Saturday, April 20, 2024
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4 में से 1 अग्निवीर सेना में रह जाएँगे, बाकी 3 यहाँ हो सकते हैं बहाल: अग्निपथ पर 4 साल, फिर खुलेंगे सरकारी से लेकर निजी क्षेत्रों तक के दरवाजे

प्रसिद्ध उद्योगपति और महिंद्रा समूह के मालिक आनंद महिंद्रा ने कहा है कि इस प्रकार के प्रशिक्षित, सक्षम और अनुशासित युवाओं को उनकी कंपनी में नौकरी दी जाएगी। उम्मीद है कि देश के अन्य उद्योगपति भी जल्दी ही अग्निवीरों के लिए आगे आएँगे।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का हिंसक विरोध जारी है। विपक्षी दलों ने इस योजना के विरोध में सोमवार (20 जून 2022) को भारत बंद का ऐलान किया है। वहीं, किसान आंदोलन की तर्ज पर इस बार भी अराजकता फैलाने के लिए दिल्ली तक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया है।

हालाँकि, तमाम धमकियों के बाद भी सेना (Army) ने स्पष्ट कर दिया है कि यह योजना किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगी। वहीं, भारतीय वायुसेना से इस योजना के तहत अग्निवीरों (Agniveer) की बहाली से संबंधित गाइडलाइन भी जारी कर दी है। थल सेना ने भर्ती की अधिसूचना जारी कर दी है। अग्निवीरों की भर्ती के लिए जुलाई से पंजीकरण शुरू होगा।

कारगिल कमिटी की सिफारिश

दो दशक पहले कारगिल समीक्षा समिति की रिपोर्ट में सैनिकों के लिए इतनी छोटी सेवा का सुझाव दिया गया था। कारगिल युद्ध के कारण हुई घटनाओं के क्रम का अध्ययन करने और सिफारिशें करने के लिए गठित समिति ने देश की रक्षा में सुधार के लिए कई सुझाव दिए थे। उनमें से कुछ को पहले ही लागू किया जा चुका है।

समिति ने कहा था, “देश के सामने आने वाले छद्म युद्ध और बड़े पैमाने पर आतंकवाद की नई स्थिति को ध्यान में रखते हुए अर्ध-सैन्य बलों की भूमिका और कार्यों को पुनर्गठित किया जाना चाहिए, खासकर कमान एवं नियंत्रण तथा नेतृत्व के संदर्भ में। उन्हें प्रदर्शन के उच्च मानकों के लिए प्रशिक्षित करने और आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित करने की आवश्यकता है। सशस्त्र बलों, अर्ध-सैन्य बलों और केंद्रीय पुलिस बलों के लिए एक एकीकृत जनशक्ति नीति अपनाने की संभावना की जाँच होनी चाहिए।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया था, “सेना को हर समय जवान और फिट रहना चाहिए। इसलिए 17 साल की सेवा (जैसा कि 1976 से नीति रही है) की वर्तमान प्रथा के बजाय, यह सलाह दी जाएगी कि सेवा को सात से दस साल की अवधि तक कम कर दिया जाए। इसके बाद अधिकारियों और जवानों को देश के अर्धसैनिक बलों में सेवा के लिए मुक्त कर दिया जाए।”

समिति ने महसूस किया था कि 1999-2000 में सेना का ₹6,932 करोड़ का पेंशन बिल कुल वेतन बिल का लगभग दो-तिहाई था और यह हर साल तेजी से बढ़ रहा था। इस वर्ष के बजट में रक्षा के लिए ₹5.25 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं। इनमें से ₹1,19,696 करोड़ अकेले पेंशन के लिए आवंटित किए गए हैं। इसका अर्थ है कि रक्षा बजट का लगभग 25% केवल पेंशन के भुगतान के लिए खर्च किया जाता है। वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के लागू होने के बाद सेना की पेंशन में तेजी से वृद्धि हुई है।

कारगिल समिति ही नहीं, भारतीय सेना ने भी जनशक्ति लागत को बचाने के लिए अग्निपथ योजना के समान एक भर्ती योजना का प्रस्ताव दिया था। सेना ने 2020 में युवाओं को 3 साल के लिए भर्ती करने के लिए ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ योजना का प्रस्ताव दिया था। मौजूदा योजना में इस प्रस्ताव के साथ कई समानताएँ हैं। हालाँकि, सेना द्वारा प्रस्तुत योजना में सेवा अवधि 4 साल के बजाय 3 साल तय की गई थी।

