Wednesday, January 1, 2025
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‘… तो बीवी भाग जाएगी’: गौतम अडानी ने दिया नारायणमूर्ति के 70 घंटे काम वाले आइडिया का जवाब, कहा- ‘आपका वर्क-लाइफ बैलेंस मुझ पर ना थोपा जाए, ना मेरा आप पर’

गौतम अडानी ने बताया कि उनके लिए काम और परिवार के अलावा और कोई प्राथमिकताएँ नहीं थी। उन्होंने कहा, "हमारी दुनिया यही है और बच्चे लोग भी यही देखते हैं। उनके संस्कार भी मेहनत से काम करने के हैं और यह तीसरी पीढ़ी तक गए हैं।"

काम के घंटे और परिवार को दिए गए समय (वर्क-लाइफ बैलेंस) को लेकर चल रही बहस पर अडानी अमूह के मुखिया गौतम अडानी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा है कि एक का वर्क लाइफ बैलेंस का आइडिया दूसरे पर थोपा ना जाए। उन्होंने इस बीच मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर कोई आठ घंटे फैमिली के साथ बिताएगा तो ‘बीवी भाग जाएगी।’ गौतम अडानी का यह जवाब इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति की देश के युवाओं को 70 घंटे काम करने की सलाह पर आया है।

ANI के साथ एक बातचीत में गौतम अडानी ने कहा, “जो आपको आनंद देता है, वो करते हो तो आपका वर्क-लाइफ बैलेंस है। बाकी आपका वर्क-लाइफ बैलेंस मुझ पर ना थोपा जाए और मेरा वर्क लाइफ बलेंस आप पर ना थोपा जाए। आपको सिर्फ इतना ही देखना है कि मैं चार घंटा परिवार के साथ बिता रहा हूँ, उसका आनंद मुझे आ रहा है और कोई आठ घंटा बिता रहा है। अब ये आदमी आठ घंटा बिताएगा तो वो बीवी भाग जाएगी।” गौतम अडानी से जुड़ी यह बातचीत आप नीचे लगे वीडियो में देख सकते हैं।

गौतम अडानी ने इसके बाद अपने वर्क-लाइफ बैलेंस पर भी बात की। गौतम अडानी ने बताया कि उनके लिए काम और परिवार के अलावा और कोई प्राथमिकताएँ नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमारी दुनिया यही है और बच्चे लोग भी यही देखते हैं। उनके संस्कार भी मेहनत से काम करने के हैं और यह तीसरी पीढ़ी तक गए हैं।”

गौतम अडानी ने कहा कि हर व्यक्ति की आदतें भी अलग होती हैं और किसी का चरित्र कैसा तथा उसके अंदर मानवता कितनी है, यह बातें भी फर्क डालती हैं। उन्होंने कहा कि आगे चल कर सारी चीजें अपनी जगह पर आ जाती हैं। गौतम अडानी ने ANI से अपनी कठिन यात्रा के विषय में भी बताया।

उन्होंने कहा, “मैंने मेरे मामले में देखा है, मैंने कॉलेज छोड़ दिया था 10वीं के बाद। मुझे बोलना नहीं आता था। एक गाँव से पढ़ कर आया, परिवार भी काफी सामान्य था। अब जब मैं कभी बैठता हूँ तो आँखों के सामने से पूरी यात्रा गुजरती है कि वहाँ से यहाँ कैसे पहुँचे।”

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति ने कहा था कि यदि भारत को आगे बढ़ना है और गरीब-अमीर के बीच का भेद मिटाना है तो हमें बिना वर्क लाइफ बैलेंस की चिंता किए हुए काम करना होगा। उन्होंने कहा था कि देश के युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना होगा।

नारायणमूर्ति ने बाद में इस बयान पर पीछे हटने से भी इनकार किया था। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। उनके आलोचकों ने कहा था कि नारायणमूर्ति लोगों की निजी जिन्दगी का ख्याल रखे बिना यह बात कर रहे हैं। हालाँकि, कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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