Thursday, September 19, 2024
Homeदेश-समाजनाबालिग लड़के को मंगलसूत्र पहनाया, बिंदी लगाई: जेंडर एक्टिविस्ट ग्रुप की ओछी हरकत पर...

नाबालिग लड़के को मंगलसूत्र पहनाया, बिंदी लगाई: जेंडर एक्टिविस्ट ग्रुप की ओछी हरकत पर नेटिजन्स भड़के

स्मिता देशमुख ने लिखा, "लड़कों को बिंदी क्यों पहनना और क्या मंगलसूत्र से सुनिश्चित होगा कि वे महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करेंगे? यह बेतुका है। ये बकवास बंद करो। पुरुषों को उन्हें समझने के लिए महिलाओं की तरह होने की जरूरत नहीं है। शिक्षा और नैतिक मूल्य महत्वपूर्ण हैं। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया Woke कैंपेन है।''

जेंडर एक्टिविस्ट ग्रुप इक्वल कम्युनिटी फाउंडेशन ने रक्षा बंधन के मौके पर ट्विटर पर एक नाबालिग लड़के का वीडियो शेयर किया है। इसमें वह लड़का बिंदी और मंगलसूत्र पहने हुए नजर आ रहा है। ट्वीट में ग्रुप ने लिखा, “हमारे #ActionForEqualilty प्रतिभागी श्रेयस लड़कियों पर टिप्पणी नहीं करने और उन्हें किसी भी तरह से असहज नहीं करने का संकल्प लेते हैं। महिलाओं को विवाहित दिखने या अपने पतियों की संपत्ति होने का विरोध करने के लिए उन्होंने जो बिंदी और मंगलसूत्र पहना है, उस पर ध्यान दें।”

ईसीएफ द्वारा शेयर किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट।

#रक्षाबंधन त्योहार की बजाय इक्वल कम्युनिटी फाउंडेशन ने ‘पितृसत्ता को खत्म करने’ के लिए #रक्षाबंध का इस्तेमाल किया है। वीडियो में नाबालिग लड़के का इस्तेमाल करने और उसे ट्वीट करने पर सोशल मीडिया पर NGO की काफी आलोचना हो रही है। कुछ ट्विटर यूजर्स ने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को विवादित ट्वीट को देखने के लिए टैग किया है, वहीं अन्य लोगों ने ग्रुप की आलोचना की और वीडियो को बेतुका बताया।

स्मिता देशमुख ने लिखा, “लड़कों को बिंदी क्यों पहनना और क्या मंगलसूत्र से सुनिश्चित होगा कि वे महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करेंगे? यह बेतुका है। ये बकवास बंद करो। पुरुषों को उन्हें समझने के लिए महिलाओं की तरह होने की जरूरत नहीं है। शिक्षा और नैतिक मूल्य महत्वपूर्ण हैं। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया Woke कैंपेन है।”

एक अन्य यूजर ने सवाल किया कि वे अपने प्रचार के लिए वीडियो में एक छोटे बच्चे का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? राज नाम के यूजर ने कहा, “ईसीएफ इंडिया पागल हो गया है! किशोर लड़कों के माध्यम से अपना एजेंडा फैला रहा है! शर्मनाक!”

Source: Twitter

एक ट्विटर यूजर ने हैशटैग रक्षाबंध लिखकर हिंदू त्योहारों को नीचा दिखाने के लिए इक्वल कम्युनिटी फाउंडेशन की आलोचना की। उसने लिखा, “क्या बकवास है। रक्षाबंध टैग बनाकर हमारे रक्षाबंधन पर्व को बदनाम कर रहे हो। हमारे पवित्र मंगलसूत्र, बिंदी को नीचा दिखा रहे हो। एक मासूम लड़के को अपनी कट्टरता के लिए इस्तेमाल करना गलत है।”

तन्मय ने सवाल किया कि क्या ये ग्रुप अन्य धर्मों के अनुष्ठानों पर सवाल उठाने को तैयार है? उसने आगे कहा, “बच्चों को नैतिकता और सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा दें, उन्हें बेहतर इंसान बनाएँ और अपने एजेंडा के लिए प्रयोग ना करें। हमें नीचा दिखाने के लिए सांस्कृतिक प्रतीकों का प्रयोग ना करें। बिंदी और मंगलसूत्र पसंद है, ऐसा नहीं है कि इसे लगाने के बाद एक महिला किसी पुरुष की संपत्ति हो जाती है। क्या आप ईसाइयों के बीच शादी की रिंग को लेकर इस बारे में कुछ कह सकते हैं।”

Source: Twitter

Dextrocardiac1 ने कहा, “स्त्रियों का सम्मान कैसे किया जाता है, इसे समझाने के लिए बच्चे को जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित करने की आवश्यकता नहीं है, इसे घटिया ड्रामेबाजी की तुलना में अधिक सम्मानजनक तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है।”

Source: Twitter

बता दें कि ईसीएफ की वेबसाइट के अनुसार, संगठन की स्थापना 2009 में हुई थी। अपनी संगठनात्मक रणनीति में इस समूह का दावा है कि भारत में 18 वर्ष से कम उम्र के 23 करोड़ लड़कों में से 11.5 करोड़ शारीरिक हिंसा में और 6 करोड़ यौन हिंसा में शामिल हैं, जिनमें बलात्कार भी शामिल है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भले फाइनल हार गई टीम इंडिया, पर भारत की अर्थव्यवस्था में ₹11637 करोड़ जोड़ गया क्रिकेट वर्ल्ड कप: 48 हजार नई नौकरियाँ भी पैदा...

ICC द्वारा जारी की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 45 दिन चले इस विश्व कप के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को ₹11,637 करोड़ का फायदा मिला है।

नंदू पासवान और गौतम पासवान के विवाद में जली नवादा की महादलित बस्ती, ‘बहुजनों पर हमला’ बता जाति की आग लगाने निकल पड़े राहुल...

बिहार को एक बार फिर से जातीय हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश की जा रही है। नवादा में महादलित समुदाय के दर्जनों घरों में आग लगा दी गई।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -