चीन के वुहान से कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था। आज पूरी दुनिया इस महामारी के चपेट में है। भारत में भी तेजी से इसका संक्रमण बढ़ रहा है। प्रसार रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर से हैरान करने वाली जानकारी सामने आ रही है। प्रशासन को 400 से ज्यादा लोगों के बारे शिकायत मिली है। इन पर विदेश यात्रा की हिस्ट्री छिपाने का आरोप है। ऐसे लोगों की लापरवाही की वजह से राज्य में बड़े स्तर पर संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है।
बताया जाता है कि विदेश से लौटे ये कश्मीरी आइसोलेट होने से बचने के लिए चकमा देकर अपने घर पहुॅंचे। बाद में समाज के बीच खुलेआम घूमते रहे। उल्लेखनीय है कि घाटी में अब तक संक्रमण के आठ मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमित मरीज या तो विदेश से लौटे हैं या फिर उनके संपर्क में रहे हैं। प्रशासन को मिली शिकायतों में से अब तक 200 वाजिब मिलीं हैं और विदेश यात्रा से लौटे 150 लोग क्वारेंटाइन में भेजे गए हैं।
ये कैसे घर पहुँचे? कुछ वाकए पढ़िए। सभी जम्मू-कश्मीर/श्रीनगर के हैं। एक शख्स इटली से लौटता है, मगर किसी दूसरी जगह से होते हुए पहले नई दिल्ली आता है, फिर वह दिल्ली से जम्मू आने के लिए ट्रेन पकड़ता है। इसके बाद रेलवे स्टेशन से घर आने के लिए कैब लेता है। अपने घर जाने के लिए इतना लंबा रूट वह सिर्फ़ इसलिए लेता है ताकि ट्रैवल हिस्ट्री छिपा सके और 14 दिन के क्वारेंटाइन पीरियड से बच सके। हालाँकि बाद में पुलिस उसे ट्रेस कर पकड़ लेती है।
A gentleman coming from Italy reaches New Delhi via another port. Takes train to Jammu n Cab to home in #Srinagar. Just to hide travel history. Traced. Need collective focus to handle it. Things are not that simple as they appear from homes & office rooms. WHO guidelines anyone?
— Shahid Choudhary (@listenshahid) March 22, 2020
इसी तरह एक और मामला है। दो भाइयों का। दोनों बांग्लादेश के एक ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। एक फ्लाइट से आता है और दूसरा सड़क के रास्ते। जो फ्लाइट से आता है वह चेकिंग स्टॉफ को अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताता है और क्वारेंटाइन कर दिया जाता है। मगर, दूसरा भाई सड़क का रास्ता पकड़कर सीधे घर पहुँच जाता है और घर की बनी मिठाइयों का स्वाद ले रहा होता है। इसी बीच किसी समझदार पड़ोसी को इसकी भनक लगती है और वह कंट्रोल रूम में कॉल कर देता है। कुछ देर में टीम पहुँचती है और उस शख्स में कोरोनावायरस के लक्षण दिखते हैं। आखिर में उसे आइसोलेट कर ही दिया जाता है।
Two brothers. Same Medical College in Bangladesh. One travels by air, declares travel history lands in Quarantine. Other takes road goes home, probably enjoyed Wazwan. Smart neighbor informs Control Room. Team got in touch. Symptomatic. WHO guidelines lecture please?
