ऐसे समय में जब स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना से लड़ने के लिए तत्पर हैं। उस समय तबलीगी जमात से निकली मुस्लिम भीड़ लगातार इन योद्धाओं पर हमलावर रही है। ये मुस्लिम भीड़ कभी स्वास्थ्यकर्मियों पर थूककर तो कभी उनके साथ मारपीट करके अपने जाहिलपने का लगातार उदहारण पेश कर रही हैं।
हालत ये हो गई है कि ये लोग जिन्हें प्रशासन स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने की कोशिशों में जुटा है, वे लोग उनके लिए सिरदर्दी का सबब बन गए हैं। इनके बेहूदे रवैये से इस समय न केवल अस्पताल प्रशासन बल्कि पुलिस प्रशासन भी त्रस्त है। इतना ही नहीं, तबलीगी जमातियों के अलावा कई जगह इसी समुदाय के लोग न केवल कानूनों को उल्लंघन करते बल्कि पुलिस के साथ आसामाजिक व्यवहार करके उन्हें घायल करते भी पाए गए।
आइए, पिछले दिनों हुए उन 15 मामलों पर एक बार नजर डालें जब मुस्लिमों ने लॉकडाउन को तो तोड़ा ही। साथ में स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर भी पत्थरबाजी व उनके साथ मारपीट की।
- अलीगढ़ में सराई रहमान मस्जिद में गुरुवार (मार्च 2, 2020) को लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए 25-30 मुस्लिम लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई। जब पुलिस इन्हें रोकने पहुँची और इनसे अपील की, तो वहाँ स्थानीय लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बाद में पुलिस ने एक्शन लेते हुए 3 मौलवियों को गिरफ्तार किया।
- यूपी के कन्नौज में शुक्रवार को मुस्लिमों की भीड़ जामा मस्जिद में नमाज अता करने एकत्रित हुई। जब पुलिस कर्मी इन्हें रोकने पहुँचे तो इन्होंने भी पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और उनपर कुल्हाड़ी से हमला किया। इस हमले में चौकी इंचार्ज समेत 2 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
- यूपी के मुजफ्फरनगर के मोरना गाँव में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। जहाँ लॉकडाउन का पालन कराने पहुँची पुलिस पर ग्रामीणों ने लोहे की रॉड से हमला किया और सब इंस्पेक्टर सहित कॉन्स्टेबल को जख्मी कर दिया।
- इसके बाद उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में भी सामूहिक नमाज रोकने पहुँची पुलिस की अवहेलना की गई। जानकारी के मुताबिक जब इंस्पेक्टर फहुप सिंह पुलिस सूचना के आधार पर मस्जिद पहुँचे तो वहाँ पर मस्जिद का गेट ही नहीं खोला गया और पुलिस की कोशिशों पर भीड़ में रोष उत्पन्न हो गया।
- 24 मार्च को भी सामूहिक नमाज अता करने से रोकने पर यूपी के मेरठ पर हंगामा हुआ था। बाद में कई संख्या में मुस्लिम सड़कों पर आ गए थे। खबरों के मुताबिक, सीसगंज, सेफ्टी टैंक, राजबंध मार्केट, कोतवाली, लिसाड़ी गेट और नौचंदीन के मस्जिदों पर लोग इकट्ठा हुए थे और पुलिस की अपील के बावजूद माहौल को बिगाड़ा था। उनकी अवहेलना की थी।
- इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना पॉजिटिव केस पाए जाने के बाद इलाके की जाँच करने पहुँची पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों पर मुस्लिमों ने हमला कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनपर छतों से भी हमले हुए थे और यहाँ बैरिकेडों को भी तोड़ दिया गया था। बाद में जब पुलिस ने एक्शन लेना चाहा तो इन लोगों ने औरतों की आड़ ले ली थी।
- इससे पहले मोहम्मद फैजल नाम के फेसबुक यूजर ने दरभंगा के डीएम त्यागराजन एसएम को जान से मारने के लिए धमकाया था। साथ ही डीएम को मारने वाले शख्स को 2 लाख देने की घोषणा की थी। डीएम पर फैजल का ये रोष सिर्फ़ इसलिए सामने आया था क्योंकि उन्होंने जिले में घोषणा की थी कि यदि कोई बाहर से आया है तो उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्होंने अपील की थी कि जो भी बाहर से आए हैं कि कृपया खुद आगे आकर टेस्ट कराएँ।
- बिहार के मधुबनी में भी तबलीगी जमात से आए लोगों को खोजने के अभियान में पुलिस पर हमला किया गया था। इस संबंध में 3 लोग गिरफ्तार हुए थे। इस वाकए में पुलिस वालों पर न केवल पत्थरबाजी हुई थी बल्कि उनपर गोलीबारी भी हुई थी। घटना गीदड़गंज में अंधरढाणी में घटी थी।
