Saturday, March 15, 2025
Homeदेश-समाजअसम से लेकर म्यांमार सीमा तक अफीम की खेती की गई नष्ट, 220 बीघा...

असम से लेकर म्यांमार सीमा तक अफीम की खेती की गई नष्ट, 220 बीघा में लगी थी: बोले CM सरमा- ड्रग्स के बारे में सोचने से पहले पुलिस को याद कर लेना

असम के सीएम सरमा ने सोशल मीडिया साइट X पर अपने पोस्ट में लिखा, "प्रिय स्थानीय पाब्लो एस्कोबार्स (कोलंबिया का कुख्यात ड्रग माफिया), आपकी योजनाबद्ध उड़ता असम पार्टी को बिगाड़ने के लिए क्षमा करें! क्योंकि ग्वालपाड़ा पुलिस ने जनवरी में चार इलाकों में ₹27.20 करोड़ मूल्य की 170 बीघा अफीम की खेती नष्ट कर दी थी। तो अगली बार जब आप ड्रग्स के बारे में सोचें तो सबसे पहले असम पुलिस के बारे में सोचें।"

असम पुलिस ने राज्य में लगभग 170 बीघे में लगी अफीम की खेती को नष्ट कर दिया। इस ड्रग्स की अनुमानित कीमत 27 करोड़ रुपए है। इसकी जानकारी ग्वालपाड़ा पुलिस और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दी है। वहीं, असम राइफल्स ने मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर लगभग 30 एकड़ (लगभग 50 बीघा) की अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया।

असम के सीएम सरमा ने सोशल मीडिया साइट X पर अपने पोस्ट में लिखा, “प्रिय स्थानीय पाब्लो एस्कोबार्स (कोलंबिया का कुख्यात ड्रग माफिया), आपकी योजनाबद्ध उड़ता असम पार्टी को बिगाड़ने के लिए क्षमा करें! क्योंकि ग्वालपाड़ा पुलिस ने जनवरी में चार इलाकों में ₹27.20 करोड़ मूल्य की 170 बीघा अफीम की खेती नष्ट कर दी थी। तो अगली बार जब आप ड्रग्स के बारे में सोचें तो सबसे पहले असम पुलिस के बारे में सोचें।”

वहीं, ग्वालपाड़ा पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा, “नशीली दवाओं के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए चुनारी थाने के अंतर्गत सीतलमारी चार में 100 बीघा भूमि पर अवैध अफीम की खेती को एएसपी (मुख्यालय) जीएलपी और ओसी एलपीआर पीएस के नेतृत्व में ग्वालपाड़ा पुलिस टीम ने सीओ लखीपुर, आबकारी निरीक्षक और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में नष्ट कर दिया।”

बता दें कि पिछले सप्ताह 30 जनवरी 2025 को ग्वालपाड़ा पुलिस ने सोनारी सर में 40 बीघा क्षेत्र में अफ़ीम की खेती को नष्ट कर दिया था। ग्वालपाड़ा प्रशासन ने 2021 और 2023 में शियालमारी में बड़े पैमाने पर अफ़ीम की खेती को नष्ट किया था। सर क्षेत्र में अफ़ीम की खेती सबसे पहले 2010 में दरंग ज़िले के मगुरमारी सर में सामने आई थी।

सूत्रों के अनुसार, राज्य के बाहर का एक गिरोह राज्य में सर की दुर्गमता का फायदा उठाकर स्थानीय निवासियों के एक वर्ग के साथ मिलकर अफीम की खेती करता है। यह गिरोह स्थानीय निवासियों को अफीम के बीज और अन्य सामग्री सहित हर चीज की आपूर्ति करता है। दरअसल, सर के इलाकों में रहने वाले लोगों को असल पता ही नहीं है कि अफीम वास्तव में होता क्या है।

द सेंटिनेल की रिपोर्ट के मुताबिक, सर निवासी अशरफ अली ने कहा, “लोगों को लगता है कि यह फूलों की खेती है। सर के इलाकों के कुछ नेता इसका फायदा उठाकर स्थानीय लोगों को मज़दूर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। अगर ज़िला प्रशासन अफीम की खेती देखने के लिए बाहर से आने वाले रैकेट के लोगों और उन्हें पनाह देने वाले लोगों पर नज़र रखे तो उनके ठिकानों का पता लगाया जा सकता है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

स्वाति को प्रेम जाल में फँसा नयाज ने बनाए रिश्ते, फिर गला घोंटकर मार डाला: तुंगभद्रा नदी से मिली थी लाश, पूर्व CM बोले-...

कर्नाटक के हावेरी में मुस्लिम युवक नयाज ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर हिन्दू युवती स्वाति की हत्या कर दी। उसका शव भी नदी में फेंक दिया गया।

कर्नाटक में सरकारी ठेकों में भी मुस्लिमों को मिलेगा आरक्षण, कॉन्ग्रेस सरकार ने 4% कोटा पर लगाई मुहर: कानून में करेगी बदलाव, BJP ने...

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ठेकों में मुस्लिम आरक्षण के लिए 1999 के एक कानून में बदलाव करेगी। कर्नाटक में अभी SC-ST और OBC को आरक्षण मिलता है।
- विज्ञापन -