— Shahid Choudhary (@listenshahid) March 22, 2020
ऐसे केवल दो मामले नहीं हैं। ऐसे अनेकों मामले हैं जिनके कारण जम्मू-कश्मीर में पुलिस प्रशासन को दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। सरकार गुहार लगा-लगाकर थक गई है कि समाज को खतरे से बचाएँ, कोरोना के लक्षण दिखते ही स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाएँ। लेकिन नहीं, इंसानियत के दुश्मनों की बुद्धि में ये बातें समझ नहीं आती। मेडिकल का स्टूडेंट होने के बावजूद लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं, तो सोचिए जाहिलपना किस हद तक भीतर है।
इन्हीं जाहिलों से लड़ने के लिए श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर शाहिद चौधरी ट्वीट के जरिए विदेश यात्रा कर वापस अपने घर लौटने वाले और ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने वाले कश्मीरियों को चेतावनी दे रहे हैं। रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए शाहिद ये बताना चाह रहे थे कि लोग चाहे ट्रैवल हिस्ट्री छिपा लें, लेकिन प्रशासन की सतर्कता और लोगों की समझदारी से वे बच नहीं सकते।
Control room traced 152 undeclared cases of persons in Srinagar, who had returned from foreign countries. They have been put under quarantine. We continue to request people to come forward and self-report: Shahid Choudhary Srinagar District Magistrate, Jammu and Kashmir #COVID19
— ANI (@ANI) March 25, 2020
कल रात की बात करें तो कंट्रोल रूम के ट्रेसिंग सिस्टम ने 400 प्राप्त शिकायतों में से 200 का सत्यापन किया और उनके सामने 150 ऐसे अघोषित लोगों के मामले सामने आए जो विदेश घूम कर लौटे, लेकिन किसी को भी इसका पता नहीं चला। अब फिलहाल इन सभी को कोरोंटाइन किया गया है। शाहिद चौधरी ने अपील किया है कि ऐसे लोग आगे आएँ और खुद रिपोर्ट करें। वरना ट्रेसिंग सिस्टम उन्हें ट्रैक कर ही लेगा।
Four passengers just reached from Mauritius, Dubai and Kazakhstan “decline” to declare travel history. Done quickly by IT team. My “WHO Guidelines wala Friends” can u pl send a “Recorded Sermon” to help convince such people? Please? I beg. Ignore the Thick Skin and help😷
— Shahid Choudhary (@listenshahid) March 22, 2020
रविवार को शाहीद चौधरी के एक ट्वीट से 4 लोगों के बारे में जानकारी सामने आई। ये दुबई और कजाकिस्तान की यात्रा कर लौटे, लेकिन प्रशासन को अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताना जरूरी नहीं समझा। हालाँकि उनका पता बाद में आईटी ने लगा लिया। लेकिन ऐसी हरकतों को देखकर डिप्टी कमिश्नर ने तंज कसते हुए कहा, “हे मेरे स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइन्स वाले दोस्तों, क्या आप मुझे प्रवचन जैसा कुछ भेज सकते हैं ताकि मैं ऐसे लोगों को समझा पाऊँ?”
हम यदि शाहिद चौधरी के ट्विटर हैंडल पर एक नजर डालें तो मालूम पड़ेगा कि प्रशासन ऐसे लोगों की बेवकूफियों के कारण कितना परेशान हो रहा। जो अपने ट्रैवल हिस्ट्री को छिपा रहे हैं उन्हें ट्रेस किया जा रहा है, जो अस्पताल से भाग रहे हैं उन्हें पकड़ा जा रहा है और ये काम एक दो बार नहीं लगातार हो रहा है।
शाहिद लगातार ट्विटर पर निवेदन कर रहे हैं कि इस महामारी की गंभीरता को समझें। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन को सही जानकारी दें। अभी भी देरी नहीं हुई है। परिस्थितियों को देखते हुए उनका यहाँ तक कहना है कि डॉक्टर्स के मुताबिक हो सकता है कम्यूनिटि में मौजूद केस पॉजिटिव आए केसों से भी ज्यादा हों। इसलिए भगवान के लिए घर में रहें और ट्रैवल हिस्ट्री होने पर या लक्षण दिखते ही तय अस्पतालों में संपर्क करें।
