Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजगृह मंत्रालय ने सस्पेंड किया 9 NGO का FCRA लाइसेंस, ईसाई-इस्लामी समूहों के अलावा...

गृह मंत्रालय ने सस्पेंड किया 9 NGO का FCRA लाइसेंस, ईसाई-इस्लामी समूहों के अलावा पेगासस से भी जुड़े हैं तार

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस मामले में जाँच के लिए 2 सदस्यीय आयोग गठित किया था। उस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर को सौंपी गई थी। वह सीएचआरआई की कार्यकारी समिति के सदस्य हैं।

गैर लाभकारी संगठनों (NGO) की आड़ में चल रहे ईसाई और इस्लामी संगठनों पर सख्ती बरतते हुए गृह मंत्रालय ने अब तक इस साल में 9 और पिछले डेढ़ महीने में 6 संगठनों के विदेशी फंडिंग लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक एफसीआरए के तहत अब सिर्फ 22,708 सक्रिय एनजीओ और अन्य संघ पंजीकृत हैं।

मालूम हो कि ये एनजीओ लंबे वक्त से फंड का दुरुपयोग करने के कारण जाँच के दायरे में थीं। इससे पहले 27 अगस्त को सुन्नी नेता शेख अबूबकर अहमद से जुड़े केरल के एक NGO, ‘मरकज़ुल इघासथिल कैरियाथिल हिंडिया’ का एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल किया गया था। उन पर भी फंड के दुरुपयोग और 2019-20 में वार्षिक एफसीआरए रिटर्न के दौरान तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने का आरोप था।

एनजीओ को 146 करोड़ रुपए विदेशों से मिले थे। 35 दानदाता थे जिनमें से 28 केवल यूएई से थे जबकि अन्य ओमान, तुर्की, और ब्रिटेन से थे। इस एनजीओ से पहले लखनऊ की अल हस एड्यूकेशन एंड वेल्फेयर ऑर्गेनाइजेशन पर गाज गिरी थी। फिर हरियाणा के मेवात ट्रस्ट एड्यूकेशनल वेल्फेयर का भी लाइसेंस 180 दिन के लिए सस्पेंड हुआ था।

ईसाई समूहों की बात करें तो ओडिशा की ‘पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एम्पॉवरमेंट ऑफ ट्राइबल एंड हेवनली ग्रेस मिनिस्ट्रीज’ और मदुरई की ‘रुश फाउंडेशन’ को निलंबन का सामना करना पड़ा था। इसके बाद बेंगलुरु स्थित ‘सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज’ और आंध्र प्रदेश से बाहर संचालित होने वाला मिशनरी संगठन ‘होली स्पिरिट मिनिस्ट्रीज’ शामिल है।

पेगासस से जुड़े है तार

बता दें कि गृह मंत्रालय द्वारा जिन एनजीओ के FCRA अप्रूवल निलंबित हुए हैं उनमें कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव नामक एनजीओ भी शामिल है। इसके FCRA अप्रूवल को इस साल जून में सस्पेंड किया गया था। ये सारी जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया में सोमवार को प्रकाशित हुई है। CHRI के अलावा मंत्रालय ने पूरे साल भर में 8 अन्य (कुल 9) NGO को अप्रूवल देने से मना किया है।

ज्ञात हो कि जिस CHRI के FCRA अप्रूवल को सस्पेंड किया गया था उसमें एक सदस्य मदन लोकुर भी हैं। लोकुर वहीं शख्स हैं जिन्हें बंगाल सरकार ने कथित पेगासस जासूसी मामले में जाँच के लिए गठित आयोग का नेतृत्व करने के लिए कहा था। मदन लोकुर सीएचआरआई की कार्यकारी समिति के सदस्य हैं। ये एक ऐसी संस्था है जिसे साल 2021 में अमेरिकी विदेश विभाग (अमेरिकी दूतावास), नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग, कनाडा के उच्चायोग से भारी योगदान मिला।

यूएस की ओर से इस संस्था को किए गए योगदान का उद्देश्य ‘भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में बंदियों के लिए वकालत और आउटरीच कार्यक्रम’ चलाना था। यूके के लिए ये ‘भारत में न्याय की गति पर शोध और विदेशी राष्ट्रीय बंदियों और अपराध के शिकार लोगों पर उनका प्रभाव’ जानने के लिए था। वहीं कनाडा के लिए योगदान “Reimbursement of Expenditure” के उद्देश्य से था। इनके अलावा, सीएचआरआई को केलिडोस्कोप डायवर्सिटी ट्रस्ट, फ्रेडरिक नौमैन स्टिफ्टंग-जर्मनी, द हैन्स सीडल फाउंडेशन और अन्य से भी योगदान मिला है।

एनजीओ के लिंक द वायर के फाउंडिंग एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन से भी हैं। इस समूह की एक पहल साउथ एशिया मीडिया डिफेंडर्स नेटवर्क (SAMDEN) भी है। इस SAMDEN के कोर मेंबर्स में बांग्लादेश के महफूज अनम, नेपाल के हिमाल की कनक मणि, सलिल त्रिपाठी, मृणाल पांडे, सिद्धार्थ वरदराजन,संजोय हजारिका, न्यूयॉर्क टाइम्स के पूर्व पत्रकार, जॉन जुब्रजाइकी (सिडनी के पत्रकार) शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस मामले में जाँच के लिए 2 सदस्यीय आयोग गठित किया था। उस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर को सौंपी गई थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe