Wednesday, April 24, 2024
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राणा अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी के आरोप में FIR: FIU, ED और CBI को संज्ञान लेने के लिए हिंदू IT सेल ने लिखा पत्र

राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज है। यह एफआईआर 7 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में दर्ज की गई। मामला फंड इकट्ठा करने के कैंपेन से जुड़ा हुआ है।

हिंदू आईटी सेल के विकास शाकृत्यायन ने अब कानून प्रवर्तन एजेंसियों को विवादित पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ दर्ज FIR का तत्काल संज्ञान लेने के लिए कहा है। हिंदू आईटी सेल के सदस्य ने अपने वकील डॉ. किसलय पांडे के माध्यम से वित्तीय खुफिया यूनिट (FIU), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) से भी FIR का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है, क्योंकि मामला अवैध तरीकों से विदेशी वित्त पोषण से जुड़ा हुआ है।

बता दें कि राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज है। यह एफआईआर 7 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में दर्ज की गई। मामला फंड इकट्ठा करने के कैंपेन से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में विकास शाकृत्यायन ने ही शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, संपत्ति में हेराफेरी, आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है। अवैध रूप से चैरिटी के नाम पर आम जनता से धन की वसूली का आरोप है। इसमें कहा गया कि राणा अय्यूब पेशे से पत्रकार हैं और सरकार से किसी भी प्रकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन के बिना ही वो विदेशी धन प्राप्त कर रही थीं। जबकि, ऐसा करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 के तहत सरकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। लिहाजा, वह एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में उत्तरदायी हैं।

शिकायत के आधार पर राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 403, 406, 418, 420, आईटी अधिनियम की धारा 66 डी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 की धारा 4 के तहत प्राथमिकी दर्ज है।

राणा के खिलाफ यह केस फंड इकट्ठा करने वाले प्लेटफॉर्म केटो (Ketto) पर चलाए गए तीन अभियानों से संबंधित है। ये कैंपेन झुग्गीवासियों और किसानों, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य तथा भारत में कोविड -19 से प्रभावित लोगों की मदद के नाम पर चलाया गया था। शुरू से ही राणा का यह कैंपेन शक के घेरे में था, क्योंकि उन्होंने एफसीआरए के अनिवार्य अप्रूवल के बिना ही विदेशों से चंदे की वसूली की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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