Friday, April 19, 2024
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‘पहले नौकरशाहों के पैरों में गिरना पड़ता था’, अब नहीं चलती ‘मस्का पॉलिश’: SII चेयरमैन साइरस पूनावाला ने की मोदी सरकार की प्रशंसा

अपनी स्वर्गवासी पत्नी को अपना अवॉर्ड समर्पित करते हुए पूनावाला ने कहा कि 1966 में जब SII की स्थापना हुई थी तब अफसरों की अनुमति के साथ, बिजली और पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

वैक्सीन इंडस्ट्री द्वारा पूर्व में झेले गए लालफीताशाही व्यवस्था और ड्रग कंट्रोलर के उत्पीड़न को याद करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के चेयरमैन डॉ. साइरस पूनावाला ने मोदी सरकार की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियाँ बदल गई हैं और अफसरशाही अब वर्तमान सरकार के कानूनों के मुताबिक काम कर रही है।

शुक्रवार (13 अगस्त 2021) को पूनावाला, पुणे के तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में उन्हें लोकमान्य तिलक ट्रस्ट द्वारा लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए पूनावाला ने कहा कि आज से 50 साल पहले वैक्सीन इंडस्ट्री को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि लालफीताशाही इस सीमा तक हावी थी कि अनुमति लेने के लिए अफसरों और ड्रग कंट्रोलर के पैरों में गिरना पड़ता था।

अपनी स्वर्गवासी पत्नी को अपना अवॉर्ड समर्पित करते हुए पूनावाला ने कहा कि 1966 में जब SII की स्थापना हुई थी तब अफसरों की अनुमति के साथ, बिजली और पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। हालाँकि, उन्होंने बताया कि आज परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं और सरकार के द्वारा समय पर अनुमति के साथ पर्याप्त सहयोग भी मिल रहा है।

मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए पूनावाला ने कि लालफीताशाही और लाइसेंसराज अब मोदी सरकार के कानूनों के अंदर आ चुके हैं और इसी बदलाव का परिणाम है कि SII की Covid-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ शीघ्रता से लॉन्च हो सकी। उन्होंने कहा कि परिवहन और संचार भी बड़ी चुनौती हुआ करते थे और उन्हें खुद अफसरों और ड्रग कंट्रोलर्स के पैरों में गिरना पड़ा था, लेकिन अब एक ऐसा ड्रग कंट्रोलर है जो ऑफिस खत्म होने के बाद भी काम करने के लिए तैयार रहता है और तुरंत प्रतिक्रिया भी देता है। पूनावाला ने कहा कि अब ‘मस्का पॉलिश’ का जमाना नहीं रहा।

ज्ञात हो कि SII की स्थापना साइरस पूनावाला ने ही की थी। यह दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है, जो वर्तमान में एस्ट्राजेनेका की Covid-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का निर्माण कर रही है। SII के द्वारा बनाई जाने वाली यह डबल डोज वैक्सीन भारत में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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