किन-किन देशों में लागू है अग्निपथ जैसी योजना

अग्निपथ योजना अपने आप में नई योजना नहीं है। ऐसी ही योजना पहले से ही कई देशों में संचालित हो रही हैं। इजरायल में सभी स्त्री और पुरुषों के लिए इस योजना में भाग लेना अनिवार्य है। इसरायल में पुरुषों के लिए यह अनिवार्य सेवा 2.5 साल और महिलाओं के लिए 2 साल निश्चित है।

ब्राजील में युवाओं को 18 साल पूरा करते ही एक साल सैन्य सेवा देनी होती है। हालाँकि, स्वास्थ्य कारणों एवं विश्वविद्यालय के छात्रों को इसमें छूट दी गई है। यूनाइटेड किंगडम का विदेशी क्षेत्र बरमूडा अपने स्थानीय बलों की भर्ती में 18 साल से 32 साल के युवाओं को बरमूडा रजिमेंट में 3.15 साल तक सेवा देनी होती है।

साइप्रस में 17 साल से 50 साल के सभी पुरुषों को दो साल तक सेना में सेवा देनी होती है। वहीं, ग्रीस में 19 साल से 45 साल के पुरुषों को सेना में सेवा देना अनिवार्य किया गया है। वहीं, सिंगापुर में भी नागरिकों को सैन्य सेवा देना अनिवार्य है। इसमें चूक होने पर 10 हजार सिंगापुरियन डॉलर या तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रुस, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान जैसे कई देशों में अलग-अलग रूपों अलग-अलग आयु वर्ग और अलग-अलग अवधि के लिए सैन्य सेवा को लागू किया गया है।

पूरी करनी होगी सेवाकाल

सरकार ने तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती के लिए 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के युवा अग्निवीर के रूप में सेना के तीनों में अंगों में 4 वर्ष तक तक के लिए अपनी सेवा दे सकेंगे।

अग्निवीरों को अपनी चार साल की नौकरी पूरी करनी होगी। इससे पहले वे फोर्स नहीं छोड़ सकेंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें अधिकारी की सहमति लेनी होगी। इसके साथ ही 18 साल से कम उम्र के अग्निवीरों को अपने माता-पिता या अभिभावक की सहमति आवश्यक होगी। अग्निवीरों की ड्रेस तय होगी और उन्हें अपनी वर्दी में ही ड्यूटी करनी होगी। किसी भी ड्यूटी के लिए कहीं भी भेजा जा सकता है।

क्या मिलेगा अग्निवीरों को

पहले साल अग्निवीरों को 30,000 रुपए मासिक वेतन मिलेगा, जिसमें 30 प्रतिशत हिस्सा यानी 9,000 रुपए अग्निवीर कॉरपस फंड में जाएगा। वहीं, 30 प्रतिशत हिस्सा सरकार अपनी ओर से भी इस फंड में योगदान देगी।

इस तरह पहले साल अग्निवीरों को कुल 21,000 रुपए वेतन हाथ में मिलेगा। दूसरे साल हाथ में 23,100 रुपए, तीसरे साल 25,580 रुपए और चौथे साल 28,000 रुपए मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें 48 लाख रुपए का बीमा भी दिया जाएगा, जो उनके सेवा काल तक हासिल रहेगा।

अग्निवीर इन्हें साल में तीस दिन की छुट्‌टी दी जाएगी। इसके अलावा, बीमार होने पर डॉक्टर की सलाह पर सिक लीव भी मिलेगी। इस दौरान उन्हें मेडिकल फैसिलिटी और कैंटीन की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, वेतन के साथ-साथ रिस्क, हार्डशिप, ड्रेस एवं ट्रैवल अलाउंस भी दिया जाएगा। वहीं, ये पेंशन, गैच्युटी और एनपीएस (इसमें अंशदान की जरूरत नहीं है) के हकदार नहीं होंगे।

इसके साथ ही अग्निवीरों को 12वीं और स्नातक का सर्टिफिकेट दिया जाएगा, ताकि आगे चलकर ये उच्च शिक्षा या किसी अन्य परीक्षा में बैठ सकें। इसके अलावा, इन्हें कौशल विकास (Skill Development Course) और अग्निवीर का भी सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

