उत्तर प्रदेश में इस वर्ष पंचायत चुनाव होने हैं, जिसे 4 चरणों में संपन्न कराए जाने की योजना है। इसके बाद 2022 में विधानसभा चुनाव होंगे, जिसके परिणामों के हिसाब से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए नैरेटिव तैयार किया जाएगा। इन सबके बीच योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराध को नियंत्रित करने के लिए सख्त बनी हुई है। माफियाओं और गैंगस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई जारी है। 129 अपराधी मारे गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने जानकारी दी है कि मार्च 20, 2017 (जब योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली) से लेकर दिसंबर 31, 2020 तक कुल 129 अपराधी विभिन्न पुलिस मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। इसके अलावा विभिन्न माफियाओं की अब तक 933 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है। हालाँकि, इस अवधि में 13 पुलिसकर्मी बलिदान भी हुए।
इसी अवधि में अब तक उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 12,032 मामले दर्ज किए हैं और 37,511 अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है। साथ ही 525 अपराधियों को NSA के तहत जेल भेजने की कार्रवाई की गई है। हाल ही में कई ऐसे पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त किया गया है, जो अपराध में या अपराधियों का साथ देने में संलिप्त पाए गए थे। यूपी में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुई भर्तियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध भी कम हुए हैं। NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, देश के 21 बड़े राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएँ कम हुईं और राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे रहीं। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के मामले में 2019 में देश का कुल औसत 62.4 फीसदी दर्ज किया गया जबकि उत्तर प्रदेश में 55.4 रहा।
प्रयागराज में जिस तरह से अतीक अहमद और मऊ में मुख़्तार अंसारी जैसे खाकी पहनने वाले माफियाओं पर कार्रवाई हुई है, वो हाल के महीनों में बड़ी खबरें बनीं। अकेले प्रयाग जिले की बात करें तो यहाँ ऐसे 49 माफियाओं के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई हुई है। साथ ही जिस तरह से दंगों से निपटने के लिए उपद्रवियों की संपत्ति नीलाम करने का फैसला लिया गया, उसे अन्य राज्यों ने भी अपनाया और दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई।