एम्स का एक डॉक्टर कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित पाया गया था। उसकी पत्नी की डिलिवरी होने वाली थी, जो 9 महीने की प्रेग्नेंट है। महिला डॉक्टर और उसका भाई भी संक्रमित पाया गया। कहा जा रहा है कि मुस्लिम होने के कारण उनकी पहचान छिपा ली गई है। इस मामले को लेकर एम्स के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। वो पूछ रहे हैं कि उक्त डॉक्टर ने अपनी बीमारी क्यों छिपाई? डॉक्टर मालवीय नगर में रहता है। वहाँ की मस्जिद में जाता था, जहाँ संभवत: तबलीगी जमात वाले भी जाते थे। वहीं पर उसे संक्रमण हुआ।
लक्षणों के बावजूद वो मस्जिद जाता रहा और संस्थान की बस पर बैठकर रोज़ एम्स आता रहा। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि कोरोना मरीज़ों के इलाज के दौरान इनफ़ेक्शन हुआ जबकि ऐसा नहीं है, क्योंकि वो कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में शामिल ही नहीं था। हॉस्पिटल कर्मचारियों में ग़ुस्सा है कि जानबूझ कर उसने अस्पताल में संक्रमण फैलाया। जिस बस में वो जाता था, उसके सारे कर्मचारियों और ड्राइवर वग़ैरह को क्वारंटाइन कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि एक डॉक्टर होते हुए वो मामले की गंभीरता को जान रहा था। लेकिन उसने इसे फैलने दिया।
एम्स के एक नर्स का कहना है कि उक्त डॉक्टर की ही ग़लती है लेकिन जानबूझ कर उसे हीरो बनाया जा रहा है। मीडिया में फैलाया जा रहा है कि वो मरीजों का इलाज करते हुए बीमार पड़ा, उसे मरीजों से संक्रमण हुआ, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उक्त नर्स ने डॉक्टर का नाम नहीं बताया। वो फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में सीनियर रेज़िडेंट है। नाम न छापने की शर्त पर एक मेडिकल कर्मचारी ने जानकारी दी:
“कोरोना वायरस को देखते हुए बस में भी पूरी सावधानी बरती जा रही थी। लोगों को दूर-दूर बिठाया जा रहा था, इसलिए कम लोग ही जाते थे। डॉक्टर साहब को पता था कि उनको बीमारी है। लेकिन उन्होंने यह जानकारी छिपाई और बस से रोज हॉस्पिटल आते-जाते रहे। बस में आने-जाने वालों का एक व्हाट्सप्प ग्रुप भी था। जब नाम सामने आया तो लोगों ने डॉक्टर साहब से पूछा तो उन्होंने सॉरी-सॉरी बोलना शुरू कर दिया।”
स्टाफ डॉक्टर के इस व्यवहार से बेहद नाराज हैं क्योंकि उन्होंने जानबूझकर अपनी बीमारी छिपाई और अस्पताल के दूसरे स्टाफ को भी संक्रमित किया। एम्स के हमारे सूत्रों के मुताबिक़, यह मामला डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया तक भी पहुँचाया गया है। स्टाफ़ को उम्मीद है कि डायरेक्टर इस मामले में कोई कड़ा एक्शन लेंगे। ऐसा इसीलिए, क्योंकि संक्रामक रोगों के मामले में एम्स के बेहद कड़े नियम-कायदे हैं। सभी कर्मचारियों को उनका पालन करना होता है। अगर कोई लापरवाही बरतता है तो नियमानुसार कार्रवाई होती है।
Delhi: 9 months pregnant wife of a resident doctor of AIIMS (both tested positive for COVID19) is expected to deliver in a few days. She was posted at the emergency department of the hospital, she is currently under isolation.
— ANI (@ANI) April 2, 2020
जबकि मीडिया में चलाया जा रहा है कि उक्त डॉक्टर की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है, इसीलिए वो कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए ही संक्रमित हो गया। कहा जा रहा है कि डॉक्टर पति के माध्यम से पत्नी भी संक्रमित हो गई है, जिसके बाद दोनों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। उक्त डॉक्टर इमरजेंसी में पोस्टेड थे। कई बार टेस्टिंग और मेडिकल जाँच होने के बाद डॉक्टर को प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया है।