर झंडा फहराने वाले व्यक्ति के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की थी। दंगों के संबंध में कुल 43 मामले दर्ज किए गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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