Monday, September 9, 2024
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राहुल गाँधी पर क्या कार्रवाई हुई: दिल्ली की अदालत ने माँगी ATR, नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करने का मामला

शिकायतकर्ता नवीन कुमार जिंदल ने राउज एवेन्यू अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पूरी कॉन्ग्रेस पार्टी ही महिला विरोधी है।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के खिलाफ एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) माँगी है। मामला दिल्ली कैंट में 9 साल की बच्ची के कथित रेप और हत्या के बाद उसके परिजनों की पहचान उजागर करने से जुड़ा है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को ATR 29 सितंबर तक कराने का निर्देश दिया है।

प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिंदल ने राहुल गाँधी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) के तहत 14 अगस्त को बाराखंबा रोड थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर कार्रवाई के लिए नई दिल्ली जिला के पुलिस उपायुक्त से 19 अगस्त को पुनः अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी कार्रवाई न होने पर मामले की शिकायत अदालत में की गई। इस पर मजिस्ट्रेट ने पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट 29 सितंबर तक देने को कहा है।

शिकायतकर्ता नवीन कुमार जिंदल ने राउज एवेन्यू अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पूरी कॉन्ग्रेस पार्टी ही महिला विरोधी है। कॉन्ग्रेस के नेता कानून और संविधान का मजाक उड़ाना अपना अधिकार समझते हैं। राहुल गाँधी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि इस मामले में एनसीपीसीआर ने ट्विटर को पत्र लिख कर कहा था कि अगर खुद राहुल गाँधी अपना ट्वीट नहीं हटाते हैं, तो माइक्रो ब्लॉगिंग साइट 24 घंटे के भीतर इसे हटा दे। इसके बाद ट्विटर ने ट्वीट को हटा दिया और राहुल गाँधी के खाते को बंद कर दिया था। नियमों के मुताबिक, पहली बार अपराध करने के कारण उनके अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद किया गया था। हालाँकि, बाद में इस दावे के बाद कि उन्हें पीड़िता के माता-पिता से तस्वीर का उपयोग करने की ‘अनुमति’ मिली थी, ट्विटर ने पलक झपकते ही राहुल गाँधी के अकाउंट को बहाल कर दिया था।

बता दें कि बीजेपी ने तस्वीरें साझा करने को कानून का उल्लंघन बताते हुए उनके खिलाफ NCPCR से संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का निवेदन किया था।  बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि राहुल गाँधी ने अपने ट्वीट में पीड़िता के परिजनों का चेहरा सार्वजनिक किया है, जो पॉक्सो एक्ट की धारा 23 जुवेनाइल जस्टिस केयर के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 74 का उल्लंघन है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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