अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के बाद देश भर में बवाल मचा हुआ है। अडानी समूह के शेयरों में बिकवाली से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए। अब अमेरिकी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की माँग उठ रही है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुँच गया है।
एमएल शर्मा नाम के एक वकील ने शुक्रवार (3 फरवरी 2023) को सुप्रीम में एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर हिंडेनबर्ग और उसके संस्थापक नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) के खिलाफ जाँच की माँग की है।
Adani stocks crash
— Bar & Bench (@barandbench) February 3, 2023
Advocate ML Sharma moves #SupremeCourt seeking probe against Hinderburg Research's Nathan Anderson for allegedly short selling. #Adani #AdaniEnterprises #adanifiles pic.twitter.com/Z4kdP8xTqN
शर्मा ने अपनी याचिका में माँग की है कि एंडरसन के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जिन लोगों ने अडानी ग्रुप में निवेश किया है, उन्हें इस हानि के लिए क्षतिपूर्ति दी जाए। याचिका में रिपोर्ट को निर्दोष निवेशकों के साथ धोखा बताया गया है। इसके साथ ही शॉर्ट सेलिंग को धोखाधड़ी बताने की भी माँग की।
रिपोर्ट के बाद बिकवाली की शिकार अडानी ग्रुप को अमेरिका के एसएंडपी डॉव जोन्स इंडेक्स (S&P Dow Jones Index) ने अडानी एंटरप्राइजेज को 7 फरवरी 2023 से स्थिरता सूचकांकों से हटाने की घोषणा की है। उधर, बांग्लादेश ने अडानी समूह के साथ बिजली को लेकर हुई द्विपक्षीय समझौते पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
देश के महशूर वकील हरीश साल्वे ने भी अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है। उन्होंने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को भारत और भारतीय व्यापारियों पर एक तरह का हमला बताया। उन्होंने कहा कि भारत के विकास को प्रभावित करने की यह कोशिश है।
दरअसल, हिंडेनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट के जरिए कंपनियों पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाती है और जब उसके शेयर गिरने लगने हैं तो शॉर्ट सेल कर फायदा कमाती है। कंपनी के शेयर जितने गिरेंगे, कंपनी को उतना ही फायदा होगा। इस मामले में हिंडेनबर्ग अमेरिका में जाँच के घेरे में भी है।