Friday, December 6, 2024
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गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत सहित किसान नेताओं को अल्टीमेटम: भारी सुरक्षा बल की तैनाती में शुरू डेरा-डंडा उखाड़ने की तैयारी

जिलों के डीएम-एसपी से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में धरने पर बैठे किसानों से अपील करें कि वे अपने-अपने घरों को लौट जाएँ। प्रशासन की ओर से किसानों के घर लौटने के लिए बस की व्यवस्था किए जाने की भी बात कही जा रही है।

किसान आंदोलन का अराजक चेहरा देखने के बाद यूपी पुलिस एक्शन मोड में है। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को अल्टीमेटम दिया है। कहा गया है कि जल्द ही जगह को खाली कर दिया जाए। मौके पर जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय समेत प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं। उनके अलावा भारी मात्रा में सुरक्षा बल की तैनाती हो गई है। दोपहर को फ्लैग मार्च भी किया गया है।

जिलों के डीएम-एसपी से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में धरने पर बैठे किसानों से अपील करें कि वे अपने-अपने घरों को लौट जाएँ। प्रशासन की ओर से किसानों के घर लौटने के लिए बस की व्यवस्था किए जाने की भी बात कही जा रही है।

इंडिया टुडे में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रदर्शनस्थल पर टेंट आदि समेट लिए गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरह से जारी रहेगा। पुलिस चाहे तो गिरफ्तार कर सकती है। वह सरेंडर नहीं करेंगे। जरूरत पड़ने से ग्रामों से और लोगों को बुलाया जाएगा।

इसके साथ ही किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा है कि वह अपना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे, चाहे तो प्रशासन उन्हें गिरफ्तार कर ले। इधर, भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष नरेश टिकैत ने धरना खत्म करने को कहा है।

ताजा सूचना के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों की मनमानी के चलते गाजीपुर बॉर्डर पर स्थानीयों ने किसान आंदोलन के विरोध में नारेबाजी की है। इससे पहले बता दें उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार ने गुरुवार को दिल्ली की हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण कहा था।

उन्होंने कहा था कि घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से नोएडा के चिल्ला बॉर्डर और दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया है। जहाँ तक बागपत का संबंध है, स्थानीय अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उन्होंने किसानों को एनएचएआई की परियोजना के बारे में समझाया और उन्होंने बुधवार रात अपना धरना समाप्त कर दिया। यूपी गेट पर अब भी कुछ लोग डटे हुए हैं, हालाँकि, अब उनकी संख्या पहले से काफी कम हो गई है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने साफ कहा कि अगर दिल्ली पुलिस ने हिंसा के संबंध में उनकी कोई मदद माँगी तो वो उनकी (यूपी पुलिस) मदद जरूर करेंगे। वह कहते हैं, “हम ऐसे किसी भी तत्व की अनुमति नहीं देंगे जिसने राष्ट्रीय पर्व के दौरान हमारे राज्य में ऐसा किया हो। लोगों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे किसी भी उपद्रवी तत्व को आश्रय नहीं देंगे।”

बता दें कि यूपी गेट पर गाजियाबाद जिले के सभी थानों से फोर्स बुला ली गई है। जिला प्रशासन ने किसानों को यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। पुलिस यूपी गेट पर ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रही है। साथ ही यूपी गेट पर कुछ लोग पहुँचे हैं, जो ‘हमारी बॉर्डर खाली करो’ के नारे लगा रहे हैं। इसी प्रकार चिल्ला बॉर्डर पर भी आंदोलन को वापस ले लिया गया है। वहाँ भारी मात्रा में पुलिस की तैनाती हुई है। टिकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी है। यहाँ किसान कानून का विरोध कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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