- 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के अहमदनगर में ऐसी घटना हुई। यहाँ नमाजियों ने कोरोना वायरस की जाँच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को यह कहकर खारिज कर दिया कि वे सीएए-एनआसी के लिए डाटा एकत्रित करने आई हैं। इसके बाद वहाँ स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी जाँच-पड़ताल करने से भी रोका गया जो मरकज़ में गए लोगों के संपर्क में आए थे।
- कर्नाटक के हुब्बाली जिले में भी लोगों को सामूहिक नमाज अता करने से रोकने पर पुलिस पर हमला हुआ था। इस वाकए में 4 पुलिस अधिकारियों समेत 1 महिला कॉन्स्टेबल घायल हुई थी। जानकारी के अनुसार लॉकडाउन की बंदिशों के बीच कुछ लोग मंतुर रोड पर नमाज अता करने के लिए इकट्ठा हुए थे। जब प्रशासन को इसकी सूचना मिली तो वे इन्हें रोकने गए। लेकिन पत्थरबाजी कर इन्होंने सुरक्षाकर्मियों को ही चोटिल कर दिया। बाद में जानकारी करने पर मालूम हुआ कि एक स्थानीय महिला ने कुछ युवकों के साथ मिलकर इस काम को अंजाम दिया।
- बंगलुरू में भी ऐसी घटना हुई। यहाँ भीड़ ने नर्स और आशा वर्कर को निशाना बनाया। ये स्वास्थ्यकर्मी गुरुवार को संदिग्धों की शिनाख्त करने गए थे। मगर वहाँ नमाज के लिए इकट्ठा भीड़ ने उनपर हमला कर दिया और आशा वर्कर द्वारा तैयार की गई सभी रिपोर्टों को फाड़ दिया।
- गाजियाबाद के अस्पताल में तबलीगी जमात से लौटे जमातियों की करतूत तो अब हर जगह वायरल हो गई है। यहाँ जमाती नर्सों के सामने अपनी पैंट उतारके घूमते, अश्लील बातें करते और गाना गाते देखे गए थे। इसकी शिकायत अस्पताल के सीएमओ ने खुद की थी। बाद में यहाँ से स्वास्थ्यकर्मियों पर थूकने का मामला भी आय़ा था।
- आगरा में भी तब्लीगी जमातियों के जत्थे द्वारा अस्पताल प्रशासन के साथ असामाजिक बर्ताव करने की खबर आई थी। मालूम हुआ कि यहाँ 89 जमातियों को आइसोलेशन सेंटर में कोरोंटाइन किया गया। मगर, जमातियों ने यहाँ नखरे दिखाने शुरू कर दिए और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मुश्किल स्थिति उत्पन्न की। इन्होंने गैर मसालेदार खाना खाने से मना किया और बीफ बिरयानी की माँग की।
- 4 अप्रैल को कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में रखे गए जमातियों द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों से बदसलूकी की गई। इन्होंने न केवल मेडिकल स्टॉफ से अकड़ के बात की। बल्कि अस्पताल के परिसर में थूका भी। इसके बाद बार-बार मना करने के बावजूद इन्हें अस्पताल में इकट्ठा होते भी देखा गया। अस्पताल प्रशासन ने इनपर आरोप लगाया कि तबलीगी जमात ने अस्पताल के सभी नियमों को तोड़ा है और सोशल डिस्टेंसिंग को भी मेंटेन नहीं किया। इन्होंने ट्रीटमेंट के दौरान नखरे दिखाए और स्टॉफ के लिए परेशानी का कारण बने।
- तबलीगी जमात में शामिल होने वाले कुछ जमातियों अहमदाबाद के सोना सिविल अस्पताल में भी हल्ला मचाया। इन्होंने यहाँ दवाई और इंजेक्शन लेने से मना कर दिया और इल्जाम लगाया कि अस्पताल प्रशासन उन्हें मारना चाहता है। बता दें यहाँ 26 जमातियों पर आरोप लगा है कि आइसोलेशन में रखे जाने के बावजूद इन्होंने अपनी मनमानी की और नियमों का उल्लंघन कर एक जगह एकत्रित हुए।
गौरतलब है कि इस समय तबलीगी जमात में शामिल होकर अलग-अलग राज्य में पहुँचे मुस्लिम हर राज्य की सुरक्षा के लिए बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं। प्रशासन जितना इन्हें ढूँढकर परेशानी से निजात पाने की कोशिश कर रही हैं। ये लोग उतना खुद को छिपाए फिर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक अब तक अधिकांश कोरोना संक्रमितों में जमातियों की तादाद सबसे अधिक है और इनमें से कुछ की स्थिति गंभीर होने के कारण मौत हो गई है। जबकि कुछ का इलाज जारी है। अभी कल दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूमते पुलिस ने दो जमातियों को पकड़ा। इनमें से एक की हालत बेहद गंभीर थी। जमाती पश्चिम बंगाल का बताया गया था।