झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्वीटर) पर एक घटना साझा करते हुए मरांडी ने आरोप लगाया है कि झारखंड में जनजातीय लड़कियों और महिलाओं के साथ मुस्लिम युवकों द्वारा खुलेआम अश्लील हरकतें और मारपीट की जा रही है, और शर्मनाक बात यह है कि राज्य की गूंगी-बहरी सोरेन सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने की बजाय आँखें मूंदे हुए है।
मरांडी ने कड़े शब्दों में कहा है कि यह सिर्फ छेड़छाड़ नहीं, यह हमारी जनजातीय बेटियों के आत्मसम्मान पर सीधा हमला है। क्या सोरेन सरकार ने अपनी राजनीतिक तुष्टिकरण की भूख में इतनी मर्यादा खो दी है कि वह अपनी ही जनता, खासकर कमजोर जनजातीय महिलाओं को भेड़ियों के हवाले कर दे? बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि नेताओं के दबाव में अपराधियों को छूट दी जा रही है, जिससे राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
दामोदर नदी घटना और सरकारी निष्क्रियता
बाबूलाल मरांडी के अनुसार, 4 जून 2025 को रामगढ़ के दामोदर नदी में नहाने गईं 6 नाबालिग जनजातीय लड़कियों और एक महिला के साथ कुछ मुस्लिम युवकों, जिसमें एक का नाम सरफरोज बताया, ने अश्लील हरकतें और मारपीट की। बाबूलाल मरांडी ने इसे ‘रोज़ का आतंक’ बताया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की समस्या के कारण महिलाओं को नदी पर जाना पड़ता है, जहाँ उन्हें नियमित रूप से परेशान किया जाता है।
गत 4 जून को दामोदर नदी में नहाने गईं 6 आदिवासी नाबालिग लड़कियों और एक महिला के साथ कुछ मुस्लिम युवकों ने अश्लील हरकतें और छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उन्हें मारा-पीटा गया।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 6, 2025
यह कोई एक दिन की घटना नहीं है, यह रोज़ का आतंक है!
स्थानीय लोगों के अनुसार, क्षेत्र में पानी की समस्या के… pic.twitter.com/6hcgrsBNjP
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि महिलाओं ने इस छेड़छाड़ की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस की तरफ से अपराधियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि हिरासत में लिए गए आरोपितों को मुस्लिम नेताओं के दबाव के कारण छोड़ दिया जाता है, जिसके बाद अपराधियों को ऐसे घिनौना काम करने के लिए आग मिल जाती है।
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से कहा है कि आपने जनजातीयों को ‘अबुआ सरकार’ (अपनी सरकार) के सपने दिखाए थे। अब कम से कम उन्हें अपनी वोट बैंक की राजनीति का शिकार न बनाएँ। बाबूलाल मरांडी ने सोरेन से तुरंत इस मामले पर ध्यान देने और गलत काम करने वालों पर कार्रवाई करने की माँग की, ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएँ दोबारा न हों और जनजातीय समाज की बेटियाँ अपने ही गाँव में सुरक्षित महसूस कर सकें।
सरहुल शोभायात्रा पर हमला
बाबूलाल मरांडी ने सरना पंथ के त्योहार सरहुल के दौरान हुई एक और घटना का भी जिक्र किया था। 1 अप्रैल 2025 को रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल शोभायात्रा पर इस्लामी हमला हुआ था, जिसमें 8 लोग घायल हो गए थे। घटना के पीछे का कारण सड़कों पर बिजली की लड़ियाँ और सरना झंडे को लेकर हुए विवाद को बताया था।
बाबूलाल मरांडी ने इस घटना के पीछे सरकार को दोषी ठहराया था। बाबूलाल ने कहा था कि हेमंत सोरेन की सरकार में एक समुदाय विशेष को ज्यादा संरक्षण मिल रहा है, जिस कारण उनका दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। बाबूलाल मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन ना तो सरना स्थलों की रक्षा कर पा रही है, और ना ही सरहुल त्यौहार की सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रहे हैं।
बांग्लादेशी घुसपैठ और ‘मिनी बांग्लादेश’ का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या पर भी चिंता जताई थी। बाबूलाल ने 4 साल पुरानी एक खबर का हवाला दिया, जिसमें घाटशिला के एक स्कूल में बच्चों को बांग्लादेश और पाकिस्तान का राष्ट्रगान याद करने का होमवर्क दिया गया था। मरांडी ने इसे ‘झारखंड की जनजातीय मूलवासी पहचान को मिटाने का खतरनाक प्रयोग’ करार दिया था और राज्य को ‘मिनी बांग्लादेश’ बनाने की साजिश का आरोप लगाया था।
बाबूलाल मरांडी ने NIA से इस मामले की जाँच का अनुरोध भी किया था, क्योंकि उनका मानना है कि वर्तमान राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी कागजात बनाने में मदद करती है। झारखंड हाई कोर्ट ने भी हाल ही में इस समस्या पर चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्नित कर उनके प्रत्यर्पण के लिए एक कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ का सबसे ज्यादा खामियाजा जनजातीय समाज को भुगतना पड़ता है, जहाँ अवैध मदरसे उग रहे हैं और जनजातीय लड़कियों को फँसाकर शादी की जा रही है, जिसका उपयोग बाद में ड्रग्स जैसे अवैध धंधों और सरकारी लाभों के लिए किया जा रहा है।