Friday, November 15, 2024
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PM मोदी के नाम धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों ने लिखा पत्र: कुलपति की निकाली शवयात्रा, आज ग्राम देवता पूजन

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के छात्रों द्वारा फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में किया जा रहा आंदोलन जारी है। छात्र कक्षाओं और परीक्षाओं के बहिष्कार पर अंतिम समाधान तक कायम हैं।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के छात्रों द्वारा फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में किया जा रहा आंदोलन जारी है। छात्र कक्षाओं और परीक्षाओं के बहिष्कार पर अंतिम समाधान तक कायम हैं। प्रशासन द्वारा छात्रों से माँगी गई 10 दिन की मोहलत समाप्ति के अंतिम चरण में है।

एक तरफ छात्रों को मिलने वाला समर्थन बढ़ता जा रहा है। काशी के साथ ही, हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए संकल्पित तमाम आचार्यों, शंकराचार्य, काशी विद्वत परिषद, धर्मसंघ शिक्षामंडल, पूर्व प्रोफ़ेसर-गुरुओं के साथ-साथ अयोध्या के संत और राम जन्म भूमि से जुड़े स्वामी राघवाचार्य, कई महंत और संस्कृत और सनातन की रक्षा को समर्पित कई विद्यालय भी इस आंदोलन में साथ हैं और सड़क पर उतरने को तैयार भी।

दूसरी तरफ प्रशासन का क्या निर्णय है, यह अभी छात्रों को नहीं बताया गया है। लेकिन खबर है कि डॉ. फिरोज खान का BHU के ही दूसरे संस्कृत विभागों में इंटरव्यू जारी है। कल (29 नवम्बर 2019) को आयुर्वेद के संस्कृत विभाग में असोसिएट प्रोफ़ेसर के लिए डॉ. खान का इंटरव्यू हुआ। जिसे छात्रों के विरोध से बचाने के लिए होल्कर भवन की जगह VC गेस्ट हाउस में कराया गया। प्रशासन ने डॉ. खान को मीडिया और छात्रों की नज़रों से बचाने के लिए अपनी सुरक्षा में उनका इंटरव्यू कराकर अपने साथ ले गया। डॉ. फिरोज का कला संकाय में इंटरव्यू भी 4 दिसंबर को है।

कला संकाय के संस्कृत विभाग की लिस्ट

बता दें कि इस पूरे मामले को संज्ञान में लेने वाली कार्यकारिणी की बैठक 7 दिसंबर को, छात्र इस पूरे मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आशान्वित हैं। लेकिन प्रशासन को अपने तरफ से कोई ढील नहीं देना चाहते, इसीलिए प्रशासन के मनाने के बाद 15 दिन तक चले धरना समाप्त करने के बाद भी आंदोलन जारी है और अब तो खुलकर दूसरे संकाय के छात्र भी संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों के समर्थन में आ गए हैं।

इसी कड़ी में कल मृत हो चुकी प्रशासन के विवेक को जगाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से कला संकाय के बिरला छात्रावास के छात्रों ने प्रशासन की शव यात्रा निकाल कर अपना मुखर विरोध दर्ज कराया। कला संकाय के छात्र अभिषेक सिंह ने ऑपइंडिया को बताया, “महामना के मूल्यों के रक्षा के लिए तथा सनातन परम्परा के विरुद्ध धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए हम बिरला छात्रावास के छात्र कुलपति की शव यात्रा निकाल रहे हैं।” उत्कर्ष, मृत्युंजय तिवारी सहित सैकड़ों छात्रों के साथ SVDV के शुभम तिवारी,आनन्द मोहन झा, शशिकांत मिश्र आदि शामिल हुए लेकिन बेहद शांतिपूर्ण और शास्त्रीय आंदोलन के समर्थक धर्म विज्ञान संकाय के छात्र इससे दूरी बनाए रखे।

डॉ. मुनीश मिश्र ने कहा, “हमारे विरोध की भी एक पद्धति है लेकिन दूसरे संकाय के छात्र हैं जो हमारे समर्थन में सड़कों पर हैं तो हम उनकी भावना का भी सम्मान करते हैं। तरीका चाहे जो हो पर सभी का उद्देश्य एक है धर्म और मालवीय जी के मूल्यों की रक्षा।”

इससे पहले 29 नवम्बर को ही महामना के मूल्यों, सनातन परम्परा की रक्षा और फिरोज खान की नियुक्ति की उच्च स्तरीय जाँच के लिए तथा सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा। इससे पहले भी कई आचार्यों और गणमान्य नागरिक, प्रोफ़ेसर आदि भी विश्वविद्यालय के विजिटर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर पूरे मामले के निष्तारण के लिए आवश्यक हस्तक्षेप के लिए अनुरोध कर चुके हैं। पूर्व आचार्यों सहित वर्तमान प्रोफेसरों की चिंता किसी भी तरह से इस मामले का हल ढूँढ BHU के बदनामी को रोक लेने की है।

मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे है तमाम झूठों और भ्रमों से आहत डॉ. फिरोज की तरफ से विश्विद्यालय प्रशासन ने उनका अधिकारिक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने मालवीय मूल्यों को अपनाने, BHU की सेवा करने और अपने बारे में मीडिया द्वारा झूठ न फैलाने का उन्होंने अनुरोध किया।

आज (30 नवंबर) BHU में आंदोलन की कड़ी में पूछे जाने पर शशिकांत मिश्र ने ऑपइंडिया को बताया, “आज परिसर स्थित ग्राम देवताओं की SVDV के छात्रों द्वारा माल्यार्पण और पूजा करने का कार्यक्रम है। जिसकी शुरुआत रुइया छात्रावास के शिव मंदिर से होगा।”

गौरतलब है कि छात्रों का आंदोलन जारी है। अपनी माँग डॉ. फिरोज खान का स्थानांतरण संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से किसी और विभाग में करने तक छात्र आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा ज़्यादातर छात्रों का कहना है। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि यदि प्रशासन अपनी बात से पलटता है तो समय आने पर हम इससे भी बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।

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रवि अग्रहरि
रवि अग्रहरि
अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

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