असम पब्लिक वर्क्स (APW) नामक एनजीओ ने मंगलवार (18 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें दावा किया गया है कि असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) में करीब 80 लाख विदेशियों के नाम शामिल हैं। कुछ ऐसे जिहादी भी शामिल हैं जो पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके आधार पर एनजीओ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी की पूरी प्रक्रिया के शत-प्रतिशत पुन:सत्यापन का अनुरोध शीर्ष अदालत से किया है।
एनजीओ के प्रमुख अभिजीत शर्मा ने कहा, “अजहरुद्दीन, रंजीत अली, लुइत जमी-उल जमाल और मुक़द्दर इस्लाम- ये उन गिरफ्तार जिहादियों के नाम हैं, जिन्हें एनआरसी के माध्यम से भारतीय नागरिक घोषित किया गया है। इन चारों जिहादियों के नाम NGO ने पहले ही दे दिया था। चारों ने अधिकारियों को धोखा देकर NRC के तहत भारत की नागरिकता ले ली थी। हम बार-बार इन गलतियों को दर्शा रहे हैं और लगातार अधिकारियों को इन्हें सुधारने के लिए बोल रहे हैं।”
असम एनआरसी में 80 लाख विदेशी, जिहादी, NGO ने SC से कहा इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया https://t.co/iA7IwXyCmM
— IndianScooper (@IndianScooper) February 18, 2020
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 25 नवंबर को उपर्युक्त चारों को दिल्ली पर हमले की योजना बनाने और गोलपारा रास महोत्सव में विस्फोट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आपको बता दें कि, APW वह संगठन है, जिसकी याचिका पर वर्ष 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने असम में NRC को अपडेट करने के निर्देश जारी किए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, APC ने पिछले साल 31 अगस्त को प्रकाशित NRC सूची को चुनौती देते हुए हलफनामा दायर किया था।
इसके अलावा, हलफनामे में शीर्ष अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान होने वाली कथित विसंगतियों और भ्रष्टाचार की जाँच के लिए एक न्यायिक समिति बनाई जाए। ताजा हलफनामे में एपीडब्ल्यू ने एनआरसी के दौरान अनियमितताओं की जॉंच सीबीआई, एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियों से कराने की अनुमति देने की भी अपील सुप्रीम कोर्ट से की गई है।
आपको बता दें कि असम देश का पहला और इकलौता राज्य हैं, जहाँ NRC लागू किया गया है। असम में 33 जिले हैं, इनमें से 9 जिलों में मुस्लिम आबादी आधी से ज्यादा है। बताया जाता है कि इन्हीं जिलों में बीते दशकों से बांग्लादेशियों की घुसपैठ काफी हुई है। हालाँकि, NRC की फाइनल लिस्ट को लेकर बहुत से सवाल खड़े हुए हैं।
दरअसल असम सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट में 19 लाख लोग अपनी जगह नहीं बना पाए थे। एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजारिका ने बताया था कि कुल 3,11,21,004 लोग इस लिस्ट में जगह बनाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट से 19,06,657 लोग बाहर हो गए हैं। एनआरसी बाहर से किए गए लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपील करनी होगी। एनआरसी लिस्ट को बनाने की प्रक्रिया 4 साल पहले शुरू हुई थी और सरकार ने तय समय के भीतर इस सूची को जारी कर दिया था।