पश्चिम बंगाल के भूपतिनगर में एनआईए की टीम ने छापेमारी की थी, उस पर हमला हुआ था। एनआईए की टीम पर हमले के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार टीएमसी नेता मनोब्रत जना की पत्नी ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी है। ये एफआईआर महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के आरोपों में दर्ज कराई गई है। हालाँकि एनआईए ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। एनआईए ने कहा कि उनकी टीम की तरफ से कोई भी गैर-कानूनी काम नहीं किया गया, बल्कि एनआईए की टीम बम धमाके की जाँच के लिए पहुँची थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीएमसी के गिरफ्तार नेता मनोब्रत जना की पत्नी मोनी ने एनआई के अधिकारियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें मोनी जना ने कहा है कि एनआईए अधिकारियों ने जाँच के बहाने भूपतिनगर स्थित उनके आवास में जबरन घुसकर उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354बी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। अब एनआईए की तरफ से इन आरोपों को खारिज किया गया है। एनआईए ने कहा कि उसके ऊपर लग रहे आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
एनआईए की टीम ने शनिवार (06 अप्रैल 2024) को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में 2022 में हुए विस्फोट के मामले में दो प्रमुख साजिशकर्ता मनोब्रत जना और बलाई चरण मेइती को गिरफ्तार किया था। विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
पूर्वी मिदनापुर पुलिस ने NIA अधिकारियों के खिलाफ IPC की धारा-354 (शोषण) और 441 (बिना अधिकार प्रवेश) लगाते हुए FIR दर्ज की है। शनिवार (6 अप्रैल, 2024) की सुबह को ये हमला हुआ, रात को FIR दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए TMC कार्यकर्ता मनोव्रत जैन के परिजनों की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया है।
उनका कहना है कि देर रात के समय दरवाजा तोड़ कर NIA के अधिकारियों ने महिलाओं का शोषण किया। हालाँकि, NIA ने अधिकारियों पर हमले को लेकर जो शिकायत भूपतिनगर थाने में ही दर्ज कराई है उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। 3 दिसंबर, 2022 को हुए एक ब्लास्ट के केस में NIA बलाई मैती और मनोव्रत जैन को गिरफ्तार करने गई थी, इसी दौरान उन पर हमला हुआ। इस ब्लास्ट में 3 लोग मारे गए थे।
भाजपा ने इस हमले की तुलना 5 जनवरी, 2024 को संदेशखाली में TMC नेता शाहजहाँ शेख को गिरफ्तार करने गई ED की टीम पर हमले से की है। उसी हमले के बाद जनजातीय समाज की कई महिलाओं ने आगे आकर शाहजहाँ शेख व उसके गुर्गों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। NIA अधिकारियों पर FIR किए जाने को भाजपा के राज्यसभा सांसद समीक भट्टाचार्य ने भारतीय संविधान के विरुद्ध युद्ध की घोषणा करार दिया।
CPI(M) नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस ने NIA पर हमले में आरोपितों को गिरफ्तार करने की बजाए अधिकारियों पर ही FIR दर्ज कर ली, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद यह सन्देश दे रही हैं कि केंद्रीय एजेंसी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। ममता बनर्जी ने भाजपा पर तृणमूल कॉन्ग्रेस के सभी बूथ अध्यक्षों को गिरफ्तार करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि NIA को राज्य में आतंक फैलाने के लिए भेजा गया है।
वहीं, इस मामले में ममता बनर्जी ने एनआईए की टीम पर ही हमला बोला था। उन्होंने सवाल पूछा, “उन्होंने आधी रात को छापा क्यों मारा? उनके पास पुलिस की अनुमति थी? स्थानीय लोगों ने वही किया, जो किसी अजनबी के आधी रात में जाने पर किया जाता है। क्या वे चुनाव से ठीक पहले लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं? बीजेपी क्या सोचती है कि वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार करेंगे? NIA को क्या अधिकार है, जो वे बीजेपी के समर्थन में ये सब कर रहे हैं।”