प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना के समक्ष इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अपनी याचिका में चीफ जस्टिस से बुधवार (5 जनवरी 2022) को पंजाब में पीएम मोदी का काफिले को रोके जाने और उनके वापस लौटने के मामले की न्यायिक जाँच कराने की गुजारिश की है।
PM’s security breach: Senior advocate Maninder Singh mentions the matter before CJI NV Ramana in Supreme Court, demanding a probe
— ANI (@ANI) January 6, 2022
Court asks Singh to serve a copy of the petition to the Central and Punjab Govts today pic.twitter.com/lBXByu60ly
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि इस तरह की घटना भविष्य में ना हो, ये सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मनिंदर सिंह से कहा है कि वो केंद्र और पंजाब सरकार को भी इस याचिका की एक-एक कॉपी उपलब्ध करा दें। शुक्रवार (7 जनवरी 2021) को सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगी।
याचिका में जाँच के अलावा पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और पुलिस महानिदेशक (DGP) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को निलंबित करने की भी माँग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में कहा गया कि सुरक्षा चूक स्पष्ट रूप से जानबूझकर की गई थी। इसके लिए पंजाब में कॉन्ग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि पंजाब में राष्ट्रीय सुरक्षा और वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था द्वारा निभाई गई भूमिका गंभीर सवाल उठाती है।
इधर पंजाब सरकार ने पीएम मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई चूक की जाँच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन की है। समिति में रिटायर्ड जज मेहताब सिंह गिल और प्रमुख सचिव (गृह मामले एवं न्याय) अनुराग वर्मा शामिल होंगे। कमेटी 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
हालाँकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बुधवार को ही साफ कह चुके हैं कि घटनाक्रम में पीएम की सुरक्षा में चूक जैसी कोई बात नहीं हुई है। वहीं उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीएम चन्नी के बयान के उलट माना कि सचमुच सुरक्षा में चूक हुई है। इस दौरान सीएम चन्नी बार-बार अपना बयान बदलते रहे।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को हवाई मार्ग से बठिंडा पहुँचे थे, जहाँ से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते बाद में उनका सड़क मार्ग से जाना तय हुआ। प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर जाने के लिए निकले तो उनके काफिले को एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क ब्लॉक कर रोक लिया। प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फँसे रहे। इसके बाद पीएम मोदी बठिंडा एयरपोर्ट और वहाँ से दिल्ली वापस लौट आए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे पीएम की सुरक्षा में गंभीर चूक मानते हुए पंजाब सरकार से रिपोर्ट माँगी है। यह घटना इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि जिस जगह यह घटना हुई, वह पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहाँ से अक्सर बम बरामद होते रहते हैं।