उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) स्थित ज्ञानवापी विवादित ढाँचे (Gyanvapi Controversial Structure) के तहखाने में चार कमरे बताए जा रहे हैं, जिनमें तीन कमरे मुस्लिम पक्ष और एक कमरे हिंदू पक्ष के पास है। इन चारों कमरों के सर्वे के बाद पश्चिमी दीवार का सर्वे हुआ। इस तरह शनिवार को सर्वे का काम पूरा हो गया है।
इससे पहले खबर आई थी कि प्रशासन ने मस्जिद कमिटी से तहखानों की चाबी की माँग की थी, लेकिन उन्हें चाबी नहीं मिला था। हालाँकि, प्रशासन ने उसी समय स्पष्ट कर दिया था कि अगर चाबी नहीं मिली तो तालों को तोड़ दिया जाएगा। मुस्लिम पक्ष के तीनों कमरों में ताले लगे हुए थे, वहीं हिंदू पक्ष के कमरे में दरवाजे नहीं है। इसलिए चाबी की जरूरत नहीं पड़ी।
बता दें कि सर्वे की टीम में 52 लोग शामिल हैं। इनमें कोर्ट कमिश्नर से लेकर डॉक्टर तक शामिल हैं। वहीं, तहखानों में जहरीले साँपों को देखते हुए सपेरों को बुलाने की माँग की गई, लेकिन प्रशासन ने कहा कि CRPF का कैंप बगल में ही है, इसलिए इसकी जरूरत नहीं है। परिसर में गए सभी लोगों के मोबाइल बाहर ही रखवा लिए गए हैं। हालाँकि, इसी बीच एक साँप निकल आया, जिसके बाद विशेषज्ञ को बुलाया गया है।
तहखाने के तीन कमरों का सर्वे करने के बाद विवादित ढाँचे के पश्चिमी दीवार के सर्वे का काम शुरू हुआ है। वहीं, तहखाने के एक कमरे का सर्वे होना अभी बाकी है। अभी तक सर्वे का काम निर्बाध और शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। यह सर्वे सुबह 8 बजे से शुरू होकर दोपहर 12 तक होना है।
सर्वे को देखते हुए शांति बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। वहीं, काशी विश्वनाथ मंदिर से पहले ही करीब 800 मीटर की दूरी पर थाना चौक के पास सभी लोगों को रोक दिया गया है। वहाँ से आगे जाने की इजाजत किसी को नहीं दी गई है।
बता दें कि आज शनिवार (14 मई 2022) को फिर से सर्वे और वीडियोग्राफी का काम शुरू हो गया है। पिछली बार के हालातों को देखते हुए और कोर्ट के सख्त रूख के कारण सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। सर्वे के लिए कमिश्नर अजय कुमार मिश्र (Ajay Kumar Mishra) के साथ विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह (Vishal Singh) और सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह (Ajay Pratap Singh) भी साथ हैं। हालाँकि, सर्वे में मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव शामिल नहीं हुए।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव यासीन सईद ने मुस्लिमों से सुबह ही शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है और कमेटी कानूनी कार्यवाही कर रही है। उन्होंने कहा कि आवाम सब्र से काम ले और शांति व्यवस्था बनाए रखें, क्योंकि विरोध करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
ओवैसी और चिदंबरम ने उठाया सवाल
इस बीच AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के सर्वे को असंवैधानिक बताया। कानून का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा कि देश में कानून है कि 15 अगस्त 1947 को जो मंदिर, मस्जिद या चर्च जैसा था, वो वैसा ही रहेगा। उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
वहीं, कॉन्ग्रेस के नेता और देश पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी कोर्ट की इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पूजा स्थान में बदलाव से समाज में टकराव बढ़ेगा। इसीलिए नरसिम्हा राव की सरकार में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लेकर कॉन्ग्रेस आई थी।