अगर कोई अग्निवीर अपनी सेवाकाल के दौरान वीरगति को प्राप्त होता है तो उसके परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी जाएगी। विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की वेतन और सेवा निधि की लगभग 11 लाख रुपए सहित राशि दी जाएगी।

अगर सेवाकाल के दौरान किसी अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसे 48 लाख रुपए की बीमा राशि, सेवा निधि और बाकी बचे सेवा काल का वेतन दिया जाएगा। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ऐसे लोगों को अग्निवीर का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

चार वर्ष की सेवा अवधि के बाद जो सेना में अपनी नौकरी जारी रखना चाहते हैं, उन्हें फिर से आवेदन देना होगा और एक केंद्रीयकृत बोर्ड द्वारा अग्निवीर के रूप में उनके चार साल के परफॉर्मेंस और फिटनेस के आधार पर चुना जाएगा। ये कुल अग्निवीर के 25 प्रतिशत हिस्सा होंगे।

पहली भर्ती पर उम्र सीमा में छूट

सरकार ने अग्निवीरों की भर्ती की अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है। योजना के लिए उम्र सीमा 17 से 21 वर्ष निर्धारित की गई है, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इसमें आंशिक बदलाव करते हुए पहली बार के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 साल कर दी है।

यानी, युवाओं को अधिकतम आयु सेवा में दो साल छूट का यह फायदा सिर्फ पहले साल में ही मिलेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण पैदा हालातों की वजह से सेना में भर्ती दो साल से रुकी हुई थी।

सेवाकाल पूरा करने वाले अग्निवीरों को आरक्षण

रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि आवश्यक पात्रता पूरा करने वाले अग्निवीरों को रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल, अन्य सिविलयन पोस्ट और रक्षा मंत्रालय के 16 उपक्रमों में लागू किया जाएगा। यह वर्तमान पूर्व सैनिकों की कोटा के अतिरिक्त होगा।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उसके केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, इन बलों में अग्निवीरों की आयुसीमा में 3 वर्ष की छूट दी जाएगी। वहीं, पहले वर्ष की भर्ती में यह छूट 5 वर्ष की होगी।

मंत्रालयों, PSU और राज्य पुलिस में वरीयता के आधार पर नौकरी

इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय मंत्रालयों सहित विभिन्न मंत्रालयों ने अपने यहाँ और सरकारी उपक्रमों (सरकारी कंपनियों) में अग्निवीरों को वरीयता देने की बात कही है।

वहीं, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, असम सहित भाजपा शासित राज्यों ने घोषणा की है कि वे राज्य की पुलिस एवं उससे संबंधित सेवाओं में अग्निवीरों को वरीयता देगी।

अग्निवीरों के लिए उद्योगपति भी आगे आए

प्रसिद्ध उद्योगपति और महिंद्रा समूह के मालिक आनंद महिंद्रा ने कहा है कि इस प्रकार के प्रशिक्षित, सक्षम और अनुशासित युवाओं को उनकी कंपनी में नौकरी दी जाएगी। उम्मीद है कि देश के अन्य उद्योगपति भी जल्दी ही अग्निवीरों के लिए आगे आएँगे।

आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, “अग्निपथ स्कीम के ऐलान के बाद जिस तरह हिंसा हुई उससे दुखी और निराश हूँ। पिछले साल जब इस स्कीम पर विचार किया गया था तब मैंने कहा था कि अग्निवीर को जो अनुशासन और कौशल मिलेगा वह उन्हें उल्लेखनीय रूप से रोजगार के लिए योग्य बनाएगा। महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं को अपनी कंपनी में नौकरी देगा।”

जब आनंद महिंद्रा से पूछा गया कि उनकी कंपनी अग्निवीरों को किस पोस्ट पर नियुक्त करेगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “लीडरशिप क्वालिटी, टीम वर्क और शारीरिक प्रशिक्षण की वजह से अग्निवीर के रूप में उनकी इंडस्ट्री को बाजार के लिए तैयार पेशेवर मिलेंगे। ये लोग एडमिनिस्ट्रेशन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट कहीं भी काम करने में योग्य होंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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