Saturday, June 14, 2025
Homeदेश-समाजJNU के सर्वर रूम में हुई थी तोड़फोड़, FIR भी दर्ज हुई थी: RTI...

JNU के सर्वर रूम में हुई थी तोड़फोड़, FIR भी दर्ज हुई थी: RTI के नाम पर प्रपंच फैला रहे हैं वामपंथी

जेएनयू ने पुलिस व जाँच एजेंसियों के समक्ष जो शिकायत दर्ज कराई थी, वो सभी सार्वजनिक हो चुकी हैं, ऐसे में एक आरटीआई के नाम पर अफवाह फैलाने वालों को जेएनयू के इस बयान से काफ़ी धक्का लगा है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने आरटीआई के नाम पर अफवाह फैलाने वालों को करारा जवाब दिया है। जेएनयू में सर्वर रूम में वामपंथियों ने जम कर तोड़फोड़ मचाई थी, ताकि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी न की जा सके। बाद में सीसीओटीवी फुटेज में क़ैद अपनी करतूतों को छिपाने के लिए भी वामपंथियों ने सर्वर रूम में कम्युनिकेशन सिस्टम को तहस-नहस कर दिया। जेएनयू ने तभी पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी, जब पहली बार सर्वर रूम में तोड़फोड़ मचाई गई थी।

अब जेएनयू ने कहा है कि आरटीआई में एक ‘ख़ास जगह’ को लेकर जानकारी माँगी गई थी। अब जेएनयू ने इस आरटीआई के जवाब को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। जेएनयू ने कहा है कि आरटीआई में किसी ‘स्पेसिफिक लोकेशन’ के लिए जानकारी माँगी गई थी। जेएनयू ने पुलिस व जाँच एजेंसियों के समक्ष जो शिकायत दर्ज कराई थी, वो सभी सार्वजनिक हो चुकी हैं, ऐसे में एक आरटीआई के नाम पर अफवाह फैलाने वालों को जेएनयू के इस बयान से काफ़ी धक्का लगा है।

बता दें कि 5 जनवरी को जेएनयू के हॉस्टलों में घुस कर वामपंथियों ने तांडव मचाया था। एबीवीपी के छात्रों को चुन-चुन कर पीटा गया था और कइयों का सिर लोहे के रॉड से प्रहार कर तोड़ दिया गया था। वामपंथी गुंडों का नेतृत्व करती हुई जेएनयू छात्र संगठन की वर्तमान अध्यक्ष आईसी घोष और पूर्व अध्यक्ष गीता कुमार के वीडियो वायरल हुए थे। नकाबपोश वामपंथी बदमाशों ने महिलाओं तक को नहीं बख्शा था। कॉमरेड चुनचुन को डंडा और पत्थर लेकर हिंसा करते हुए देखा गया था।

दरअसल, सर्वर रूम में तोड़फोड़ मचाने का असली उद्देश्य ये था कि जो छात्र पढ़ना चाहते हैं, वो रजिस्ट्रेशन ही न कर पाएँ। साथ ही ऐसे छात्रों को रोकने के लिए उनसे मारपीट भी की गई थी। सीसीटीवी फुटेज को तहस-नहस करने के लिए वामपंथियों ने दोबारा सर्वर रूम में घुस कर सिस्टम को तबाह करने के लिए तोड़फोड़ मचाई। इस मामले में दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की जाँच चल रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

असीम मुनीर को नहीं आया था अमेरिका से कोई बुलावा, कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने केवल पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा फैलाया: सच खुलने पर लग रही...

कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था अमेरिका ने पाकिस्तानी जनरल असीम मुनीर को अमेरिका बुलाया है। जिसके बाद अमेरिका ने बताया कि खबर झूठी है।

जिस लाल झंडे का ‘कत्लेआम’ से जुड़ा है इतिहास, ईरान ने उसे अपनी सबसे बड़ी मस्जिद पर फहराया: जानें इजरायल के साथ जंग के...

तनाव बढ़ने के साथ अब ईरान ने जामकारन मस्जिद पर लाल झंडा भी फहरा दिया है। लाल झंडा शिया परंपरा में खूनी प्रतिशोध का प्रतीक होता है।
- विज्ञापन -