मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार हाथ धो कर ‘न्यूज़ 18’ के पत्रकार अमन चोपड़ा के पीछे पड़ी हुई है। उनके आवास के बाहर राजस्थान के कम से कम 10 पुलिसकर्मियों ने डेरा डाला हुआ है। हालाँकि, इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस भी वहाँ पर मौजूद है, ताकि कोई अवैध कार्रवाई न की जा सके। लोगों ने इसे सत्ता द्वारा एक पत्रकार को चुप कराने के लिए धमकी और प्रताड़ना का मामला करार दिया है।
इतना ही नहीं, राजस्थान पुलिस उस अपार्टमेंट में भी घुस गई जिसमें अमन चोपड़ा का फ़्लैट है और उसके दरवाजे पर वॉरंट चिपका दिया। ये सब तब हो रहा है, जब राजस्थान उच्च-न्यायालय ने ‘न्यूज़ 18’ के एडिटर अमन चोपड़ा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पुलिस को रोक रखा है। उनके घर के दरवाजे पर गिरफ़्तारी का वॉरंट चिपकाने के बाद राजस्थान पुलिस को यूपी पुलिस थाने लेकर गई। इस दौरान अमन चोपड़ा के घर का ताला बंद था।
Rajasthan police outside the resident of Aman Chopra despite stay on coercive action by Rajasthan HC pic.twitter.com/podzrctAmN
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) May 7, 2022
इससे पहले राजस्थान पुलिस ने ‘न्यूज़ 18’ के दफ्तर में जाकर भी इस तरह की हरकतें की थीं और बाद में बयान दिया था कि अमन चोपड़ा उन्हें नहीं मिले। उनके खिलाफ राजस्थान में धार्मिक भावनाएँ भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। राजस्थान के अलवर में जिस तरह से मंदिरों पर बुलडोजर चलाया गया और प्रतिमाएँ फेंक दी गईं, उस पर शो करने के कारण कॉन्ग्रेस सरकार उनके पीछे पड़ी है। अलवर में हिन्दू संगठनों ने भी इस कदम के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन किया है।
राजस्थान पुलिस की इस करतूत का लोग विरोध कर रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे उच्च न्यायालय के आदेश का पूर्ण और बेशर्मी भरा उल्लंघन करार दिया। अधिवक्ता आशुतोष दुबे ने कहा कि ये नई संस्कृति बन गई है कि असली दोषियों को पकड़ने की बजाए घटना के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों को ही चुप कराओ। विक्रांत ने लिखा कि महाराष्ट्र में अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के बाद भी कॉन्ग्रेस ने कोई सबक नहीं सीखा है।