Wednesday, November 20, 2024
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‘सूर्या इलेक्ट्रिकल्स’ का मालिक कासिफ, कई जगह अवैध कब्जे: उस ‘मस्जिद वाले मोहल्ले’ का हाल, जहाँ से निकली भीड़ पर नितेश चौधरी की हत्या का आरोप

कैमरे पर न आने और अपने नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक स्थानीय निवासी ने हमें X, Y और Z ब्लॉक का इतिहास बताया। उसने कहा कि जब तुर्कमान गेट से विस्थापित मुस्लिमों को यहाँ फ़्लैट दे कर बसाया गया था, तब उनकी इबादत के लिए कोई मस्जिद नहीं थी।

दिल्ली के शादीपुर में नितेश चौधरी नाम के युवक की हत्या के बाद जिस स्थान का सबसे ज्यादा जिक्र आ रहा वो है मस्जिद वाला मोहल्ला। न सिर्फ हमले में घायल अलोक दुबे की शिकायत में मस्जिद लिखी हुई है बल्कि मृतक के घर वालों के बयानों में भी मस्जिद का जिक्र आया। नितेश चौधरी के परिवार ने मस्जिद वाले मोहल्ले में तमाम तरह के अपराध होने और खुद पुलिस के वहाँ जाने में डरने का आरोप लगाया था। ऑपइंडिया की टीम ने सोमवार (17 अक्टूबर 2022) को उस मोहल्ले का दौरा किया, जहाँ पर वो मस्जिद भी मौजूद है।

सैयद कासिफ की सूर्या इलेक्ट्रिकल्स नाम से दुकान

मुख्य सड़क से पटेल नगर और शादीपुर मेट्रो स्टेशन के लगभग बीच में पिलर संख्या 215 के सामने मंदिर वाली गली से हम उस मोहल्ले की तरफ बढ़े, जिसे इलाके के लोग मुस्लिम बहुल कहते हैं। अभी हम सड़क से लगभग 70 मीटर ही आगे बढ़े होंगे कि बेसमेंट में बनी ‘सूर्या इलेक्ट्रिकल्स’ नाम की दुकान पर हमारी नजर गई। यहाँ जब हमने इस दुकान के बोर्ड पर देखा तो उस पर सैयद कासिफ का नाम लिखा हुआ था। हमने कुछ देर वहाँ कासिफ से मिलने का इंतज़ार किया लेकिन जब वो नहीं दिखे तो हम आगे बढ़ गए।

सैयद कासिफ की ‘सूर्या इलेक्ट्रिकल’

जहाँ नितेश का कत्ल हुआ, वहाँ पैरामिलिट्री तैनात

सैयद कासिफ की दुकान से होते हुए हम उसी गली से होते हुए आगे बढ़े तो बस्ती और वहाँ लोगों की आबादी और सघन होती चली गई। कुछ ही देर बाद सीरत टेलर्स की दुकान के आगे आते ही हमने वो गली दिखाई दी जहाँ नितेश की हत्या अदनान, हमज़ा और तमाम अन्य हमलावरों की भीड़ ने की थी। गली के ठीक मुहाने पर पैरामिलिट्री ITBP के लगभग 4 जवान और दिल्ली पुलिस की 2 महिला कॉन्स्टेबल तैनात दिखीं।

जिस गली में हत्या हुई, वहाँ आम आदमी पार्टी के पोस्टर भी काफी संख्या में लगे दिखे। घटनास्थल के आस-पास दुकानदार और खरीददार पूरी तरह से सामान्य हालात में दिखे और बाजार में चहल-पहल थी।

घटनास्थल

रास्ते में नॉनवेज की कई दुकानें

जिस जगह पर नितेश चौधरी और उसके साथियों पर प्राणघातक हमला हुआ था, वहाँ से हम आगे उस मस्जिद की तरफ बढ़े जिसका जिक्र पूरी घटना में कई बार आया। रास्ते में हमें नॉनवेज की कई दुकानें दिखीं, जिस पर काफी भीड़ लगी हुई थी। मस्जिद के आसपास का क्षेत्र मुस्लिम बहुल कहा जाता है। इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र के मुहाने पर पैरामिलिट्री के जवान खड़े दिखे, लेकिन जब हम इस मोहल्ले के अंदर गए तब हमने पुलिस की तैनाती नहीं दिखी।

यहाँ बकरे काट कर टाँगे गए थे। अधिकतर लोग इस्लामी वेशभूषा में दिखाई दिए। इस स्थान पर भी हालात पूरी तरह से सामान्य थे और लोग रोजमर्रा के कामों में लगे थे। हालाँकि इस क्षेत्र में गंदगी बाकी रंजीत नगर से अधिक दिखी।

