Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाजदिल्ली छोड़ जयपुर गया परिवार, पत्नी को अब भी नौकरी नहीं: हिन्दू विरोधी दंगों...

दिल्ली छोड़ जयपुर गया परिवार, पत्नी को अब भी नौकरी नहीं: हिन्दू विरोधी दंगों के 3 साल, जानें कैसा है बलिदानी रतन लाल के परिवार का हाल

दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों के दौरान हिंसक भीड़ का शिकार होने वालों में एक नाम हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल का भी था। रतन लाल के बलिदान को आज 3 साल बीत गए हैं। इन तीन सालों में उनके परिवार के लिए बहुत कुछ बदल गया है...आर्थिक समस्याओं के चलते उनकी पत्नी दिल्ली छोड़ चुकी हैं, वहीं सरकार से गुहार लगाकर कहीं टीचिंग की नौकरी माँग रही हैं।

24 फरवरी 2020 को दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों के दौरान मुस्लिम भीड़ ने मौजपुर इलाके में तैनात पुलिस बल पर हमला किया था। दिल्ली पुलिस के 42 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल इस हमले में बलिदान हो गए थे। बलिदानी रतन लाल दिल्ली के बुराड़ी स्थित अमृत विहार में अपने परिवार के साथ रहते थे। फरवरी 2022 में ऑपइंडिया ने उनके घर जा कर परिवार के हालात और उनकी गैरमौजूदगी में उनकी पत्नी द्वारा किए जा रहे संघर्ष को बताया था। तब हमने यह भी बताया था कि कैसे सरकार द्वारा किए गए तमाम वादे अधूरे ही रह गए थे। एक साल बाद ऑपइंडिया ने एक बार फिर रतन लाल के परिवार से सम्पर्क किया और वर्तमान हालात को जाना।

दिल्ली छोड़ कर जयपुर बस गया परिवार

ऑपइंडिया ने बलिदानी रतन लाल की पत्नी पूनम से बात की। पूनम ने हमें बताया कि लगभग 1 साल पहले ही वो दिल्ली छोड़ चुकी हैं। अब वो राजस्थान की राजधानी जयपुर में अपने बच्चों के साथ रह रहीं हैं। पूनम यहाँ अपने मायके में माता-पिता के साथ शिफ्ट हुईं हैं। उन्होंने हमें बताया कि तीनों बच्चे (2 बेटियाँ, 1 बेटा) अब जयपुर में ही रह कर पढ़ाई कर रहे है।

आर्थिक हालात बने दिल्ली छोड़ने की वजह

जब हमने रतन लाल की पत्नी पूनम से दिल्ली छोड़ने की वजह पूछी तो उन्होंने इसके पीछे अपने खराब आर्थिक हालात की बात कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 2 हिस्सों में मिला 1 करोड़ रुपया धीरे-धीरे खर्च हो रहा था और दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई सरकारी नौकरी अभी पढ़ाई कर रहे नाबालिग बेटे के नाम रिजर्व करवा रखी है। बलिदानी रतन लाल की थोड़ी-बहुत पेंशन भी आ रही है जो रोजमर्रा के कामों में खर्च हो जाती है। ऐसे में जमापूँजी खर्च होना पूनम को भविष्य के लिए संकट जैसा लग रहा था। आख़िरकार उन्होंने अपने 2 बच्चों के साथ दिल्ली छोड़ दिया और जयपुर अपने मायके में रहने लगीं।

बार-बार माँगी अपनी रोजी-रोटी पर किसी ने न सुनी

बलिदानी की पत्नी ने हमें बताया कि उन्होंने कई बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ई-मेल और पत्र लिख कर अपने लिए बुराड़ी क्षेत्र के किसी स्कूल में पढ़ाने की नौकरी माँगी पर उन पत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पूनम ने हमें बताया कि अब वो दिल्ली के उपराज्यपाल को भी अपनी नौकरी के बावत पत्र प्रेषित करेंगी। हमें बताया गया कि अगर उन्हें दिल्ली में नौकरी मिल जाए तो वो एक बार फिर से अपने परिवार को ले कर लौट वापस आएँगी। पूनम के पास M A और B ED की डिग्री भी है।

CM अरविन्द केजरीवाल को भेजा गया पत्र

केजरीवाल और जे पी नड्डा और केजरीवाल दोनों के वादे अधूरे

बलिदानी रतन लाल की पत्नी ने हमें आगे बताया कि उनके पति के वीरगति पाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें नौकरी देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। इसी तरह पूनम के मुताबिक उन्हें जेपी नड्डा ने भी 1 करोड़ रुपए की मदद का आश्वासन दिया था, जो उन्हें अभी नहीं मिला। इसी के साथ उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्होंने ऑपइंडिया को इंटरव्यू देते हुए जो भी कमियॉँ गिनाईं थी उसमें से एक पर भी अमल नहीं किया गया और वो सभी वादे और दावे ज्यों के त्यों अधूरे ही पड़े हैं।

आप विधायक की हरकत से घर का बड़ा नुकसान

पूनम ने हमें बताया कि बुराड़ी विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा के दिए आदेश के चलते उनका दिल्ली स्थित घर मिट्टी में दब गया है। बकौल पूनम विधायक संजीव उस क्षेत्र में कोई काम करवा रहा था जिस से उनका दिल्ली स्थित घर इतना दब चुका है कि उसे फिर से ऊपर लाने के लिए उसमें ढेर सारा पैसा लगाना पड़ेगा। बलिदानी की पत्नी ने खुद के पास इतने पैसे न होने और दिल्ली के अपने घर को फ़िलहाल ताला लगा देने की ये एक बड़ी वजह बताई। उन्होंने कहा कि मिट्टी में दब जाने के चलते वो अपने दिल्ली वाले घर को किराए पर भी नहीं दे पा रहीं।

जयपुर के शहीद स्मारक पर अपने पति को किया याद

बलिदानी रतन लाल की पत्नी पूनम ने हमें बताया कि वो अपने पति के बलिदान दिवस पर जयपुर शहर में मौजूद एक शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगीं। उन्होंने बताया कि अब मीडिया से ले कर विभाग और नेताओं तक के फोन भी आने उन्हें बंद हो चुके हैं। अपना दर्द बयाँ करते हुए पूनम ने कहा कि कई लोगों को बलिदानी केवल 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही याद आते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे...

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

PM मोदी को कभी ‘नर्वस’ तो कभी ‘डरा हुआ’ कहकर उछल रहे राहुल गाँधी… 7 दिन में नहीं कर पाए उनसे आधी भी रैली,...

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी अब सम्पत्ति बँटवारे को पीछे छोड़ पीएम मोदी को निशाना बनाने में जुटे हैं, एक रैली में उन्होंने मोदी को नर्वस बताया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe