ऐतिहासिक नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) का देश के कुछ हिस्सों में विरोध हो रहा है। लेकिन, कुछ मजहबी समूहों की घुसपैठ के बाद ये विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो चुके हैं। शुक्रवार (दिसंबर 13, 2019) को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में भी ‘छात्रों’ के हिंसक प्रदर्शन ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। न केवल पुलिस पर हमला किया गया, बल्कि अल्लाहु अकबर के नारे भी लगे। बताया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने और पथराव के बाद 50 छात्रों को हिरासत में लिया गया था।
This is not Kashmir. It’s from Jamia. Peacefuls pelting stones and playing victim card. pic.twitter.com/w2Ue8ej3Sh
— Swordarms1 (@Swordarms1) December 13, 2019
एक वीडियो सामने आया है जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों को ‘अल्लाहु अकबर‘ और ‘नारा-ए-तकबीर’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। उन्हें यह कहते हुए भी सुना जा सकता है, “ये शहर जगमगाएगा, नूर-ए-ला-इलाहा से, ये शहर जगमगाएगा, नूर-ए-ला-इलाहा से। नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर।”
जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की हिंसक भीड़ पुलिस को उकसाते और गाली दे रही है। स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आँसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
रिटायर्ड एंकर बरखा दत्त द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उग्र भीड़ में से एक प्रदर्शनकारी अपने साथी से कहता है कि पुलिस बचकर जाने न पाए। उसे छोड़े ना।
Tear gas and lathi charge at Jamia Millia as student protests are unabated against #CAB2019 pic.twitter.com/m8w24wMuGt
— barkha dutt (@BDUTT) December 13, 2019
जामिया मिलिया इस्लामिया के कट्टरपंथी इस्लामी समूहों में से एक तहज़ीब कमेटी द्वारा शेयर किए गए एक अन्य वीडियो में एक ‘छात्र’ को सांप्रदायिक और भड़काऊ भाषण देते हुए देखा जा सकता है। इसमें एक छात्र दावा करते हुए कहता है, “जो मुस्लिमों की रक्षा करना चाहते हैं, उन्हें इस्लाम की भी रक्षा करनी होगी।” इसके साथ ही कई और भी उत्तेजक बयान दिए गए, जिसमें मुस्लिमों को सड़कों पर उतरने के लिए कहा गया है। इस दौरान दिए गए ‘भाषण’ में नारा लगाया गया, “तेरा मेरा रिश्ता क्या, ला इलाहा इल्लल्लाह।” बता दें कि इसी तरह के बयान कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान के संबंध में सुनने को मिला था, जहाँ उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान से रिश्ता क्या, ला इलाहा इल्लल्लाह।”
दरअसल, दिल्ली में जामिया के लगभग 2,000 ‘छात्र’ CAB का विरोध कर रहे थे। CAB के खिलाफ जामिया के प्रदर्शनकारियों ने कानून का विरोध व्यक्त करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर से संसद भवन तक मार्च निकाला था। हालाँकि इस दौरान वो हिंसा पर उतर आए और पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए। जैसे ही पुलिस ने छात्रों को शांत करने के लिए लाठीचार्ज करना शुरू किया, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ पथराव किया। छात्रों के हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और तीन पुलिसकर्मी आईसीयू में गंभीर हालत में हैं।
इसी तरह के बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन और हिंसा पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिला। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAB) के पारित होने के बाद राज्य में विभिन्न मजहबी संगठनों से जुड़े कई सदस्यों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल की यह हिंसा सोची-समझी साजिश थी। राज्य और देश के अन्य विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों में शुक्रवार (दिसंबर 13, 2019) को जुमे की नमाज के बाद CAB के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी, इसी का परिणाम है कि पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अत्यधिक हिंसा हुई।
प्रदर्शनकारियों ने CAB विरोध की आड़ में गाड़ियों पर पथराव किया। इसकी वजह से हावड़ा सेक्शन में कई लंबी दूरी की और लोकल ट्रेनें हिंसा के कारण फँसी हुई थीं। मजहबी भीड़ ने इस दौरान एंबुलेंस पर भी पथराव किया। इसके अलावा पूर्वी मिदनापुर जिले में भाजपा महासचिव सायंतन बसु की कार पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। भीड़ इतनी आक्रामक थी कि पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से उन्हें प्रदर्शनकारियों के बीच से निकाला।
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