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Monday, April 14, 2025
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फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने को हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: प्रोडक्शन कंपनी लागू करें POSH एक्ट, गठित करें ICC

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया है। याचिका में राजनैतिक दलों को भी इस संबंध में निर्देशित करने की अपील की गई थी।

फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने की दिशा में केरल हाई कोर्ट ने एक निर्णायक फैसला दिया है। अदालत ने फिल्म प्रोडक्शन कंपनियों में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 यानी POSH एक्ट लागू करने का निर्देश दिया। इसके तहत उन सभी प्रोडक्शन कंपनियों में 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं, आंतरिक शिकायत समिति (ICC) के गठन का आदेश दिया है। यह फैसला वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) की याचिका पर आया है।

बार एन्ड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया है। याचिका में राजनैतिक दलों को भी इस संबंध में निर्देशित करने की अपील की गई थी। लेकिन पीठ ने कहा कि जो राजनैतिक दल कर्मचारी नहीं रखते या कर्मचारियों का पार्टी सदस्यों से सीधा संबंध नहीं है उनको आईसीसी का गठन करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन, बड़े प्रोडक्शन हाउस के अलावा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े वे सभी संगठन जिन्होंने दफ्तर खोल रखे हैं, जहाँ कम से कम 10 लोग काम करते हैं या फिर जहाँ महिला कर्मचारी हैं उन्हें ICC का गठन करना होगा। पीठ ने कहा कि POSH एक्ट के सेक्शन 6 और 9 के तहत शिकायतों के निपटारे के लिए यह जरूरी है।

इससे पहले केरल महिला आयोग ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में आईसीसी गठित करने और कानून की पालना सुनिश्चित कराने के लिए राज्य सरकार से कहा था। POSH एक्ट (Prevention of Sexual Harassment) कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण के अपराधों के खिलाफ बनाया गया है। हाई कोर्ट के मुताबिक ICC का गठन किसी भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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