Friday, July 4, 2025
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कुमकुम-चूड़ी पहनने पर काट लेते हैं पैसे, हिन्दू लड़कियों को हिजाब पहनने को किया जा रहा मजबूर: कंपनियों की हरकत पर हिन्दुओं में गुस्सा

घटना तब सामने आई जब एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने हिजाब पहने हिंदू महिलाओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की।

कर्नाटक के तुमकुर में कुछ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों में काम करने वाली हिंदू महिलाओं को मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रमों के दौरान हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हिंदू महिलाओं को अधिक दैनिक मजदूरी का लालच देकर मुस्लिमों के कार्यक्रमों में न सिर्फ हिजाब पहनाने की बात सामने आई है, बल्कि दावा है कि उन्हें कुमकुम हटाकर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, घटना तब सामने आई जब एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने हिजाब पहने हिंदू महिलाओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की। ‘संवाद कन्नड़’ नामक एक स्थानीय चैनल ने इस पर रिपोर्ट भी दिखाई थी। साड़ी और हिजाब पहने हिंदू महिलाओं की तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद ‘बजरंग दल’ कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को स्थानीय जन प्रतिनिधियों के समक्ष उठाया साथ ही इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के खिलाफ विरोध भी जताया।

‘बजरंग दल’ कार्यकर्ता मंजू भार्गव ने ‘द ऑर्गनाइजर’ को जानकारी दी कि इस तरह की इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ गरीब हिंदू महिलाओं को अपना निशाना बनाती हैं, उन पर दबाव बनाया जाता है कि वो हिजाब पहनें। मुस्लिमों के निकाह और अन्य कार्यक्रमों में कंपनियों द्वारा हिजाब पहनने और हिंदुओं की अन्य निशानियाँ जैसे कुमकुम और चूड़ी न पहनने पर महिलाओं को 800-1000 रुपए तक का लालच दिया जाता है। हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को सिर्फ 300-400 रुपए तक दिए जाते हैं।

मंजू भार्गव के अनुसार, हिजाब पहनने से इनकार करने वाली लड़कियों को काम भी निम्न स्तर का दिया जाता है। घटना की जानकारी होने के बाद ‘बजरंग दल’ कार्यकर्ताओं ने उन लड़कियों के परिजनों से संपर्क किया जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। परिजनों का कहना था कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। अधिक रुपयों के लिए बच्चियों का कुमकुम हटाना और हिजाब पहनना मंजूर नहीं है।

मामला सामने आने के बाद बजरंग दल समेत हिंदू संगठनों द्वारा कई इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस्लामीकरण को बढ़ावा देने वाली इस तरह की हरकतें बंद होनी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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