ट्विटर के रवैये से उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस नाराज़ है। लोनी थाने में अब्दुल समद नामक बुजुर्ग ने जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाने का आरोप लगाया, जो झूठा निकला। इस मामले में पुलिस अब ट्विटर को दूसरा नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक (MD) मनीष माहेश्वरी ने पहली नोटिस के जवाब में कहा है कि वो पूछताछ के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर उपलब्ध हैं। MD माहेश्वरी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से Twitter का कोई लेनादेना नहीं है।
Twitter के जवाब से गाजियाबाद पुलिस संतुष्ट नहीं है और इसीलिए अब फिर से नोटिस भेजा जाएगा। शनिवार (जून 19, 2021) को गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर को कुछ सवालों की सूची भेजी थी, लेकिन अब ट्विटर ने एक दूसरी ईमेल आईडी भेजी है। अब इस ईमेल पर सवाल भेजे जाएँगे। गाजियाबाद पुलिस ने कहा है कि पिछले 1 साल में ट्विटर को 26 इमेल्स भेजे गए, लेकिन उनमें से एक का भी जवाब नहीं आया।
गाजियाबाद में इस मामले में हुई FIR में ट्विटर का नाम भी शामिल है, जिसे इस घटना का फैक्ट-चेक किए बिना अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से झूठ को फैलने दिया। गाजियाबाद के एसपी अमित पाठक ने बताया कि बुलंदशहर के रहने वाले बुजुर्ग पीड़ित ने जून 7, 2021 को दर्ज कराई गई FIR में कहीं भी जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाने का उल्लेख नहीं किया है। आरोपितों में मुस्लिम भी थे और ये झगड़ा ताबीज को लेकर हुआ।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ ट्विटर ही भारत में दादागिरी के सहारे अपना नैरेटिव फैलाना चाहता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप्प जैसे प्लेटफॉर्म्स को भी 401 इमेल्स भेजे गए हैं, जिनमें से 246 मेल का जवाब मिला तो 155 इमेल्स को लेकर कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया गया। ऊपर से जिनका जवाब आता है, उसमें 90 दिन लगा दिए जाते हैं। फेसबुक को भेजे गए 255 में से 177 मेल्स का जवाब आया। इंस्टाग्राम को 98 ईमेल भेजे गए थे, जिनमें से मात्र 28 का ही जवाब दिया गया।
गाजियाबाद पुलिस भी समझती है कि ट्विटर इस बार भी आनाकानी में लगा रहेगा और समय खपाते रहेगा, इसीलिए अन्य कानूनी उपायों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। उधर इसी मामले में सपा नेता उम्मेद पहलवान को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उसने ही बुजुर्ग से पहली बार फेसबुक लाइव वीडियो के जरिए झूठा बयान दिलवाया था। उम्मेद के वकील अनीस चौधरी ने कोर्ट में पुलिस के पास कोई सबूत न होने की बात कहीं, लेकिन उनकी दलीलें काम न आईं।
In Ghaziabad assault case, Twitter hints ready to join probe through video call.https://t.co/zzSN9ErENI
— News18.com (@news18dotcom) June 21, 2021
उम्मेद पहलवान ने अब सारा ठीकरा बुजुर्ग के ऊपर फोड़ते हुए कहा है कि उसने ही झूठ बोला था। क्षेत्र में अशांति फैला कर वो इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहता था। उसके खिलाफ IPC की धारा 153ए (धर्म एवं वर्ग के आधार पर दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का निरादर करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझ कर किया गया अपमान) और 505 (सार्वजनिक व्यवधान) सहित कई धाराएँ लगाई गई हैं।
इन सबके बावजूद एक विवादास्पद कदम उठाते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने कुख्यात कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ट्विटर हैंडल को सत्यापित करते हुए ब्लू टिक मार्क दे दिया है। 16 हजार से अधिक फॉलोवर वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की कर्नाटक इकाई के हैंडल को अब ट्विटर द्वारा ‘ब्लू टिक’ दे दिया गया है। PFI पर भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने और देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे भड़काने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।