महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बड़ी राहत दी है। सरकार ने परमबीर सिंह के खिलाफ लगे सभी आरोपों को वापस लेते हुए उनका निलंबन रदद् कर दिया। साथ ही सरकार ने कहा है कि यह माना जाए कि निलंबन अवधि में परमबीर सिंह ड्यूटी पर थे।
Maharashtra government drops all charges against former Mumbai police commissioner Param Bir Singh. The state government also quashed the suspension orders issued in December 2021 and said that he was on duty during the period of suspension. pic.twitter.com/7ER4Vj21ZQ
— ANI (@ANI) May 12, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त सचिव वेंकटेश भट ने आदेश जारी कर परमबीर सिंह पर लगे सभी आरोप रद्द कर दिए हैं। इस आदेश में कहा गया है, “अखिल भारतीय सेवा नियम, 1969 के नियम 8 के तहत परमबीर सिंह, सेवानिवृत्त आईपीएस के खिलाफ दिनांक 02/12/2021 के आरोपों को वापस लिया जा रहा है। साथ ही, सभी मामले बंद किए जा रहे हैं।”
महाराष्ट्र-
— Gaurav Singh Sengar (@sengarlive) May 12, 2023
शिंदे सरकार ने पूर्व IPS परमवीर सिंह को बड़ी राहत दी,जाँच ख़त्म,निलंबन ख़त्म !! pic.twitter.com/5agbNzxioc
बता दें कि परमबीर सिंह पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगे थे। परमबीर सिंह के साथ 6 पुलिस अधिकारियों एवं अन्य के खिलाफ जुलाई 2021 में रंगदारी का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। आज भले ही परमबीर सिंह पर लगे सभी आरोप वापस ले लिए गए हैं और उनका निलंबन भी समाप्त हो गया है, लेकिन वह अब रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में निलंबन समाप्त होने के बाद भी वह नौकरी में वापस नहीं आ सकते।
क्यों हुए थे निलंबित
परमबीर सिंह पर सर्विस रूल के उल्लंघन का आरोप है। वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर 29 अगस्त, 2021 तक की छुट्टी पर गए थे। लेकिन, छुट्टियाँ खत्म होने के बाद भी उन्होंने अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। इसके अलावा परमबीर सिंह मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों की बरामदगी और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के बाद से मुंबई और सैटेलाइट शहरों में कई आरोपों का सामना कर रहे थे।
इस मामले में वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप शर्मा और सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था। एंटीलिया मामले की जाँच की आँच जब परमबीर सिंह पर पहुँची तो उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने के लिए कहा था।
इस केस में तत्कालीन डीजीपी संजय पांडे ने परमबीर सिंह मामले में दर्ज FIR में शामिल सभी लोगों को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन इसे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) मनुकुमार श्रीवास्तव ने वापस कर दिया था। इसके बाद परमबीर सिंह और एक डीसीपी को सस्पेंड करने का प्रस्ताव फिर से पेश किया गया। इस प्रस्ताव को राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल और सीएम उद्धव ठाकरे ने मंजूरी दे दी थी।
गौरतलब है कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र की तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लगाया था। परमबीर सिंह ने कहा था कि अनिल देशमुख ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को हर हफ्ते 100 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया था। इन आरोपों के बाद देशमुख को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यही नहीं, भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।