कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने को लेकर जारी लड़ाई के बीच केंद्र सरकार महामारी की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी कर चुकी है। इसी कड़ी में मंगलवार (22 जून 2021) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के लिए एडवाइजरी जारी की। मौजूदा वक्त में कोरोना के इस वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC)’ की कैटेगरी में रखा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने तीन राज्यों (महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश) को इस बात की जानकारी दी है कि महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगाँव जिलों में कोरोना के नए वैरिएंट का जीनोम सिक्वेंसिंग सैंपल पाया गया है। इसके अलावा यह केरल के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा जिले, मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिले में भी पाया गया है। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की 28 प्रयोगशालाओं के एक संघ INSACOG के नए रिसर्च पर आधारित है।
INSACOG ने कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को वर्तमान में ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ बताया है। इसकी कई विशेषताएँ हैं।
– प्रसार तेजी से होता है
– फेफड़े की कोशिकाओं के के रिसेप्टर्स से मजबूती से जुड़ने में सक्षम
– मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के असर में कमी
डेल्टा वैरिएंट के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीनों राज्यों को INSACOG द्वारा पहचाने गए जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करने को कहा है। साथ ही प्राथमिकता के आधार पर भीड़ को कंट्रोल करने, टेस्टिंग बढ़ाने और वैक्सीनेशन को बढ़ाने समेत दूसरे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। इन राज्यों की सरकारों को पॉजिटिव पाए गए लोगों को सैंपल को INSACOG की रजिस्टर्ड लैब में भेजने को कहा गया है। इससे महामारी को जानने में मदद मिलेगी और इसके आधार पर राज्यों को आगे की गाइडलाइंस जारी की जाएगी।