सात मुस्लिम छात्राओं ने ऑपरेशन थिएटर में हिजाब जैसी पोशाक पहनने की इजाजत माँगी है। केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित सरकारी मेडिकल काॅलेज में ये छात्राएँ एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। काॅलेज प्रिंसिपल को इस संबंध में 26 जून 2023 को छात्राओं ने पत्र लिखा। अपनी मजहबी मान्यताओं का हवाला देकर इसकी इजाजत माँगी है। हालाँकि कॉलेज प्रशासन ने मरीजों की सुरक्षा सर्वोच्च बता कर इसे नकार दिया है।
सोशरल मीडिया में वायरल यह पत्र एमीबीबीएस 2020 बैच की एक छात्रा ने लिखा है। इस पर 2018, 2021 और 2022 बैच की अन्य छात्राओं के भी हस्ताक्षर हैं। पत्र के विषय में कहा गया है, ‘ऑपरेशन थिएटर में हिजाब पहनने के मुद्दे के संबंध में।’ पत्र में मजहबी परंपरा का हवाला देते हुए सर ढँकना और हिजाब पहनना मुस्लिम महिला के लिए हर हाल में जरूरी बताया गया है।
The hijab controversy has reached Kerala, and new dramas are unfolding!
— महारथी-മഹാരഥി (@MahaRathii) June 26, 2023
A student from Medical College Thiruvananthapuram has requested permission to wear long-sleeve scrub jackets and surgical hoods in the operating theatre.
This situation exemplifies how some individuals… pic.twitter.com/ql51XF0EwI
ऑपरेशन थिएटर में हिजाब की माँग करने वाली लड़कियों ने अन्य देशों के अस्पतालों का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि कई ऐसी कम्पनियाँ हैं ऑपरेशन रूम में मुस्लिम महिलाओं के पहनने के लिए विशेष कपड़े सप्लाई करती हैं। लंबी आस्तीन वाले स्क्रब जैकेट और सर्जिकल हुड उपलब्ध हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉलेज प्रशासन ने मुस्लिम छात्राओं की हिजाब वाली माँग मानने से इनकार कर दिया है। तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लिनेट जे मॉरिस ने हिजाब की माँग वाला पत्र मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान संक्रमण रहित होने के लिए डॉक्टर को पूरे हाथ धोने पड़ते हैं, इसलिए छात्राओं की माँग पर अमल कर पाना संभव नहीं है। मरीजों की सुरक्षा सर्वोच्च बताते हुए प्रिंसिपल ने दोनों पक्षों को सुनने के लिए एक कमेटी के गठन का एलान किया है।
गौरतलब है कि साल 2022 में कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पहनने की माँग को लेकर काफी हंगामा हुआ था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में हिजाब पहन कर स्कूल आने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।