Saturday, May 17, 2025
Homeदेश-समाजदिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों में पहला फैसला: सुरेश बरी, आसिफ ने कहा था-...

दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों में पहला फैसला: सुरेश बरी, आसिफ ने कहा था- मेरी दुकान पर हमला कर लूटा

आसिफ का कहना था कि सुरेश ने लोहे की रॉड और लाठियों से लैस दंगाइयों की भारी भीड़ के साथ दिल्ली के बाबरपुर रोड पर स्थित उसकी दुकान का ताला तोड़कर उसमें लूटपाट की थी।

दिल्ली दंगों के मामले में पहला फैसला सुनाते हुए दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (20 जुलाई, 2021) को सुरेश नाम के एक व्यक्ति को उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी कर दिया। 9 मार्च, 2021 को सुरेश उर्फ भटूरा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 147 (दंगा करने) और 395 (डकैती) के तहत आरोप तय किए थे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सभी गवाहों के बयानों में विरोधाभास के आधार पर सुरेश को बरी कर दिया है। न्यायाधीश रावत ने कहा, “आरोपित को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। यह स्पष्ट रूप से बरी होने वाला मामला है।” सुरेश की ओर से वकील राजीव प्रताप सिंह के साथ-साथ अन्य वकील अक्षय सागर, हिमांशु कुमार, हितेश पांडे और आशीष प्रजापति पेश हुए।

आसिफ की शिकायत पर सुरेश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि 25 फरवरी, 2020 को शाम करीब 4 बजे आरोपित सुरेश ने लोहे की रॉड और लाठियों से लैस दंगाइयों की भारी भीड़ के साथ दिल्ली के बाबरपुर रोड पर स्थित उनकी दुकान का ताला तोड़कर उसमें लूटपाट की थी। दुकान भगत सिंह की थी और आसिफ को किराए पर दी गई थी, जो इस मामले में शिकायतकर्ता है।

जाँच के दौरान सिंह ने पुलिस को बताया कि “दंगाई आक्रामक थे और उस दुकान को लूटना चाहते थे, क्योंकि यह एक मुस्लिम की थी। सिंह ने यह भी दावा किया कि उन्होंने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका।” दुकान के मालिक ने 7 अप्रैल 2020 को सुरेश की आरोपित के रूप में पहचान की थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 21 अप्रैल 2021 को यह फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब से सात बार इस फैसले को टाला जा चुका है। उस दौरान अदालत ने यह माना था कि आरोपित भीड़ का हिस्सा था, जिसने अपराध किया था। लेकिन आज दिल्ली दंगे मामले में अदालत ने अपना पहला फैसला सुनाते हुए पाया कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास है। इसके चलते उन्होंने सुरेश को बरी कर दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कश्मीर में झेलम के अधूरे तुलबुल प्रोजेक्ट को लेकर भिड़े उमर अब्दुल्ला और महबूबा, खेलने लगे ‘इस पार और उस पार’ का खेल: सिंधु...

उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के आरोपों को 'सस्ता प्रचार' करार देते हुए कहा कि वह बहस को 'गटर' के स्तर पर नहीं ले जाएँगे।

’43 रोहिंग्या औरतों-बच्चों-बुजुर्गों को समंदर में फेंक दिया’: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- किसने देखा, कहाँ है सबूत? वकील से कहा- देश में इतना कुछ...

जस्टिस सूर्या कांत ने वकील से सख्त लहजे में कहा, "हर दिन आप नई-नई कहानी लेकर आते हैं। इस कहानी का आधार क्या है? कोई सबूत तो दिखाइए।"
- विज्ञापन -