Saturday, May 18, 2024
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284 तबलीगी गायब, मोबाइल भी स्विच ऑफ, ट्रेस करना मुश्किल: परेशानी में केरल प्रशासन, नहीं मिल रहा कोई सुराग

तबलीगी जमात में केरल से गए लोगों की संख्या 1,311 थी। 518 लोग केरल वापस लौटे हैं। इसके बाद 509 जमाती, जिन्होंने 12 से 28 मार्च तक के बीच में केरल से दिल्ली जाकर मरकज़ कार्यक्रम को अटेंड किया, वे फिलहाल तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में हैं। लेकिन...

केरल से जाकर तबलीगी जमात के कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले 284 लोगों की गुमशुदगी ने प्रशासन को सकते में ला दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन 284 लोगों की सूचना अब तक पुलिस को नहीं मिल पाई है। केरल के इन तबलीगी जमातियों के मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहे हैं, जिसके कारण इन्हें ट्रेस करना भी मुश्किल हो गया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार केरल से तबलीगी जमात का हिस्सा बनने वाले 1000 से ज्यादा लोगों में से 518 लोग केरल वापस लौटे। जिन्हें हाल ही में पहचान करके क्वारंटाइन किया गया। हालाँकि, टेस्ट के बाद इनमें से केवल 6 लोग कोरोना पॉजिटिव आए।

इसके बाद 509 जमाती, जिन्होंने 12 से 28 मार्च तक के बीच में केरल से दिल्ली जाकर मरकज़ कार्यक्रम को अटेंड किया, वे फिलहाल तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में हैं। इनकी जानकारी राज्यों के गृह प्रशासन को सौंप दी गई है। इसके अलावा 20 अप्रैल तक राज्य में 408 कोरोना मामले आए हैं। जिन्हें उपयुक्त इलाज देकर ठीक करने का प्रयास जारी है। मगर, इस बीच राज्य प्रशासन की चिंता वे जमाती बन गए हैं, जो बहुत कोशिशों के बाद भी पकड़ में नहीं आ रहे।

मालूम रहे कि भारत में कोरोना का सबसे पहला मामला केरल में ही आया था। जिसके बाद पूरे देश में इसका प्रसार शुरू हुआ और आज आँकड़े 20 हजार पहुँचने वाले हैं। वहीं अकेले केरल में इन केसों की संख्या 408 पहुँच गई है। जिनमें से 288 रिकवर कर चुके हैं। जबकि वायरस के कारण 3 लोग दम तोड़ चुके हैं। अब समय के बीतने के साथ पुलिस को डर है कि अगर ये 284 जमाती जल्द से जल्द नहीं पकड़े जाते हैं तो ये अन्य लोगों को भी संक्रमित कर देंगे। इसलिए पुलिस इनकी धड़पकड़ में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सूचना के अनुसार, तबलीगी जमात में केरल से गए लोगों की संख्या 1,311 थी। 

बता दें कि 29 मार्च को आईबी निदेशक अरविंद कुमार ने राज्य डीजीपी को इन तबलीगियों की मूवमेंट पर जानकारी दी थी। राज्य मुख्यमंत्री ने भी इसके बाद पुलिस की योजना को मंजूरी देते हुए सभी जमातियों की पहचान करके क्वारंटाइन करने की बात की थी। लेकिन साथ ही ये भी आदेश दिया था कि ये बातें मीडिया सुर्खियों में न आए।

अब जब लाख कोशिशों के बाद 284 जमातियों की कोई सूचना नहीं मिल रही है, तो पुलिस के लिए ये एक सिरदर्दी बन गए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये जमाती प्रत्येक संपर्क में आने वाले व्यक्ति के जरिए इस संक्रमण को और फैला सकते हैं और इससे पूरे राज्य में वायरस का समुदाय के बीच विस्फोट हो सकता है।

गौरतलब है कि इससे पहले, सभी स्थिति को देखते हुए भी केरल सरकार ने 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में कुछ छूट देने का एलान किया था। इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। गृह मंत्रालय ने कहा था कि शहरों में रेस्तरां खोलने, बस यात्रा की अनुमति देने और निगम के इलाकों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (MSME) उद्योगों को खोलने की अनुमित देना लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों को कमजोर करने के बराबर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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