Saturday, April 27, 2024
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वकील अबु सोहेल ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी के लिए डाली याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

याचिकाकर्ता अबू सोहेल ने याचिका में कहा कि नुपूर के खिलाफ FIR होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया है। इस याचिका में पुलिस से मामले में निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच की माँग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की माँग को लेकर दाखिल याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। वकील अबु सुहेल द्वारा दाखिल इस याचिका में अधिकारियों को नूपुर शर्मा पर एक्शन लेने एवं उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश देने की माँग की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता अबू सोहेल ने याचिका में कहा कि नुपूर के खिलाफ FIR होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया है। इस याचिका में पुलिस से मामले में निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच की माँग की गई है। इसके अलावा इस अर्जी में हेट स्पीच मामले तहसीन पूनावाला के फैसले को लागू करने की माँग की गई है।

वहीं इस मामले में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने याचिकाकर्ता अबु सोहेल को रजिस्ट्रार के समक्ष इसका उल्लेख करने की सलाह दी। इस पर वकील वहाँ रजिस्टर होने की बात बताते हुए कहा कि वहाँ मिले डेट के अनुसार उच्चतम न्यायालय 11 जुलाई को सुनवाई कर सकता है।

बता दें कि इससे पहले मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को पूर्व न्यायाधीशों और IAS अधिकारियों ने नूपुर शर्मा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की हालिया टिप्पणियों की निंदा की और आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी। 15 पूर्व न्यायाधीशों, अखिल भारतीय सेवा आईएएस के 77 पूर्व अधिकारी और 25 अन्य लोगों ने कहा, “न्यायपालिका के इतिहास में, ये दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियाँ बेमेल हैं। इस मामले में तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाने का आह्वान किया जाता है।”

वहीं इसके जवाब में वकीलों के एक संगठन ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नूपुर शर्मा पर की गई हालिया टिप्पणी का समर्थन भी किया है। एसोसिएशन के चेयरमैन आदिश अगरवाला ने पत्र लिखकर कहा है कि जो भी याचिका सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ दाखिल की जा रही है, उनको खारिज करना चाहिए।

गौरतलब है कि टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। वहीं इस विवाद में अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील लेकर नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहाँ सुनवाई के दौरान न्यायाधीश सूर्यकान्त और पारदीवाला ने उनके खिलाफ तल्ख टिप्पणियाँ कीं और उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उन्हें टीवी पर आकर देश से माफी माँगनी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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