घटनास्थल और आस-पास तैनात सुरक्षा बल

T- पॉइंट पर है हरे रंग की बड़ी मस्जिद

लगभग 5 मिनट पैदल चल कर आखिरकार हम उस मस्जिद के सामने पहुँच ही गए, जिसका जिक्र कई बार घटना में आया है। यह हरे रंग की है और एक तिराहे नुमा जगह के टी-पॉइंट पर बनी हुई है। मस्जिद के सामने वाली सड़क के किनारे पर कुछ निर्माण कार्य जैसा चलता दिखा। दुकानदारों में एक वर्ग विशेष ही अधिकतर दिखाई दिए। सड़क की हालात देख कर ऐसा लगा कि कहीं न कहीं उस पर अस्थाई अतिक्रमण हुआ है।

मस्जिद और आस-पास बनी दुकानें

घटनास्थल से पैदल सामान्य चाल से चलते हुए हमें मस्जिद तक पहुँचने में लगभग 5 मिनट लगे थे। एक अनुमान के मुताबिक, अगर वहाँ से कोई दौड़ता हुआ आएगा तो उसको अधिकतम 3 मिनट का समय लगेगा। घायल अलोक दुबे द्वारा लगाए गए आरोप में भी यह कहा गया है कि हमलावर कुछ ही समय में मस्जिद वाले मोहल्ले से उन्हें और नितेश को मारने पहुँच गए थे।

X, Y और Z ब्लॉक हैं मुस्लिम बहुल

रंजीत नगर के जिस स्थान को मुस्लिम बहुल कहा जाता है उसमें X, Y और Z ब्लॉक प्रमुख हैं। मृतक नितेश के परिवार और पड़ोसियों ने इस पूरे क्षेत्र में अपराध का बोलबाला होने का आरोप लगाया था। नितेश के परिजनों के मुताबिक, यहाँ रात भर दुकाने खुली रहती हैं और कोरोना के समय लगे लॉकडाउन का भी यहाँ महामारी के नियमों का पालन नहीं किया गया था।

XYZ मोहल्ले के आसपास का दृश्य

अस्थाई टिन शेड में शुरू हुई थी पहली बार नमाज़

कैमरे पर न आने और अपने नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक स्थानीय निवासी ने हमें X, Y और Z ब्लॉक का इतिहास बताया। उसने कहा कि जब तुर्कमान गेट से विस्थापित मुस्लिमों को यहाँ फ़्लैट दे कर बसाया गया था, तब उनकी इबादत के लिए कोई मस्जिद नहीं थी। हमें बताया गया कि तब स्थानीय मुस्लिमों ने एक अस्थाई टिन शेड रख कर नमाज़ पढ़नी शुरू कर दी थी जो आज भी लगभग उसी हालत में मौजूद है।

हमने बात कर रहे स्थानीय निवासी ने कहा कि मस्जिद 80 दशक के आस-पास के बनी थी। हमें बताया गया कि मस्जिद जिस जगह बनी है, उसके आस-पास कभी पार्क हुआ करता था। स्थानीय निवासी ने हमें बताया कि इस मस्जिद के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने पार्क के अन्य हिस्से में मरीजों के इलाज के लिए सरकारी डिस्पेंसरी बनवा दी। उन्होंने हमें बताया कि डिस्पेंसरी और मस्जिद सटी हुई है। हालाँकि, ऑपइंडिया इन दावों की पुष्टि नहीं करता।

खाने की चीजों पर दुकानदार की अजीब हरकत

जब ऑपइंडिया की टीम मस्जिद के आस-पास मौजूद थी, तब उसी के सामने वाली सड़क पर एक दुकान के अंदर दुकानदार ने अजीब हरकत की। मस्जिद के सामने एक दुकान बेकरी और खाने-पीने के सामान की थी। हमारे कैमरे में रिकार्ड वीडियो में दुकानदार पहले तो अपना मुँह बिकने के लिए काउंटर पर रखे गए सामान के एकदम पास ले गया और बाद में अचानक ही ऊपर उठा लिया।

दुकानदर की इस हरकत को वहाँ मौजूद एक अन्य व्यक्ति देख रहा था, जिसने उस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी।

नाले और पार्कों की जमीन पर अवैध कब्ज़े

रंजीत नगर के वार्ड पार्षद तेजराम के मुताबिक, कुल 8 पार्क उनकी जानकारी में उस क्षेत्र के अंदर हैं। पार्कों पर अतिक्रमण करते हुए छतों से छज्जे निकाल दिए गए हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि उन्होंने नाले का पक्का निर्माण करवाया था जिसको कब झुग्गियों में रहने वालों ने कब्ज़ा कर रहा है। अवैध कब्ज़े की स्थिति को तेजराम ने काफी चिंताजनक बताया है और कहा है कि XYZ ब्लॉक की तरफ सरकार की कई जमीनें अवैध कब्ज़े में हैं।

घटना में जिक्र हुई मस्जिद के बारे में उन्होंने बताया कि उसके आसपास गलियों में भी अवैध कब्ज़े हुए हैं। तेजराम के मुताबिक, X Y Z ब्लॉक के पास मदरसा भी चल रहा है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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