चौधरी के मुताबिक उनके पास इस समय ऐसे संदेशों का ढेर लग गया है जिनमें उन लोगों की जानकारी दी गई है जो अपनी ट्रैवल हिस्ट्री को छिपाकर खुलेआम घूम रहे हैं। प्रशासन ने उन्हें चेतावनी दी है कि वे जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाएँ और ध्यान रखें कि ये अपीलें निराधार नहीं हैं। कंट्रोल रूम और टीम भी इस समय मुश्किल समय से गुजर रही है।
हालाँकि, इस समय ये बात सब जानते हैं कि सरकार और पुलिस प्रशासन सिर्फ़ लोगों को इस महामारी से बचाने के लिए इतनी सख्ती दिखा रहा है। मगर फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनका मानना है कि ऐसे लोगों के बारे में सोशल मीडिया पर बात नहीं होनी चाहिए, उन्हें शर्मसार नहीं किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि जरूरी नहीं कि जिसने विदेशों में ट्रैवल किया हो, वो कोरोना पॉजिटिव हो ही।
It’s prohibited to share names and locations in such cases. We advised earlier too. Necessary SOP is followed at local level by multiple agencies with utmost seriousness for safety of everyone. https://t.co/kmhgsv3dkr
— Shahid Choudhary (@listenshahid) March 24, 2020
कश्मीर में एयरपोर्ट से बिन स्क्रीनिंग कराए, अस्पताल से भागकर, ट्रैवल हिस्ट्री छिपाकर, घर में छिपने वालों की तादाद बढ़ती जा रही हैं। 23 मार्च को 65 लोगों को ट्रैक किया गया था। उससे पहले बैंकाक, यूके, दुबई, बांग्लादेश, कजाकिस्तान से आने वाले 29 लोगों के बारे में पता लगाया गया था जो रास्ता बदलकर या फिर ट्रैवल हिस्ट्री छिपाकर घरों तक पहुँचे थे।
इसके अलावा गुरुवार से शनिवार तक श्रीनगर लौटने वाले कुल 1166 लोगों को इस तरह ही 20 होटलों में क्वारेंटाइन किया गया है। कश्मीर में सुरक्षा बल हमेशा आतंकी खतरों से निपटने के लिए सतर्क रहते हैं। लोगों की आवाजाही का पता लगाने के लिए यहाँ इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग सिस्टम हैं। यह नेटवर्क उन लोगों से निपटने के लिए भी काम आ रहा है जो आइसोलेशन सेंटर से भाग रहे हैं। पिछले शनिवार को ही ऐसे 3 पीएचडी स्कॉलर्स जो बिना बताए क्वारेंटाइन सेंटर से गायब हो गए थे, उन्हें पकड़ लिया गया और एग्जामिनेशन के लिए हेल्थ सेंटर में डाल दिया गया। ये तीनों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र थे, जो 18 मार्च को ही यूएई से लौटे थे। इन्हें यूनिवर्सिटी में ही क्वारेंटाइन किया गया था, लेकिन ये भागकर कश्मीर आ गए।
यहाँ बता दें जम्मू-कश्मीर प्रशासन ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने वाले यात्रियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दे चुका है। लेकिन हालात सुधरते नहीं दिख रहे। सिर्फ प्रशासन के प्रयासों से क्या होगा, अगर जनता ही सहयोग नहीं करेगी। हाल ही में श्रीनगर एयरपोर्ट पर बांग्लादेश से आए कुछ मेडिकल स्टूडेंट्स ने जाँच का विरोध करते हुए तोड़फोड़ की थी। कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर पीके पोल ने इस पर कहा था कि प्रक्रिया का उल्लंघन करने वालों को प्रशासन बर्दाश्त नहीं करेगा। जो भी शख्स नियमों का पालन नहीं करेगा, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शाहिद चौधरी का कहना है, “यकीन कीजिए अगर मैं रोज इस तरह के लोगों की जानकारी साझा करूँगा तो कश्मीर में कोई सो भी नहीं पाएगा। अपने अहंकार को एकतरफ रखें, समस्या को बढ़ाने की बजाय मिलजुल कर काम करें और एक-दूसरे की मदद करें। जो अभी चल रहा है वो तीसरे विश्वयुद्ध से कम नहीं है। यह खत्म हो जाए तो हम अपनी बाकी समस्याओं को आपस में निपटाते रहेंगे।”