Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाजकुणाल कामरा पर अवमानना की कार्रवाई शुरू, CJI ने खुद को अलग किया: बताया...

कुणाल कामरा पर अवमानना की कार्रवाई शुरू, CJI ने खुद को अलग किया: बताया था फ्लाइट अटेंडेंट, कहा था- कल की बातें भूल जा…पकड़ के झूल जा

बता दें कि न्यायालयों की अवमानना अधिनियम, 1971 के अनुसार किसी व्यक्ति पर अवमानना का केस चलाने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की इजाजत जरूरी है। यदि मामला किसी राज्य के हाईकोर्ट से जुड़ा है तो अवमानना का केस चलाने से पहले राज्य के महाधिवक्ता से इजाजत लेनी पड़ती है।

विवादित कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) के खिलाफ मानहानि केस की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने खुद को अलग कर लिया है। दरअसल, कामरा ने न्यायपालिका और जजों के खिलाफ कई अपमानजनक ट्वीट किए थे।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कामरा द्वारा न्यायालय की अवमानना से जुड़ी याचिकाओं के संबंध में कहा, “हम इस मामले को बेंच के समक्ष रखेंगे। जो ट्वीट किए गए हैं, वे मेरी ओर से सुनाए गए फैसले को लेकर किए गए हैं। इसलिए मैं इस सुनवाई का हिस्सा नहीं रहूँगा।”

कुणाल कामरा ने कई मौके पर सुप्रीम कोर्ट और न्यायाधीशों को अपमानजक बातें कही हैं। सबसे पहले उन्होंने साल 2020 में पत्रकार अर्णब गोस्वामी को दी गई जमानत पर किया था। यह मामला उद्धव ठाकरे सरकार और रिपब्लिक टीवी से जुड़ा था।

उस दौरान कामरा ने कहा था, “डीवाई चंद्रचूड़ एक फ्लाइट अटेंडेंट हैं, जो प्रथम श्रेणी के यात्रियों को तेजी से शैंपेन परोसते हैं, जबकि आम लोगों को पता ही नहीं कि वे कभी उस पर सवार होंगे भी या नहीं, सेवा करना तो दूर की बात है। *न्याय*।”

कामरा ने सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बोबड़े को लेकर भी आपत्तिजनक ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में मिडिल फिंगर को दिखाते हुए कामरा ने ट्वीट किया था, “इन 2 अंगुलियों में से एक सीजेआई अरविंद बोबडे के लिए है … ठीक है, मैं आपको भ्रमित नहीं करता हूँ। यह बीच वाली अंगुली है।”

इसी तरह एक अन्य ट्वीट में कुणाल कामरा ने कहा था, जिन वकीलों के पास रीढ़ की हड्डी हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट या उसके जजों का जिक्र करते समय ‘माननीय’ शब्द का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। ‘ऑनर’ इस इमारत को बहुत पहले ही छोड़ चुका है…।”

कामरा ने आगे कहा था, “देश का सर्वोच्च न्यायालय, जिसे मैं भी नहीं मानता… मैं एक शॉपिंग मॉल के फूड कोर्ट का अधिक सम्मान करता हूँ… कम से कम यह विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करता है। देश का सर्वोच्च न्यायालय ‘ब्राह्मण-बनिया’ का मामला है। मैं इसका सम्मान नहीं करता।”

सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही चल रहे अपने अवमानना केस को लेकर कामरा ने इसी साल मार्च महीने में कहा, “प्रिय सुप्रीम कोर्ट! कल की बातें भूल जा, ल*ड़ा पकड़ के झूल जा।” कामरा यहीं नहीं रुके। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और जजों के खिलाफ लगातार ट्वीट किए।

कुणाल कामरा के इन ट्विट्स को लेकर तत्कालीन अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को कुल 10 पत्र मिले थे। इनमें स्टैंडअप कॉमेडियन के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा शुरू करने की इजाजत माँगी गई थी। इसके बाद वेणुगोपाल ने कुणाल कामरा के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले में सुनवाई शुरू करने की इजाजत दे दी थी।

बता दें कि न्यायालयों की अवमानना अधिनियम, 1971 के अनुसार किसी व्यक्ति पर अवमानना का केस चलाने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की इजाजत जरूरी है। यदि मामला किसी राज्य के हाईकोर्ट से जुड़ा है तो अवमानना का केस चलाने से पहले राज्य के महाधिवक्ता से इजाजत लेनी पड़ती है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुख़्तार अंसारी की मौत: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया था माफिया, पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

माफिया मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल में आया हार्ट अटैक। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था।

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe