कानपुर हिंसा मामले के तार अब कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि हाल में हिंसा आरोपितों की धरपकड़ में पुलिस ने इस संगठन के तीन सदस्यों को पकड़ा जिनकी पहचान सैफुल्ला, नसीम और उमर के तौर पर हुई है। कथिततौर पर ये तीन सीएए हिंसा के दौरान भी पकड़े गए थे।
Big | कानपुर हिंसा में PFI के 3 मेंबर सैफुल्ला, नसीम, उमर गिरफ्तार। तीनों CAA हिंसा में भी पकड़े गए थे। #Kanpur #Up
— Sachin Gupta | सचिन गुप्ता (@sachingupta787) June 7, 2022
PFI सदस्यों समेत 54 गिरफ्तार
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने गिरफ्तारियों पर बताया कि कानपुर हिंसा केस में पुलिस ने पीएफआई के 5 सदस्यों की पहचान की थी। इनमें से 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। एक फरार है और एक चलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस को शक है कि पीएफआई के अन्य सदस्य भी शहर में मौजूद हो सकते हैं जिसके मद्देनजर जाँच चल रही है। हिंसा केस में अब तक 54 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। बीजेपी के युवा विंग के नेता हर्षित श्रीवास्तव को भी पुलिस ने भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने पर पकड़ा है।
Kanpur ACP and a member of the SIT, Tripurari Pandey says, "We are speaking with sanitation workers as a part of our investigation. We are also collecting evidence in connection with the incident that had happened." pic.twitter.com/MZnCMLeJP0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 8, 2022
पुलिस ने इकट्ठा किए सबूत
ताजा जानकारी बताती है कि जाँच टीमें लगातार घटनास्थल पर जाकर सबूत जुटाने में लगी हैं। आज भी पुलिस एसआईटी सदस्यों ने और कानपुर एसीपी त्रिपुरारी पांडे ने हिंसा वाली जगह जाकर सफाई कर्मचारियों से बात की। घटना संबंधी सारे सबूत जुटाने के प्रयास हो रहे हैं। मंगलवार को सुबह ताबड़तोड़ दबिश दी गई थी। अभियान में कुल 11 आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़े थे। बुधवार को एसीपी पांडे ने बताया कि उन्हें सबूतों में पत्थर ईंट मिली। इलाके में फोटो ग्राफी और वीडियोग्राफी करके लोगों से उनकी राय ली गई है।
पूर्व सपा नेता का हिंसा में नाम
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, कानपुर हिंसा में निजाम कुरैशी का नाम भी आया है उसके तार पूर्व में समाजवादी पार्टी से जुड़े मिले हैं। और उसके नाम से चल रहे वॉट्सएप ग्रुप में हिंदुओं के प्रति घृणा देखने को मिली है। साझा स्क्रीनशॉट में हिंदू दुकानदारों से सामान लेने से मुस्लिमों को मना किया जा रहा है। मैसेज में दुकानों के नाम अलग से लिखे गए हैं जिनसे किसी भी सामान की खरीददारी करने से मना किया जा रहा है। मैसेज के ऊपर ‘मुसलमानों के नाम संदेश’ साफ लिखा है। इसमें हिंदू दुकानदारों के नाम के साथ बताया गया है- “जैसे इनको अपने सिर पर बैठाया है उसी तरह एकजुट होकर इन्हें सिरों से नीचे उतार भी सकते हैं।” जिस ग्रुप में ये सारी बातें हुई हैं उस ग्रुप का नाम ‘टीम निजाम कुरैशी’ है।
#KanpurRiotCrackdown#Kanpur violence accused, who is a former SP leader, #NizamQureshi's WhatsApp chats have been accessed.
— TIMES NOW (@TimesNow) June 8, 2022
'Qureshi & members wrote hateful posts'.
Amir Haque joins @RichaSharmaB & @anchoramitaw with more details. pic.twitter.com/usoixqMlat