आज कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़े निर्णय की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। जिसमें दो महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पहले फैसले में सांसदों की सैलरी में एक साल के लिए 30% की कटौती का प्रावधान किया गया है। जिसके लिए जरूरी अध्यादेश पर आज कैबिनेट ने मुहर लगा दी। कैबिनेट ने अपने दूसरे फैसले में सांसद विकास निधि यानी एमपीएलएडी फंड को अगले दो सालों के लिए खत्म करने का निर्णय लिया है। सांसद निधि का यह पैसा कोरोना संकट से लड़ने में खर्च किया जाएगा।
Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting of Council of Ministers via video conferencing. Union Home Minister Amit Shah & Defence Minister Rajnath Singh also present. pic.twitter.com/BposTFEIOS
— ANI (@ANI) April 6, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज की कैबिनेट मीटिंग के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ये जानकारी दीं। उन्होंने बताया कि देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी स्वेच्छा से अपने वेतन में 30 फीसदी कटौती की सिफारिश की है। सांसद निधि को अगले दो सालों तक खत्म करने का मतलब है कि इस मद की 7900 करोड़ रूपए की राशि देश की संचित निधि में जाएगी जिसका प्रयोग कोरोना से लड़ने में किया जाएगा।
याद रहे कि प्रत्येक सांसद को प्रति वर्ष अपने लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड के लिए 5 करोड़ रूपए मिलते थे यानी प्रत्येक सांसद 10 करोड़ रूपए जो इन दो वित्तीय वर्षों 2020-21 और 2021-22 में नहीं आवंटित किए जाएँगे। इस राशि का उपयोग अब कोरोना महामारी को देखते हुए हेल्थ और डिजास्टर मैनेजमेंट में किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज की बैठक में मोदी ने कोरोना संकट की पृष्ठभूमि में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने और दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने पर भी चर्चा की। उन्होंने अपने मंत्रियों से राज्यों और जिला प्रशासन के संपर्क में रहने और इस कोरोना महामारी से लड़ने के दौरान जो समस्याएँ सामने आ रही हैं उनका हल निकालने का निर्देश दिया।
इस महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के 8 दिन पहले हुई इस बैठक में मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ रोजगार और मेक इन इंडिया पर विस्तार में बात की। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर मौजूद थे। वहीं मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य अपने-अपने घरों अथवा कार्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।