Saturday, July 27, 2024
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3700 किलो बारूद, 9640 छेद, 9 सेकेंड… मलबा हो जाएगा 900+ फ्लैट वाला नोएडा का ट्विन टावर: जानिए कब, क्या, कैसे होने वाला है

सुपरटेक के जो दो टावर गिराए जा रहे हैं वे नोएडा सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेस-वे की तरफ स्थित हैं। इन टावर्स में 900 से ज्यादा फ्लैट हैं। एक टॉवर 40 मंजिल का है।

उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी में बने ट्विन टावर को ध्वस्त करने की तैयारियाँ पूरी हो गई है। विस्फोट के जरिए दोनों टावर 9-12 सेकेंड में पूरी तरह ध्वस्त हो जाएँगे। रविवार (28 अगस्त 2022) दोपहर के बाद इसे ध्वस्त किया जाएगा। लेकिन आसपास के फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को रविवार सुबह 7 बजे ही अपना घर छोड़ देना होगा।

ट्विन टावर में 900 से ज्यादा फ्लैट हैं। इनमें 9640 छेद कर करीब 3700 किलो बारूद भरा गया है। विस्फोट के लिए बटन दबाने का समय दोपहर के ढाई बजे तय किया गया है। ट्विन टावर के दो किलोमीटर के दायरे में सुबह सात बजे से ट्रैफिक बंद कर दिया जाएगा। शाम के 5 बजे इस इलाके में फिर से ट्रैफिक बहाल होगा। ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे भी दोपहर के 2ः15 से 2ः45 तक बंद रहेगा।

विस्फोट से 80 हजार टन मलबा पैदा होने का अनुमान है। मौके पर ही मलबे से स्टील और कंक्रीट अलग किया जाएगा। करीब 50 हजार टन मलबा सुपरटेक ट्विन टावर के दो बेसमेंट में समायोजित करने का प्लान है। टावर को गिराने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस ने भी अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली है।

रविवार सुबह विस्फोटक को डेटोनेटर से जोड़ा जाएगा। डेटोनेटर का बटन चेतन दत्ता दबाएँगे। एडिफिस नामक एजेंसी ने जो ब्रिकमैन के नेतृत्व में विस्फोट का पूरा प्लान तैयार किया है। लेकिन भारतीय कानून की वजह से बटन दत्ता के हाथों में रहेगी। दत्ता के अनुसार भारत में किसी भी विदेशी नागरिक को विस्फोटक का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होने के कारण ऐसा होगा। ब्लास्ट के बाद मलबे को उड़ने से रोकने के लिए टावर को लोहे की जाली की 4 परतों और कंबल की दो परतों से कवर भी किया गया है।

क्यों गिराए जा रहे टावर?

सुपरटेक के जो दो टावर गिराए जा रहे हैं वे नोएडा सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेस-वे की तरफ स्थित हैं। इसका नाम है- एमरल्ड कोर्ट ट्विन टावर्स। इन टावर्स में 900 से ज्यादा फ्लैट हैं। एक टॉवर 40 मंजिल का है। इनमें सैकड़ों फ्लैट बुक हो चुके थे। लेकिन अवैध कंस्ट्रक्शन होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसे गिराने का आदेश दिया था। अवैध कंस्ट्रक्शन सुपरटेक बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी की मिलीभगत से किया गया था। दरअसल, जिस जमीन पर दोनों टावर बने हैं, वह जगह एक पार्क बनाने के लिए थी। लेकिन सुपरटेक ने अवैध तरीके से दो टावर खड़े कर दिए।

टाइमलाइन

  • 2005 में सुपरटेक लिमिटेड ने एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) नाम से ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण आरंभ किया।
  • जून 2006 में नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सुपरटेक को इस इलाके में एक्स्ट्रा जमीन आवंटित की गई।
  • 2005 में सुपरटेक को कुल 14 टावरों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण की इजाजत मिली थी। 2006 में प्लान में बदलाव किया गया। यह बदलाव 11 फ्लोर के 15 टावरों में कुल 689 फ्लैट्स के निर्माण के लिए किया गया।
  • नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक की मिलीभगत से 2009 में ट्विन टावर का निर्माण शुरू किया गया।
  • साल 2012 में कई खरीददार बिल्डिंग के प्लान में बदलाव का हवाला देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट चले गए।
  • वर्ष 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्विन टावर को अवैध करार दिया।
  • मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को इस इमारत को गिराने का आदेश दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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