Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजकानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने जारी की 36 दंगाइयों की लिस्ट, टॉप फाइव...

कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने जारी की 36 दंगाइयों की लिस्ट, टॉप फाइव में सपा नेता का नाम: जानिए कौन है निजाम कुरैशी

कानपुर में हुई हिंसा के मामले में जौहर फैंस एसोसिएशन के अलावा ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी एक्शन कमेटी का नाम भी सामने आया था। निजाम कुरैशी इसी संस्था का जिलाध्यक्ष है। इसके अलावा वो सपा का महानगर सचिव भी है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 3 जून 2022 को इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा और पत्थरबाजी के मामले में लगातार पुलिस एक्शन में है। इसी क्रम में शनिवार (4 जून 2022) को बड़ा एक्शन लेते हुए 36 दंगाइयों की लिस्ट जारी की। इन दंगाइयों में से एक सपा का नेता निकला। नाम है निजाम कुरैशी (Nizam Quraishi)। इस मामले में पुलिस ने अब तक 29 आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

वहीं निजाम कुरैशी को गिरफ्तार किए जाने के बाद कानपुर के सपा के जिलाध्यक्ष इमरान ने पार्टी की तरफ से सफाई पेश करते हुए कहा कि उसे 20 मई 2022 को ही एक्टिव नहीं होने के कारण पार्टी से बाहर कर दिया गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में इसका मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान शामिल है। पुलिस की लिस्ट में निजाम कुरैशी का नाम टॉप फाइव में है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को हुई हिंसा के मामले में शनिवार को यूपी पुलिस ने 500 दंगाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

कौन है निजाम कुरैशी

कानपुर में हुई हिंसा के मामले में जौहर फैंस एसोसिएशन के अलावा ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी एक्शन कमेटी का नाम भी सामने आया था। निजाम कुरैशी इसी संस्था का जिलाध्यक्ष है। इसके अलावा वो सपा का महानगर सचिव भी है। उसके सपा के ही तीन विधायकों के साथ घनिष्ठ संबंध है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस संस्था का नाम CAA और NRC के समय हुए दंगे में भी इस कमेटी का नाम सामने आया था। यह सब इसलिए हुए, क्योंकि समाजवदी पार्टी के विधायकों का हाथ निजाम कुरैशी पर था।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर देहात में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जमकर पत्थरबाजी की थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे। दरअसल, कट्टरपंथी मुस्लिम दिल्ली बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद को लेकर दिए गए कथित बयान से नाराज थे। इसी लेकर उन्होंने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया था। जब दूसरे पक्ष ने बंद से मना कर दिया तो मुस्लिम उपद्रवी पत्थरबाजी करने लगे। यह बवाल परेड, नई सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में फैल गया। उन्मादी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठियाँ भी भाँजनी पड़ी। उसी दिन पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कानपुर के दौरे पर थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -