कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में रेप और हत्या मामले में पीड़िता के पिता ने CBI पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जाँच एजेंसी असली दोषियों को बचा रही है। पिता ने ये भी दावा किया कि बेटी के मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप ग्रुप लेफ्ट किया गया है। यानी मौत के बाद भी बेटी का मोबाइल फोन इस्तमाल किया जा रहा था।
मीडिया से बातचीत में पीड़ित पिता ने कहा, “CBI पर भरोसा था लेकिन अब हम सारी उम्मीद खो रहे हैं। CBI मेरी बेटी के बलात्कार और हत्या के पीछे के अपराधियों को जानती है लेकिन वह पूरे मामले का खुलासा नहीं कर रही है।”
#WATCH | North 24 Parganas, West Bengal | RG Kar Medical College and Hospital rape and murder victim's father says, "… CBI has presented two drastically different reports in the Calcutta High Court and the Sealdah district Court… We will tell this today in the High Court that… pic.twitter.com/LFSdgx9Vbz
— ANI (@ANI) April 29, 2025
CBI ने पेश की अलग-अलग रिपोर्ट
पीड़िता के पिता ने बताया कि CBI ने कोलकाता हाई कोर्ट और सियालदह के जिला कोर्ट में दो बिल्कुल अलग रिपोर्ट पेश की हैं। उन्होंने कहा, “हम हाईकोर्ट में यह बताएँगे कि दो अलग-अलग स्थित रिपोर्ट पेश की जा रही हैं। यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी उनके समक्ष प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की गंभीरता पर संदेह कर रहे हैं।”
इसके अलावा पीड़िता के पिता ने दावा किया है कि CBI उनकी बेटी के असली अपराधियों को जानती है लेकिन किसी वजह से इसका खुलासा नहीं कर रही है। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनका CBI से विश्वास टूटता नजर आ रहा है।
बेटी की मौत के बाद मोबाइल नंबर एक्टिव
पीड़िता के पिता ने यह भी दावा किया कि उनकी बेटी का मोबाइल हादसे में मौत के बाद भी एक्टिव है। उन्होंने बताया कि बेटी के नंबर से व्हाट्सअप ग्रुप में हलचल देखी गई है। उन्होंने बताया है कि उनकी बेटी को एक व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनकी बेटी के फोन को एक्सेस किया गया है।
CBI के पास उसका फोन है लेकिन जाँच एजेंसी इस बात से इनकार करती है। पीड़िता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी के मोबाइल फोन में सभी उत्तर हैं। उन्होंने कानूनी प्रक्रिया पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था में किसी पर भी अब भरोसा नहीं है।
मुख्य आरोपित को उम्रकैद
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को एक 31 वर्षीय महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, जिसके बाद लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। मामले की जाँच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने पुलिस की जाँच से असंतोष जताया। इसके बाद मामले को CBI को सौंपा गया था।
CBI ने मुख्य आरोपित संजय रॉय सहित कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिसे इस अपराध का दोषी माना गया। 20 जनवरी 2025 को कोलकाता हाईकोर्ट मामले में मुख्य आरोपित साबित करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी पीड़ितों के माता-पिता का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।