Tuesday, May 20, 2025
Homeदेश-समाजपब्लिक प्लेस पर हो जातिगत बदसलूकी तभी लागू SC-ST एक्‍ट: कर्नाटक HC ने दिया...

पब्लिक प्लेस पर हो जातिगत बदसलूकी तभी लागू SC-ST एक्‍ट: कर्नाटक HC ने दिया अहम फैसला, बेसमेंट में विवाद के दौरान करवाई गई FIR ख़ारिज

"सहकर्मी का आरोपित रितेश से कंस्‍ट्रक्‍शन के चलते विवाद था जिसमें स्टे भी लिया गया था। ऐसे में इस बात की संभावना है कि शिकायतकर्ता आरोपित को निशाना बनाने के लिए अपने कर्मचारी का सहारा ले रहा हो।"

एक महत्वपूर्ण फैसले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि किसी आरोपित पर SC/ST एक्ट तब ही लागू हो सकता है जब बदसलूकी सार्वजानिक स्थान पर हुई हो। इसी के साथ हाईकोर्ट ने इमारत के बेसमेंट में जातिसूचक शब्द कहने पर दर्ज एक FIR को रद्द करने का आदेश दिया। यह आदेश 10 जून 2022 (शुक्रवार) को दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले की सुनवाई जस्टिस एम नागप्रसन्ना की कोर्ट में हुई। मामला साल 2020 की है। तब मकान मालिक जयकुमार आर नायर के यहाँ बेसमेंट में मोहन नाम का सहकर्मी काम कर रहा था। बेसमेंट हो रहे इस निर्माण का विरोध रितेश नाम का व्यक्ति कर रहा था। रितेश ने इस निर्माण के खिलाफ कोर्ट में स्टे भी लिया था। इस दौरान मोहन ने आरोप लगाया कि रितेश कुमार ने उन्हें बेसमेंट में जातिसूचक शब्द बोले। पुलिस ने इसी आधार पर रितेश के खिलाफ धारा 323 IPC के तहत केस दर्ज किया था।

रितेश ने इसी आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने अपने फैसले में कहा, “बेसमेंट कोई पब्लिक प्लेस नहीं था। इसी के साथ शिकायतकर्ता के सहकर्मी का आरोपित रितेश से कंस्‍ट्रक्‍शन के चलते विवाद था जिसमें स्टे भी लिया गया था। ऐसे में इस बात की संभावना है कि शिकायतकर्ता आरोपित को निशाना बनाने के लिए अपने कर्मचारी का सहारा ले रहा हो।”

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक इसी FIR में शिकायतकर्ता मोहन ने अपनी बाँह पर खरोंच के सामान्य निशान भी दिखाए थे। इसी के साथ उनकी छाती पर भी कुछ निशान पड़े थे। लेकिन उन चोटों से खून बहने का प्रमाण नहीं था। ऐसे में अदालत ने यह कहा कि इस मामले में धारा 323 IPC के तहत अपराध नहीं बनता। अंत में अदालत ने यह कहा कि आरोपित पर केस चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्यों व तथ्यों का अभाव है और ऐसे में आपराधिक केस चलाना न्यायोचित नहीं होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘पाकिस्तान की अवाम से काफी मोहब्बत मिली’: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने डायरी में लिखे थे आतंकी मुल्क को लेकर ‘दिल की बात’, दानिश संग...

हरियाणा के हिसार से पाकिस्तान की जासूसी के आरोप में पकड़ी गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान से खूब प्रेम है। ऐसा ज्योति ने अपनी पर्सनल डायरी में लिखा है।

मुर्शिदाबाद में केवल हिंदू थे टारगेट, सोई रही बंगाल पुलिस: HC जाँच कमेटी की रिपोर्ट से TMC बेनकाब, बताया- MLA अमीरुल इस्लाम के आते...

कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई जाँच समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस हिंसा में ममता बनर्जी की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के स्थानीय नेताओं की अहम भूमिका रही।
- विज्ञापन -